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PM मोदी को मिलेगा लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार, एक मंच पर होंगे शरद पवार, CM शिंदे और अजित - Ajit Pawar

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1 अगस्त 2023 को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. पीएम मोदी के शानदार नेतृत्व और नागरिकों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए उन्हें यह अवॉर्ड दिया जा रहा है.

pm narendra modi
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Published : Jul 11, 2023, 9:15 AM IST

पुणे: एनसीपी में बगावत के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शरद पवार 1 अगस्त,2023 को फिर एक मंच पर होंगे. लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि के मौके पर पुणे में पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. तिलक स्मारक समिति के प्रमुख रोहित तिलक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शरद पवार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़वानीस के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री अजीत पवार भी मौजूद रहेंगे.

रोहित तिलक ने कहा कि 1 अगस्त को लोकमान्य तिलक की 103वीं पुण्यतिथि है. इस अवसर पर पुणे के तिलक महाराष्ट्र विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री मोदी को पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. यह वर्ष पुरस्कार का 41वां वर्ष है. समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर वरिष्ठ नेता शरद पवार को आमंत्रित किया गया है. इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, ट्रस्ट ट्रस्टी सुशील कुमार शिंदे उपस्थित रहेंगे. कार्यक्रम का समय जल्द ही घोषित किया जाएगा.

पहले इन दिग्गजों को किया गया सम्मानित: पुरस्कार में एक स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र और एक लाख रुपये शामिल हैं. इस पुरस्कार की शुरुआत 1983 में की गई थी. यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से देश की भलाई के लिए काम किया है. अब तक एसएम जोशी, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेई, डॉ मनमोहन सिंह, प्रणब मुखर्जी, शंकर दयाल शर्मा, बालासाहेब देवरस, खान अब्दुल गफर खान, शरद पवार, एनआर नारायणमूर्ति, जी माधवन नायर, डॉ कोटा हरिनारायण, राहुल बजाज, बाबा कल्याणी, ई श्रीधरन, प्रो एमएस स्वामीनाथन, डॉ वर्गीस कुरियन सहित अन्य को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

PM मोदी को पुरस्कार देने के ये कारण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' की अवधारणा से स्वदेशी उद्योगों की प्रगति को नई दिशा दी है. लोकमान्य तिलक का नारा था 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है'. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशासन और विकास के लिए जो नीतियां बनाई हैं, वह उसी दिशा में उठाया गया कदम है. वह समाज में गरीबों, अति-गरीबों, कमजोरों और हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए समृद्धि लाने के लिए काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-

प्रधानमंत्री मोदी ने अर्थव्यवस्था, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और सभी के लिए आवास जैसी नीतियों के माध्यम से जन-केंद्रित दृष्टिकोण से विकास पर जोर दिया है. इससे देश के नागरिकों के जीवन में बड़े बदलाव आये हैं. उनके मुख्यमंत्रित्व काल में गुजरात का विकास सभी के लिए एक आदर्श बन गया.

पुणे: एनसीपी में बगावत के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शरद पवार 1 अगस्त,2023 को फिर एक मंच पर होंगे. लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि के मौके पर पुणे में पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. तिलक स्मारक समिति के प्रमुख रोहित तिलक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शरद पवार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़वानीस के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री अजीत पवार भी मौजूद रहेंगे.

रोहित तिलक ने कहा कि 1 अगस्त को लोकमान्य तिलक की 103वीं पुण्यतिथि है. इस अवसर पर पुणे के तिलक महाराष्ट्र विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री मोदी को पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. यह वर्ष पुरस्कार का 41वां वर्ष है. समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर वरिष्ठ नेता शरद पवार को आमंत्रित किया गया है. इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, ट्रस्ट ट्रस्टी सुशील कुमार शिंदे उपस्थित रहेंगे. कार्यक्रम का समय जल्द ही घोषित किया जाएगा.

पहले इन दिग्गजों को किया गया सम्मानित: पुरस्कार में एक स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र और एक लाख रुपये शामिल हैं. इस पुरस्कार की शुरुआत 1983 में की गई थी. यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से देश की भलाई के लिए काम किया है. अब तक एसएम जोशी, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेई, डॉ मनमोहन सिंह, प्रणब मुखर्जी, शंकर दयाल शर्मा, बालासाहेब देवरस, खान अब्दुल गफर खान, शरद पवार, एनआर नारायणमूर्ति, जी माधवन नायर, डॉ कोटा हरिनारायण, राहुल बजाज, बाबा कल्याणी, ई श्रीधरन, प्रो एमएस स्वामीनाथन, डॉ वर्गीस कुरियन सहित अन्य को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

PM मोदी को पुरस्कार देने के ये कारण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' की अवधारणा से स्वदेशी उद्योगों की प्रगति को नई दिशा दी है. लोकमान्य तिलक का नारा था 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है'. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशासन और विकास के लिए जो नीतियां बनाई हैं, वह उसी दिशा में उठाया गया कदम है. वह समाज में गरीबों, अति-गरीबों, कमजोरों और हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए समृद्धि लाने के लिए काम कर रहे हैं.

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प्रधानमंत्री मोदी ने अर्थव्यवस्था, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और सभी के लिए आवास जैसी नीतियों के माध्यम से जन-केंद्रित दृष्टिकोण से विकास पर जोर दिया है. इससे देश के नागरिकों के जीवन में बड़े बदलाव आये हैं. उनके मुख्यमंत्रित्व काल में गुजरात का विकास सभी के लिए एक आदर्श बन गया.

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