नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला ने बुधवार को कहा कि यह यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी.
बांग्लादेश लिबरेशन वॉर की 50 वीं वर्षगांठ मना रहा है. यह यात्रा तीन घटनाओं के स्मरणोत्सव के मौके पर आयोजित हो रही है. इसमें मुजीब बोरशो यानि शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी, भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 साल और बांग्लादेश के लिबरेशन वॉर के 50 साल पूरे होना शामिल हैं.
बता दें कि प्रधानमंत्री ने आखिरी बार 2015 में बांग्लादेश का दौरा किया था.
श्रृंगला ने कहा कि दोनों देश राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्षों की याद कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने याद दिलाया कि भारत ने युद्ध में बांग्लादेश को अपना पूरा समर्थन दिया था, जिसमें भारतीय सैनिकों ने भी अपने प्राणों की आहुति दी थी.
यह शेख मुजीबुर रहमान की 100 वीं जयंती की स्मृति का वर्ष भी है. ढाका की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ द्विपक्षीय परामर्श करेंगे.
इसके अलावा पीएम मोदी बांग्लादेश के राष्ट्रपति मो अब्दुल हमीद से भी मुलाकात करेंगे और बाद में बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ ए के अब्दुल मोमेन से मुलाकात करेंगे. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश के समाज के विविध समूहों के साथ भी बातचीत करेंगे.
एफएस श्रृंगला ने विशेष ब्रीफिंग के दौरान कहा कि भारत-बांग्लादेश के बहुपक्षीय संबंध काफी मजबूत हैं और दोनों राष्ट्र एक मजबूत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक बंधन साझा करते हैं.
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध आमतौर पर दोस्ताना रहे हैं, हालांकि कभी-कभी सीमा विवाद भी होते हैं. दोनों दोशों ने ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौते पर 6 जून 2015 को हस्ताक्षर किए थे, जिसने संबंधों में एक नया युग शुरू किया और सभी मुद्दों को दूर कर दिया.
दोनों ही देश SAARC, BIMSTEC, IORA और राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं. हाल ही में भारत-बांग्लादेश के बीच व्यापार और आर्थिक संबंध नई ऊंचाईयों पर पहुंच गए हैं.
इन सबके अलावा कनेक्टिविटी हमेशा भारत-बांग्लादेश संबंधों में एक महत्वपूर्ण रही है. जैसा कि इस वर्ष की ढाका यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा उल्लेख किया था. कनेक्टिविटी दोनों देशों के बीच एक गेम चेंजर साबित हुई हैं.
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वर्ष 2015 में ढाका की अपनी अंतिम यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि भारत बांग्लादेश को दो बिलियन डॉलर की सहायता प्रदान करेगा.
इसके अलावा विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा कि भारत की प्रतिबद्धता रही है कि वह तीस्ता समझौते को जल्द से जल्द पूरा करे. हम यह प्रयास आगे भी जारी रखेंगे.
इसलिए, तीस्ता समझौता मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान प्रमुख चर्चाओं में से एक होने की उम्मीद है. दोनों देशों के बीच कई समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए जाने हैं. प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा भारत के लिए बांग्लादेश की प्राथमिकता को दर्शाती है.
इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेख मुजीबुर रहमान को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें सभी भारतीयों के लिए हीरो बताया. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें रहमान के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लेना उनके लिए सम्मान की बात है.