नई दिल्ली : भारत की यूपीआई और सिंगापुर के पे नाउ के बीच मंगलवार (21 फरवरी) को करार होगा. इस करार के बाद एनआरआई भी यूपीआई के जरिये भुगतान कर सकेंगे. इससे पहले यूपीआई सेवा का लाभ केवल भारतीय सिम कार्ड पर ही उपलब्ध था. लेकिन अब विदेश में रहनेवाले भारतीय भी इससे लाभान्वित होंगे. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिंगापुर के उनके समकक्ष ली सीन लूंग वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) और सिंगापुर के पे नाउ के बीच पैसा हस्तांतरण की लिंक सेवा की शुरुआत के साक्षी बनेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी.
पीएमओ के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास और मॉनेटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर (एमएएस) के प्रबंध निदेशक रवि मेनन इस पहल की शुरुआत करेंगे. पीएमओ ने कहा कि फिनटेक नवाचार के लिए भारत सबसे तेजी से बढ़ते पारिस्थितिक तंत्रों में से एक के रूप में उभरा है. उसने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सर्वश्रेष्ठ डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे के वैश्वीकरण को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी का प्रमुख जोर यह सुनिश्चित करने पर रहा है कि यूपीआई का लाभ केवल भारत तक ही सीमित न रहे, बल्कि अन्य देश भी इससे लाभान्वित हों.
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इन दो भुगतान प्रणालियों के लिंकेज से दोनों देशों के निवासियों को सीमा पार प्रेषण के तेजी से और लागत-कुशल हस्तांतरण में मदद मिलेगी. यह सिंगापुर में भारतीय प्रवासियों, विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों और छात्रों को सिंगापुर से भारत में धन के तात्कालिक और कम लागत वाले हस्तांतरण के माध्यम से मदद करेगा.
(पीटीआई-भाषा)