नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि देश की जनता नकारात्मकता स्वीकार नहीं कर सकती और उनके ऊपर लगाए गए झूठे आरोपों पर कभी भरोसा नहीं करेगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके पास 140 करोड़ देशवासियों के आशीर्वाद का सुरक्षा कवच है जिसे कोई भेद नहीं सकता. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के 2004 से 2014 तक का काल आजादी के इतिहास में सबसे अधिक घोटालों का दशक रहा है और संप्रग सरकार के इन दस साल के कार्यकाल में कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर कोने में भारत के लोग असुरक्षित महसूस करते थे.
मोदी ने 2जी, सीडब्ल्यूजी और अन्य घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि इन दस साल में वैश्विक मंचों पर भारत की साख इतनी कमजोर हो गयी थी कि दुनिया उसकी बात सुनने को तैयार नहीं थी. अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे पर कांग्रेस सहित विपक्ष के आरोपों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन पर लोगों का भरोसा अखबार की सुर्खियों और टेलीविजन पर चमकते चेहरों से नहीं हुआ है बल्कि उन्होंने देश के लिए पूरा जीवन खपा दिया है, पल-पल खपा दिया है तथा देश के लोग झूठे आरोपों पर भरोसा नहीं करने वाले हैं.
प्रधानमंत्री के सदन में जवाब के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि लोकसभा में मोदी ने जो वक्तव्य दिया उसमें सच्चाई नहीं थी और वह उद्योगपति गौतम अडाणी का बचाव कर रहे हैं. उन्होंने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, टभाषण में सच्चाई नहीं है. अगर (अडाणी)मित्र नहीं हैं तो यह कह देते कि जांच होगी.ट राहुल ने ट्वीट भी किया, टन जांच कराएंगे, न जवाब देंगे. प्रधानमंत्री जी बस अपने मित्र का साथ देंगे.'
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा, 'देशवासियों का जो मोदी पर भरोसा है वो इनकी (विपक्ष की) समझ से बाहर है और इनकी समझ से ऊपर की बात है.' प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि जो अहंकार में डूबे रहते हैं, उनको लगता है कि मोदी को गाली देकर ही हमारा रास्ता निकलेगा और गलत आरोप लगा कर ही आगे बढ़ पाएंगे. प्रधानमंत्री के जवाब के दौरान सदन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे.
कांग्रेस का नाम लिए बिना उसके घटते जनाधार पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रसिद्ध कवि दुष्यंत की पंक्तियां पढ़ीं, 'तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल यह है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं...।' मोदी ने कहा कि इनकी गालियां और इनके आरोपों को उन कोटि-कोटि भारतीयों से होकर गुजरना पड़ेगा, जिनको दशकों तक मुसीबत में जिंदगी जीने के लिए इन्होंने मजबूर किया. उन्होंने कहा, 'कुछ लोग अपने लिए और अपने परिवार के लिए जी रहे हैं, लेकिन मोदी देश के 25 करोड़ परिवारों के लिए जी रहा है.'
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प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक विचारधाराएं अलग हो सकती हैं लेकिन यह देश अजर-अमर है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो लोग गांधी के नाम पर बार-बार रोटी सेंकने का प्रयास करते हैं, वे एक बार गांधी को पढ़ लें. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की जिन माताओं, बहनों, बेटियों को उज्ज्वला योजना, जनता को मुफ्त अनाज, आवास आदि योजनाओं का लाभ मिला हो, वे ऐसी गालियों, झूठे आरोपों पर कैसे भरोसा करेंगे. अपने लगभग डेढ़ घंटे के भाषण में मोदी ने कहा कि दुनिया में कोरोना महामारी सहित अनेक संकटपूर्ण हालात के बीच देश को जिस तरह से संभाला गया, उससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है एवं पूरे विश्व में भारत को लेकर सकारात्मकता, आशा और भरोसा है.
प्रधानमंत्री के जवाब के बाद सदन ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया. इसी के साथ इस प्रस्ताव पर लाए गए विपक्षी सदस्यों के विभिन्न संशोधन प्रस्तावों को सदन ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया. भारत राष्ट्र समिति के सदस्यों ने प्रधानमंत्री का जवाब शुरू होने से पहले सदन से बहिर्गमन किया. विपक्ष को नकारात्मकता फैलाने के विरूद्ध सचेत करते हुए मोदी ने कहा, 'भारतीय समाज नकारात्मकता को सहन कर लेता है, स्वीकार नहीं करता है.' भाजपा सदस्यों के 'मोदी-मोदी' के नारे के बीच प्रधानमंत्री ने कहा, 'समय सिद्ध कर रहा है... जो कभी यहां (सत्ता पक्ष में) बैठते थे वो वहां (विपक्ष में) जाने के बाद भी फेल हुए हैं, लेकिन देश पास होता जा रहा है.'
राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के क्रम में उनके कश्मीर जाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जो हाल में जम्मू-कश्मीर घूम कर आए हैं वो भी अब देख सकते हैं कि वहां कितनी आन-बान-शान से घूमा जा सकता है. उन्होंने कहा कि पिछली शताब्दी के उत्तरार्द्ध में वह स्वयं भी यात्रा लेकर कश्मीर गए थे और तब आतंकवादियों ने पोस्टर लगाए थे कि- कौन है ऐसा,जिसने मां का दूध पिया है, जो लाल चौक पर तिरंगा लहराएगा. मोदी ने कहा कि उन्होंने उस वर्ष 23 जनवरी को ऐलान किया था कि 26 जनवरी को 11 बजे वह लाल चौक पर जाएंगे और सुरक्षा तथा बुलेट प्रूफ जैकेट के बिना वहां जाकर तिरंगा फहरायेंगे, फिर देखेंगे कि किसने मां का दूध पीया है.
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गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अडाणी समूह से जुड़े मामले का हवाला देते हुए मंगलवार को लोकसभा में आरोप लगाया था कि 2014 में केंद्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी के आने बाद ऐसा 'असली जादू' हुआ कि आठ वर्षों के भीतर उद्योगपति गौतम अडाणी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए. सत्तापक्ष के सदस्यों की टोका-टोकी के बीच कांग्रेस नेता ने दावा किया था, 'देश की सरकार की मदद से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का हजारों करोड़ रुपया अडाणी जी को मिलता है.'
उनका कहना था, 'हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया है कि अडाणी जी की विदेश में शेल कंपनियां हैं. इन शेल कंपनियों से भारत में जो पैसा आ रहा है, वह किसका है?' कांग्रेस सहित विपक्षी दल हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह को लेकर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच कराने की मांग कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने अपने जवाब में अडाणी समूह के मामले या जेपीसी की मांग पर कुछ नहीं कहा. कोरोना महामारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 100 साल में आई हुई यह भयंकर महामारी, दूसरी तरफ युद्ध की स्थिति, बंटा हुआ विश्व…इस स्थिति में भी, संकट के माहौल में, देश जिस प्रकार से संभला है, इससे पूरा देश आत्मविश्वास और गौरव से भर रहा है.
उन्होंने कहा, 'दुनिया के तमाम देशों व हमारे पड़ोस में जिस तरह के हालात हैं, ऐसे समय में कौन हिंदुस्तानी गौरव नहीं करेगा कि उनका देश दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. आज पूरे विश्व में भारत को लेकर सकारात्मकता है.' उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार मौके को मुसीबत में तब्दील करने का पर्याय बन गई थी. मोदी ने कहा कि जब आईटी क्षेत्र उभर रहा था तब 2जी घोटाला सामने आया, जब असैन्य परमाणु करार हो रहा था तब ये नकदी के बदले वोट में व्यस्त थे और जब वर्ष 2010 में राष्ट्रमंडल खेल हुए तब सीडब्ल्यूजी घोटाले में पूरा देश बदनाम हो गया.
कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्होंने (विपक्ष ने) 9 साल आलोचना करने की जगह आरोप में गंवा दिए. उन्होंने कहा, 'चुनाव हार जाओ तो ईवीएम को गाली, चुनाव आयोग को गाली... कोर्ट में फैसला पक्ष में नहीं आया तो सुप्रीम कोर्ट की आलोचना, भ्रष्टाचार की जांच हो रही हो तो जांच एजेंसियों को गाली, सेना अपना पराक्रम दिखाए तो उस पर आरोप.' उन्होंने कहा कि 2014 के पहले का दशक 'गंवाये दशक' (लॉस्ट डेकेड) के रूप में जाना जाएगा और इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि 2030 का दशक पूरे विश्व के लिए 'भारत का दशक' (इंडियाज डेकेड) है.
