नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार यानी की आज उत्तर प्रदेश के झांसी और महोबा जिलों का दौरा करेंगे और इस दौरान 6250 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री जल संकट को दूर करने की एक महत्वपूर्ण पहल के तहत अपराह्न लगभग पौने तीन बजे महोबा में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे.
पीएमओ ने कहा, 'इन परियोजनाओं से इस क्षेत्र में जल की कमी की समस्या को दूर करने में मदद मिलेगी और किसानों को आवश्यक राहत मिलेगी.' इन परियोजनाओं में अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली वियर परियोजना, भवानी बांध परियोजना और मझगांव-मिर्च छिड़काव परियोजना शामिल हैं.
पीएमओ ने कहा कि इन परियोजनाओं की कुल लागत 3250 करोड़ रुपये से भी अधिक है और इनके पूरा हो जाने से महोबा, हमीरपुर, बांदा और ललितपुर जिलों में लगभग 65000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई में मदद मिलेगी, जिससे क्षेत्र के लाखों किसान लाभान्वित होंगे. इन परियोजनाओं से इस क्षेत्र में पीने योग्य पेयजल भी उपलब्ध होगा.
इसके बाद प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री झांसी के गरौठा में 600 मेगावाट के अल्ट्रा मेगा सोलर पावर पार्क की आधारशिला रखेंगे. पीएमओ ने कहा कि इसका निर्माण 3000 करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से किया जा रहा है और यह सस्ती बिजली एवं ग्रिड स्थिरता के रूप में दोहरे लाभ प्रदान करने में मदद करेगा.
प्रधानमंत्री झांसी में 'अटल एकता पार्क' का भी उद्घाटन करेंगे. इस पार्क का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है. पीएमओ के मुताबिक यह पार्क 11 करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से बनाया गया है और यह लगभग 40,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. इसमें एक पुस्तकालय के साथ-साथ अटल बिहारी वाजपेयी की एक प्रतिमा भी होगी. इस प्रतिमा का निर्माण प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने किया है, जिनका अहम योगदान 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' में भी रहा है.
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प्रधानमंत्री मोदी उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के झांसी खंड में 400 करोड़ रुपये की परियोजना का शिलान्यास भी करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा देने के लिए 19 नवंबर को झांसी में स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किए गए उपकरणों को सशस्त्र बलों के तीनों सेना प्रमुखों को सौंपेंगे.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री एक कार्यक्रम में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से डिजाइन और विकसित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को वायु सेना प्रमुख को, भारतीय स्टार्टअप द्वारा डिजाइन और विकसित किए गए ड्रोन व यूएवी को थल सेनाध्यक्ष को और डीआरडीओ द्वारा डिजाइन किए गए तथा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा नौसेना के जहाजों के लिए निर्मित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट को नौसेनाध्यक्ष को सौंपेंगे.
(पीटीआई-भाषा)