नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जनवरी 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा (PM Modi UAE visit) पर जा सकते हैं. नए साल में यह उनका पहला विदेश दौरा होगा. हालांकि अभी तारीख को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. सूत्रों ने कहा कि भारत और यूएई छह जनवरी के आसपास यात्रा कार्यक्रम निर्धारित करने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक तारीख तय नहीं की गई है.
प्रधानमंत्री की रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण खाड़ी देश की प्रस्तावित यात्रा ऐसे समय में हो सकती है, जब दोनों देश अपने कूटनीतिक संबंधों के 50 साल पूरे कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, मोदी इस दौरान दुबई एक्सपो का दौरा भी कर सकते हैं.
भारत और संयुक्त अरब अमीरात आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए व्यापक मुक्त व्यापार समझौते के लिहाज से बातचीत कर रहे हैं और इस यात्रा में उक्त विषय पर आगे बढ़ने की संभावना है.
भारत और संयुक्त अरब अमीरात हाल में चार देशों के एक नए समूह में शामिल हुए, जो व्यापार और निवेश से संबंधित विषयों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है. समूह के अन्य दो सदस्यों में अमेरिका और इजराइल हैं.
दोनों देशों के संबंधों में 2015 में मोदी की यूएई यात्रा के बाद काफी प्रगति देखी गई और इसे साझेदारी में नये दौर की शुरुआत के रूप में देखा गया. एक समृद्ध व्यापार संबंध के अलावा, भारत और यूएई एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी भी साझा करते हैं, जिसमें पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है. यह ध्यान देने योग्य है कि अमेरिका के बाद यूएई, भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है.
यूएई ने भारत में निवेश और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 100 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है.
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान ने 2016 में भारत की यात्रा की थी. वह जनवरी 2017 में गणतंत्र दिवस समारोहों में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए दोबारा भारत आये थे.
प्रधानमंत्री मोदी दुबई में आयोजित छठी 'वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट' में भाग लेने के लिए फरवरी 2018 में दोबारा यूएई गये थे. वह अगस्त 2019 में एक बार फिर यूएई गये, जहां उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ जायेद' से सम्मानित किया गया.
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इस साल (2021) की शुरुआत में, पीएम मोदी ने अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी. दोनों नेताओं ने कोविड महामारी के प्रभाव पर चर्चा की थी.
सूत्रों के मुताबिक, इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत नहीं जाएंगे. भारत की ओर से कुवैत की पहली उच्च स्तरीय यात्रा जून में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने की थी. यात्रा के दौरान, जयशंकर ने कुवैत के विदेश मंत्री के साथ बैठक की थी. 1981 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत की यात्रा की थी, जिसके बाद किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री ने कुवैत की यात्रा नहीं की है.