जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड राष्ट्र को समर्पित करेंगे. पीएम मोदी इस अवसर पर 18100 करोड़ रुपए से अधिक लागत की सड़क विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे. इसके बाद नजदीक ही दौसा के धनावड़ रेस्ट एरिया में आयोजित सभा के जरिए गुर्जर-मीणा समुदाय को बीजेपी के पक्ष में साधने का प्रयास करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर 2.45 बजे सेना के हेलीकॉप्टर से सीधे दौसा के धनावड़ पहुंचेंगे. इसके बाद करीब तीन बजे एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करेंगे. जबकि सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सड़क मार्ग के रास्ते दौसा पहुंचेंगे. एक्सप्रेस वे के लोकार्पण के बाद पीएम मोदी नजदीक ही रेस्ट एरिया में आयोजित सभा को सम्बोधित करेंगे. बीजेपी की ओर से सभा में 2 लाख से अधिक लोगों के जुटने का दावा किया जा रहा है. सभा में भाषण के बाद मोदी हेलीकॉप्टर से जयपुर हवाई अड्डे पहुंचेंगे. यहां बीजेपी के कुछ नेता और प्रशासनिक अधिकारी मोदी को विदाई देंगे. इसके बाद पीएम मोदी सेना के विशेष विमान से बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे.
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246 किलोमीटर लंबी दूरी, साढ़े तीन घंटे का सफर: दिल्ली-दौसा-लालसोट सेक्शन 246 किलोमीटर लंबा है, जिसे 12150 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से विकसित किया गया है. इस सेक्शन के चालू हो जाने से दिल्ली से जयपुर का यात्रा समय पांच घंटे से कम होकर लगभग साढ़े तीन घंटे रह जाएगा. इस सेक्शन के खुल जाने से पूरे क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी. दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-होगा, जिसकी कुल लंबाई 1,386 किलोमीटर है. इसके बन जाने से दिल्ली और मुंबई के बीच की यात्रा दूरी में 12 प्रतिशत की कमी आएगी और सड़क की लंबाई 1424 किलोमीटर से कम होकर 1242 किलोमीटर रह जाएगी. यात्रा का समय भी घट कर आधा रह जाएगा. पहले जहां 24 घंटे लगते थे, वहीं अब 12 घंटे लगेंगे.
छह राज्यों से गुजरेगा एक्सप्रेस वे: यह एक्सप्रेस वे छह राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा तथा कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे मुख्य शहरों को जोड़ेगा. एक्सप्रेस-वे 93 पीएम गति शक्ति आर्थिक संकुलों, 13 बंदरगाहों, 8 प्रमुख हवाई अड्डों और 8 बहुविध लॉजिस्टिक पार्कों को भी सुविधा प्रदान करेगा. इसके अलावा जेवर एयरपोर्ट, नवी मुंबई एयरपोर्ट और जेएनपीटी पोर्ट जैसी निर्मित होने वाली ग्रीनफील्ड संरचनाओं को भी फायदा पहुंचेगा. इस एक्सप्रेस वे से आसपास के सभी क्षेत्रों की विकास-दिशा पर निर्णायक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
ये योजनाएं भी लोकार्पित करेंगे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड के लोकार्पण के दौरान 247 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की भी आधारशिला रखेंगे, जिन्हें 5940 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से विकसित किया जाना है. इन परियोजनाओं में 2000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से विकसित होने वाला बांदीकुई से जयपुर का 67 किमी लंबा चार लाइनों वाली शाखा-मार्ग, लगभग 3775 करोड़ रुपए से विकसित होने वाला कोटपूतली से बारां ओदानियो और लगभग 150 करोड़ रुपए की लागत से विकसित होने वाले लालसोट-करौली सेक्शन के दो लेन वाले पक्के शोल्डर शामिल हैं.
पुलिस अधिकारियों की बैठक : जयपुर रेंज के आईजी उमेश चंद्र दत्ता ने शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर पुलिस अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने पुलिस के जवानों को पीएम दौरे की ड्यूटी को लेकर जरूरी निर्देश दिए. उद्घाटन समारोह में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी, हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, दौसा की लोकसभा सांसद जसकौर मीणा, राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ीलाल मीणा समेत कई विधायक और जनप्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे में क्या है खास: यह एक्सप्रेस वे देश का सबसे लंबा हाइवे है. अगर आप ईवी से ये सफर तय करना चाहते हैं, तो इस एक्सप्रेस वे पर जगह-जगह ईवी चार्जिंग प्वांइट्स की सुविधा मिलेगी. जर्मन टेक्नोलॉजी बेस्ड यह एक्सप्रेसवे इतना एडवांस है कि अब दिल्ली से मुंबई का सफर आधा हो जाएगा. इसके अलावा, दूरी कम होने की वजह से फ्यूल भी कम लगेगा. जानवरों को रोड पास करने के लिए जगह-जगह पर एनिमल पास बनाए गए हैं ताकि, जानवर सड़कों पर न आ सकें और संभावित दुर्घटना से बचा जा सके.
स्ट्रैचबल हाइवे लेन: 8 लेन वाला यह एक्सप्रेस वे देश का पहला स्ट्रैचबल हाइवे है, जिसे जरूरत पड़ने पर 12 लेन तक बढ़ाया जा सकता है. इस पर प्रत्येक 100 किलोमीटर पर एक ट्रामा सेंटर की सुविधा मिलेगी. दिल्ली से मुंबई तक जाने में हर 50 किलोमीटर पर एक स्टॉपेज जरूर मिलेगा. टोल के मामले में यह हाईवे सबसे अलग है, क्योंकि इसमें जगह-जगह पर आपको टोल प्लाजा से नहीं गुजरना पड़ेगा. क्योंकि हाइवे से जब आप एग्जिट करेंगे तब आपको किलोमीटर के अनुसार टोल का भुगतान करना पड़ेगा.
वन्य जीवों के लिए ओवरपास की सुविधा : एक्सप्रेस वे पर 40 से ज्यादा प्रमुख इंटरचेंज होंगे. जो अलवर, दौसा, कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत से कनेक्टिविटी को बेहतर करेंगे. एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल किया जाना है, जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है. 2018 में परियोजना का प्रारंभिक बजट 98,000 करोड़ रुपए था. इस परियोजना से 10 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित होने जा रहा है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे एशिया का पहला और दुनिया का दूसरा एक्सप्रेस वे है, जहां वन्य जीवों के लिए ओवरपास की सुविधा दी गई है.
दौसा में होने वाली पीएम मोदी की सभा की तैयारियों को लेकर भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, राष्ट्रीय मंत्री डॉ अलका सिंह गुर्जर, अलवर सांसद महंत बालक नाथ, दौसा सांसद जसकौर मीणा सहित अन्य पदाधिकारी ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया और तैयारियों को अंतिम रूप दिया. उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राजस्थान के राज्यपाल सहित अन्य लोग शामिल होंगे.