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गुरु तेग बहादुर प्रकाश पर्व : पीएम मोदी ने शीशगंज साहिब में टेका माथा

सिख गुरु तेग बहादुर के प्रकाश पर्व के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी दिल्ली के शीशगंज साहिब गुरुद्वारा पहुंचकर माथा टेका. सूत्रों के मुताबिक, मोदी जिस समय गुरुद्वारा गए, उस समय सड़कों पर किसी तरह का पुलिस बंदोबस्त नहीं किया गया था.

गुरु तेग बहादुर प्रकाश पर्व
गुरु तेग बहादुर प्रकाश पर्व
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Published : May 1, 2021, 8:44 AM IST

Updated : May 1, 2021, 12:01 PM IST

नई दिल्ली : सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर का आज 400वां प्रकाश पर्व (जन्म उत्सव) है. इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी दिल्ली स्थित शीशगंज साहिब गुरुद्वारा पहुंचे और माथा टेककर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

इसके बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया, आज गुरुद्वारा शीशगंज साहिब में मैंने प्रार्थना की. श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन, आदर्शों और सर्वोच्च बलिदान को हम कभी नहीं भूल सकते.

पीएम मोदी ने शीश गंज साहिब में टेका माथा

प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, मोदी जिस समय गुरुद्वारा गए, उस समय सड़कों पर किसी तरह का पुलिस बंदोबस्त नहीं किया गया था और आम लोगों की सुविधा को देखते हुए न ही अवरोधक लगाए गए थे.

मोदी ने ट्वीट किया, 'श्री गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के विशेष अवसर पर मैं उन्हें नमन करता हूं. पिछड़ों की सेवा करने के प्रयासों और अपने साहस के लिए दुनिया भर में उनका सम्मान है. उन्होंने अन्याय और अत्याचार के खिलाफ झुकने से इनकार कर दिया था. उनका सर्वोच्च बलिदान कई लोगों को मजबूती और प्रेरणा देता है.'

केंद्र सरकार ने पिछले साल गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व को धूमधाम के साथ मनाने का फैसला किया था. इस सिलसिले में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की पिछले दिनों एक बैठक भी हुई थी. इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा था कि गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाशोत्सव का अवसर एक राष्ट्रीय कर्तव्य है.

गुरु तेग बहादुर ने दिया था सर्वोच्च बलिदान
सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर ने प्रथम गुरु नानक द्वारा बताए गए मार्ग का अनुसरण किया था. उनके द्वारा रचित 115 पद्य गुरु ग्रंथ साहिब में सम्मिलित हैं. उन्होंने कश्मीरी पंडितों तथा अन्य हिंदुओं को बलपूर्वक मुसलमान बनाने का विरोध किया था.

सन 1675 में मुगल शासक औरंगजेब ने उन्हें इस्लाम कबूल करने को कहा, पर गुरु साहब ने कहा शीश कटा सकते हैं केश नहीं. जिसके कारण औरंगजेब ने सबके सामने उनका सिर कटवा दिया.

गुरुद्वारा शीश गंज साहिब तथा गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब उन स्थानों का स्मरण दिलाते हैं, जहां गुरुजी की हत्या की गई तथा जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया.

विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धांत की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर साहब का स्थान अद्वितीय है.

नई दिल्ली : सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर का आज 400वां प्रकाश पर्व (जन्म उत्सव) है. इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी दिल्ली स्थित शीशगंज साहिब गुरुद्वारा पहुंचे और माथा टेककर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

इसके बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया, आज गुरुद्वारा शीशगंज साहिब में मैंने प्रार्थना की. श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन, आदर्शों और सर्वोच्च बलिदान को हम कभी नहीं भूल सकते.

पीएम मोदी ने शीश गंज साहिब में टेका माथा

प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, मोदी जिस समय गुरुद्वारा गए, उस समय सड़कों पर किसी तरह का पुलिस बंदोबस्त नहीं किया गया था और आम लोगों की सुविधा को देखते हुए न ही अवरोधक लगाए गए थे.

मोदी ने ट्वीट किया, 'श्री गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के विशेष अवसर पर मैं उन्हें नमन करता हूं. पिछड़ों की सेवा करने के प्रयासों और अपने साहस के लिए दुनिया भर में उनका सम्मान है. उन्होंने अन्याय और अत्याचार के खिलाफ झुकने से इनकार कर दिया था. उनका सर्वोच्च बलिदान कई लोगों को मजबूती और प्रेरणा देता है.'

केंद्र सरकार ने पिछले साल गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व को धूमधाम के साथ मनाने का फैसला किया था. इस सिलसिले में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की पिछले दिनों एक बैठक भी हुई थी. इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा था कि गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाशोत्सव का अवसर एक राष्ट्रीय कर्तव्य है.

गुरु तेग बहादुर ने दिया था सर्वोच्च बलिदान
सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर ने प्रथम गुरु नानक द्वारा बताए गए मार्ग का अनुसरण किया था. उनके द्वारा रचित 115 पद्य गुरु ग्रंथ साहिब में सम्मिलित हैं. उन्होंने कश्मीरी पंडितों तथा अन्य हिंदुओं को बलपूर्वक मुसलमान बनाने का विरोध किया था.

सन 1675 में मुगल शासक औरंगजेब ने उन्हें इस्लाम कबूल करने को कहा, पर गुरु साहब ने कहा शीश कटा सकते हैं केश नहीं. जिसके कारण औरंगजेब ने सबके सामने उनका सिर कटवा दिया.

गुरुद्वारा शीश गंज साहिब तथा गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब उन स्थानों का स्मरण दिलाते हैं, जहां गुरुजी की हत्या की गई तथा जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया.

विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धांत की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर साहब का स्थान अद्वितीय है.

Last Updated : May 1, 2021, 12:01 PM IST
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