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मोदी युद्ध स्मारक पर स्वर्णिम विजय मशालों के स्वागत समारोह में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra modi) बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर स्वर्णिम विजय मशाल (Swarnim Vijay Mashaal) के स्वागत समारोह में भाग लेंगे. यह जानकारी पीएमओ कार्यालय द्वारा दी गई है.

PM Modi (PIB)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
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Published : Dec 15, 2021, 7:19 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra modi) बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर स्वर्णिम विजय मशालों (Swarnim Vijay Mashaal)के स्वागत समारोह में भाग लेंगे. यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को दी.

भारत की 1971 के युद्ध में जीत और बांग्लादेश के गठन के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह के एक हिस्से के रूप में पिछले साल 16 दिसम्‍बर को ही प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अनन्त ज्वाला से स्वर्णिम विजय मशाल (Swarnim Vijay Mashaals) को जलाया था.

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने चार मशालें भी जलाईं थी. जिन्हें अलग-अलग दिशाओं में जाना था. तभी से यह चार मशालें सियाचिन, कन्याकुमारी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लोंगेवाला, कच्छ के रण, अगरतला आदि सहित देश के कई हिस्सों में जा चुकी हैं. पीएमओ के मुताबिक इन मशालों को प्रमुख युद्ध क्षेत्रों और वीरता पुरस्कार विजेताओं और 1971 के युद्ध के दिग्गजों के घरों में भी ले जाया गया.

ये भी पढ़ें: रामलला के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे जेपी नड्डा सहित 8 राज्यों के मुख्यमंत्री

1971 के भारत-पाक जंग में क्या हुआ था?

1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध का मुख्य कारण बांग्लादेश को आजाद कराना था. इस जंग में भारतीय सेना भी शामिल हुई थी. 13 दिन चली इस लड़ाई में पाक सेना को मुंह की खानी पड़ी. 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी जनरल एएके नियाजी ने अपने 90 हजार सैनिकों के साथ भारत और मुक्ति वाहिनी के सामने ढाका में आत्मसमर्पण कर दिया. इसके साथ ही बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग हो गया था.

ये भी पढ़ें: PM Modi ने दक्षिण भारत के भाजपा सांसदों संग की बैठक

(इनपुट-भाषा)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra modi) बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर स्वर्णिम विजय मशालों (Swarnim Vijay Mashaal)के स्वागत समारोह में भाग लेंगे. यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को दी.

भारत की 1971 के युद्ध में जीत और बांग्लादेश के गठन के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह के एक हिस्से के रूप में पिछले साल 16 दिसम्‍बर को ही प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अनन्त ज्वाला से स्वर्णिम विजय मशाल (Swarnim Vijay Mashaals) को जलाया था.

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने चार मशालें भी जलाईं थी. जिन्हें अलग-अलग दिशाओं में जाना था. तभी से यह चार मशालें सियाचिन, कन्याकुमारी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लोंगेवाला, कच्छ के रण, अगरतला आदि सहित देश के कई हिस्सों में जा चुकी हैं. पीएमओ के मुताबिक इन मशालों को प्रमुख युद्ध क्षेत्रों और वीरता पुरस्कार विजेताओं और 1971 के युद्ध के दिग्गजों के घरों में भी ले जाया गया.

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1971 के भारत-पाक जंग में क्या हुआ था?

1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध का मुख्य कारण बांग्लादेश को आजाद कराना था. इस जंग में भारतीय सेना भी शामिल हुई थी. 13 दिन चली इस लड़ाई में पाक सेना को मुंह की खानी पड़ी. 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी जनरल एएके नियाजी ने अपने 90 हजार सैनिकों के साथ भारत और मुक्ति वाहिनी के सामने ढाका में आत्मसमर्पण कर दिया. इसके साथ ही बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग हो गया था.

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(इनपुट-भाषा)

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