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उन्होंने कहा कि भारत में नई संभावनाएं हैं, कोरोनाकाल ने पूरी दुनिया की आपूर्ति श्रृंखला को हिलाकर रख दिया. उन्होंने कहा, 'आज भारत उस कमी को पूरा करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है. कई लोगों को यह बात समझने में काफी देर हो जाएगी.' मोदी ने कहा कि कोरोनाकाल में बहुत से देश अपने नागरिकों की आर्थिक मदद करना चाहते थे, लेकिन असमर्थ थे. उन्होंने कहा , लेकिन यहां कुछ सैकंड में लाखों-करोड़ों रुपये देशवासियों के खातों में जमा हो रहा था.
उन्होंने कहा कि खेलों में कभी देश को कोई पूछता नहीं था, आज हर स्तर पर भारत के खिलाड़ी अपना सामर्थ्य दिखा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, 'पिछले 9 वर्ष में भारत में 90 हजार स्टार्टअप आए हैं. हम दुनिया में इस मामले में तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं, हमारा स्टार्टअप इकोसिस्टम देश के छोटे-छोटे शहरों में पहुंचा है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि मोबाइल विनिर्माण में आज भारत दूसरा बड़ा देश बन गया है, घरेलू हवाई सेवा में आज देश विश्व में तीसरे नंबर पर हैं. उन्होंने कहा कि ऊर्जा उपभोग में आज भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है, नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में चौथे नंबर पर है.
उन्होंने कहा, 'आज पूरी दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है. आज आत्मविश्वास से भरा हुआ देश अपने सपनों और संकल्पों के साथ चलने वाला है.' प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज मजबूरी के कारण नहीं, बल्कि प्रतिबद्धता से सुधार हो रहे हैं. आज पूरे विश्न में भारत को लेकर सकारात्मकता है, एक आशा है और भरोसा है.' उन्होंने कहा कि आज राष्ट्र के रूप में गौरव पूर्ण अवसर हमारे सामने हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के पूरे अभिभाषण में जो बातें कही गयी हैं वे 140 करोड़ देशवासियों के लिए उत्सव का अवसर हैं.
मोदी ने कहा कि खुशी की बात है कि आज भारत को विश्व के समृद्ध देशों के समूह जी-20 की अध्यक्षता का अवसर भी मिला, जो देश के लिए गर्व की बात है. कांग्रेस सदस्यों की टीका-टिप्पणी के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को इसका भी दुख हो रहा है. उन्होंने कहा कि आज दुनिया के सारे विशेषज्ञों को भारत से बहुत आशा और विश्वास है, जिसका कारण भारत में आई स्थिरता, उसकी वैश्विक साख, बढ़ता सामर्थ्य और नयी संभावनाएं हैं.
मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए एक शेर पढ़ा, 'ये कह-कहकर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं.' मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में 'संकल्प से सिद्धि' तक का बढ़िया तरीके से खाका खींचा गया जिसमें एक प्रकार से देश को लेखाजोखा भी दिया गया और प्रेरणा भी दी गयी. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, 'कुछ लोगों ने अभिभाषण से कन्नी काटी. एक बड़े नेता तो राष्ट्रपति का अपमान कर चुके हैं. जनजातीय समुदाय के प्रति उनकी सोच क्या है, यह सामने आ गया.'
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री का इशारा कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की तरफ था जिन्होंने कुछ महीने पहले राष्ट्रपति के खिलाफ एक टिप्पणी की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहुत सारी बातों को विपक्ष ने भी मौन रहकर स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि चर्चा में किसी सदस्य ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में भारत के दुनिया की समस्याओं के समाधान बनने, इस सरकार में लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिलने, भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलने तथा नीतिगत पंगुता से उबरने जैसे उल्लेखों का विरोध नहीं किया.
मोदी ने कहा, 'मुझे आशंका थी कि कुछ लोग इन बातों का विरोध करेंगे, लेकिन मुझे खुशी है कि किसी ने विरोध नहीं किया.' प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि विपक्ष के लोग हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अध्ययनों की बात बहुत करते हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि इस संस्थान ने 'कांग्रेस के उदय और खस्ताहाली' पर भी एक बहुत बढ़िया अध्ययन किया है. उन्होंने कहा, 'मुझे विश्वास है कि कांग्रेस की बर्बादी पर दुनिया के अन्य बड़े बड़े संस्थानों में भी अध्ययन होगा.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं... विचारधारा में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन यह देश अमर-अजर है. उन्होंने कहा, 'आइए, हम चल पड़ें...2047 में एक विकसित भारत बना कर रहेंगे. आइए, एक संकल्प और सपना लेकर चलें। देश आज यहां से एक नई उमंग... नए विश्वास के साथ आगे चल पड़ा है.'
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(पीटीआई-भाषा)