अहमदाबाद : पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुजरात में स्वागत सेवा के 20 साल पूरे होने पर वर्चुअल संबोधित किया. इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए स्वागत की सफलता का सबसे बड़ा अवार्ड ये है कि इसके जरिए हम गुजरात के लोगों की सेवा कर पाए. उन्होंने कहा कि 2003 में मैंने जब 'स्वागत' की शुरूआत की थी तब मुझे गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में ज्यादा समय नहीं हुआ था. उससे पहले मेरा ज्यादातर जीवन कार्यकर्ता के रूप में बीता था. उन्होंने कहा कि हमारे देश में दशकों से ये मान्यता चली आ रही थी कि कोई भी सरकार आए उसे बनी-बनाई लकीरों पर ही चलते रहना होता है. लेकिन 'स्वागत' के माध्यम से गुजरात ने इस सोच को भी बदलने का काम किया है.
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#WATCH | Gujarat's model of governance has made its own identity in the world. International Telecom Organisation considered it a shining example of e-transparency & e-accountability. It also won the UN Public Service Award: PM Modi at the programme marking 20 years of completion… pic.twitter.com/dwj8w8JDBj
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— ANI (@ANI) April 27, 2023#WATCH | Gujarat's model of governance has made its own identity in the world. International Telecom Organisation considered it a shining example of e-transparency & e-accountability. It also won the UN Public Service Award: PM Modi at the programme marking 20 years of completion… pic.twitter.com/dwj8w8JDBj
— ANI (@ANI) April 27, 2023
पीएम मोदी ने कहा कि कुर्सी मिलने के बाद मैंने मन में ही सोचा था कि मैं वैसा ही रहूंगा जैसा लोगों ने मुझे बनाया है, मैं कुर्सी का गुलाम नहीं बनूंगा. मैं जनता-जनार्दन के बीच रहूंगा, जनता-जनार्दन के लिए रहूंगा. इसी उद्देश्य से स्वागत का जन्म हुआ. उन्होंने कहा कि गुजरात के करोड़ों नागरिकों की सेवा में समर्पित 'स्वागत' 20 वर्ष पूरे कर रहा है और मुझे अभी-अभी पुराने अनुभवों को सुनने का, पुरानी यादें ताजा करने का मौका मिला. 'स्वागत' की सफलता में कितने ही लोगों का अनवरत श्रम लगा है, कितने ही लोगों की निष्ठा लगी है. मैं उन सभी लोगों का धन्यवाद करता हूं.
पीएम ने कहा कि हमने बताया कि गर्वेंनेस सिर्फ नियम, कानून और लकीरों तक सीमित नहीं होती है. गर्वेंनेस होती है- इनोवेशन से, गर्वेंनेस होती है- नए आइडियाज से. गर्वेंनेस प्राणहीन व्यवस्था नहीं है, ये जीवंत व्यवस्था होती है, संवेदनशील व्यवस्था होती है. गर्वेंनेस लोगों की जिंदगियों से, सपनों से और संकल्पों से जुड़ी हुई एक प्रगतिशील व्यवस्था होती है.
बता दें कि पिछले 20 साल से चल रहे स्वागत कार्यक्रम को संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार भी मिल चुका है. इस कार्यक्रम की इसकी शुरुआत 2003 में प्रधानमंत्री द्वारा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में की गई थी. इसकी शुरुआत लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए की गई थी. स्वागत सेवा की विशिष्टिता आम आदमी को अपनी शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने में मदद करती है. इसके अलावा यह त्वरित, कुशल और समय पर शिकायत निवारण सुनिश्चित करके जीवन को आसान बनाता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 99 फीसदी से अधिक शिकायतों का समाधान किया जा चुका है. गौरतलब है कि प्रदेश में विगत 20 साल से ग्राम स्वागत के अंतर्गत तहसील स्वागत, जिला स्वागत एवं राज्य स्वागत कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. ग्राम स्वागत में प्रत्येक माह आयोजित किए जाते हैं जिसमें अधिकारियों द्वारा समस्याओं का समाधान किया जाता है.
सरकार के अनुसार, राज्य के 14,515 ग्राम पंचायतों के 10,095 सरपंच, 53,941 ग्राम पंचायत सदस्य और 18,907 तलाती और वीसीई, कुल 82,943 पदाधिकारियों/कर्मचारियों ने स्वागत की प्रक्रिया पर व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त किया है. इसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' से लोगों को प्रेरणादायी जानकारी मिलती है. इस कार्यक्रम की 100वीं कड़ी में सूरत के इंडोर स्टेडियम में 10 हजार लोग प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात सुनेंगे. इस कार्यक्रम में नेपाल के गृह मंत्री के भी मौजूद रहने की संभावना है.
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