नई दिल्ली : संसद सत्र के दौरान भाजपा सांसदों के सदन से गायब होने पर पीएम मोदी ने नाराजगी जताई है. पीएम ने ऐसे सांसदों की सूची भी मंगाई है. दरअसल, सोमवार को अधिकरण सुधार विधेयक, 2021 के पारित होने के समय भाजपा के ज्यादातर सदस्य अनुपस्थित थे.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भाजपा संसदीय दल की बैठक में इस पर नाराजगी जताते हुए प्रधानमंत्री ने संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी से उन सांसदों की सूची मंगवाई है, जो उस दौरान सदन में उपस्थित नहीं थे.
ज्ञात हो कि राज्यसभा में सोमवार को संक्षिप्त चर्चा के बाद विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच अधिकरण सुधार विधेयक, 2021को मंजूरी दे दी गई.
इस विधेयक में चलचित्र कानून, सीमा शुल्क कानून, व्यापार चिन्ह कानून सहित कई कानूनों में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है.
विपक्ष ने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव रखा और बाद में उस पर मतविभाजन की मांग की. हालांकि मतविभाजन में सदन ने 44 के मुकाबले 79 मतों से विपक्ष के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.
राज्यसभा में वर्तमान में भाजपा के कुल 94 सदस्य हैं.
सूत्रों ने बताया कि टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के लिए सराहना की गई और पदक विजेताओं का खड़े होकर और तालियां बजाकर सम्मान किया गया.
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सभी सांसदों से कहा कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में क्रिकेट के अलावा अन्य स्थानीय खेलों को बढ़ावा दें ताकि आने वाले समय में और खिलाड़ी उभरें.
इसके लिए उन्होंने सांसदों से खेलों से संबंधित बुनियादी ढांचे का विस्तार करने को कहा कि ताकि युवा प्रतिभाओं को प्रशिक्षण दिया जा सके.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में खेल व युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने टोक्यो ओलंपिक में भारत के प्रदर्शन पर प्रस्तुति दी, जबकि कानून मंत्री व पूर्व खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने खेलों की तैयारियों के बारे में अपनी बात रखी.
बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के बारे में सांसदों को विस्तार से बताया. ज्ञात हो कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली परिचर्चा की अध्यक्षता करने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.
उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये 'समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा : अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता' पर खुली परिचर्चा की अध्यक्षता के दौरान आतंकवाद और समुद्री अपराध के लिए समुद्री मार्ग का दुरुपयोग किए जाने की ओर ध्यान दिलाते हुए चिंता जताई.