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मन की बात में बोले पीएम, जल हमारे जीवन, आस्था और विकास की धारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आकाशवाणी के कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों से अपने मन के विचार शेयर किए. उन्होंने जल संरक्षण, माघ पूर्णिमा समेत राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि इस बार हरिद्वार में कुंभ भी हो रहा है. उन्होंने कहा कि जल हमारे लिए जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है.

mann ki baat
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Published : Feb 27, 2021, 10:23 PM IST

Updated : Feb 28, 2021, 11:49 AM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों के साथ अपने मन की बात साझा किए. यह 'मन की बात' का 74वां संस्करण था.पीएम मोदी ने मन की बात को संबोधित करते हुए कहा कि कल माघ पूर्णिमा का पर्व था. माघ महीना विशेष रूप से नदियों, सरोवरों और जलस्रोत्रों से जुड़ा हुआ माना जाता है. माघ महीने में किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान को पवित्र माना जाता है.

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बकौल पीएम मोदी, पानी एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. कहा जाता है पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है. वैसे ही पानी का स्पर्श जीवन के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि जब भी माघ महीने और इसके आध्यात्मिक सामाजिक महत्त्व की चर्चा होती है तो ये चर्चा एक नाम के बिना पूरी नहीं होती. ये नाम है संत रविदास जी का. माघ पूर्णिमा के दिन ही संत रविदास जी की जयंती भी होती है.

पीएम ने कहा कि रविदास जी कहते थे

करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस.

कर्म मानुष का धम्र है, सत् भाखै रविदास..

पीएम ने रविदास के उद्धरण का अर्थ बताया और कहा कि हमें निरंतर अपना कर्म करते रहना चाहिए, फिर फल तो मिलेगा ही मिलेगा, कर्म से सिद्धि तो होती ही होती है.

उन्होंने कहा कि संत रविदास जी ने समाज में व्याप्त विकृतियों पर हमेशा खुलकर अपनी बात कही. उन्होंने इन विकृतियों को समाज के सामने रखा. उसे सुधारने की राह दिखाई. तभी तो मीरा जी ने कहा था-

'गुरु मिलिया रैदास, दीन्हीं ज्ञान की गुटकी'

पीएम मोदी ने कहा कि हम अपने सपनों के लिए किसी दूसरे पर निर्भर रहें, ये बिलकुल ठीक नहीं है. जो जैसा है वो वैसा चलता रहे, रविदास जी कभी भी इसके पक्ष में नहीं थे. आज हम देखते हैं कि देश का युवा भी इस सोच के पक्ष में बिलकुल नहीं है

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक, डॉक्टर सी.वी. रमन जी द्वारा की गई 'रमन इफेक्ट' खोज को समर्पित है.

उन्होंने जनता से मिली प्रतिक्रियाओं का जिक्र करते हुए कहा कि केरल से योगेश्वरन जी ने नमो एप पर लिखा है कि रमन इफेक्ट की खोज ने पूरी विज्ञान की दिशा को बदल दिया था.

पीएम मोदी ने कहा कि जब हम विज्ञान की बात करते हैं तो कई बार इसे लोग भौतिकी-रसायन या फिर प्रयोगशालाओं तक ही सीमित कर देते हैं, लेकिन विज्ञान का विस्तार इससे कहीं ज्यादा है और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' में विज्ञान की शक्ति का बहुत योगदान है.

चावल की प्रजाति का जिक्र
उन्होंने कहा कि हैदराबाद के चिंतला वेंकट रेड्डी जी के एक डॉक्टर मित्र ने उन्हें एक बार विटामिन-डी की कमी होने वाली बीमारीयां और इसके खतरे के बारे में बताया. रेड्डी जी किसान हैं, उन्होंने मेहनत की और गेहूं-चावल की ऐसी प्रजातियां विकसित की जो खास तौर पर विटामिन-डी से युक्त है

गर्व से ऊंचा हो जाता है सिर
पीएम मोदी ने कहा कि जब आसमान में हम अपने देश में बने लड़ाकू विमान तेजस को कलाबाजिंयां खाते देखते हैं, तब भारत में बने टैंक, मिसाइलें हमारा गौरव बढ़ाते हैं. उन्होंने कहा कि जब हम दर्जनों देशों तक मेड इन इंडिया वैक्सीन को पहुंचाते हुए देखते हैं तो हमारा माथा और ऊंचा हो जाता है.

सहजन के बीज का विकास
स्थानीय स्तर पर बदलाव ला रहे लोगों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात के पाटन जिले में कामराज भाई चौधरी ने घर में ही सहजन के अच्छे बीज विकसित किए हैं. सहजन को कुछ लोग सर्गवा बोलते हैं, इसे मोंगिया या ड्रम स्टीक भी कहते हैं

आत्मनिर्भर भारत की पहली शर्त
उन्होंने कहा कि कोलकाता के रंजन जी ने अपने पत्र में बहुत ही दिलचस्प और बुनियादी सवाल पूछा है और साथ ही, बेहतरीन तरीके से उसका जवाब भी देने की कोशिश की है. बकौल पीएम मोदी, 'आत्म निर्भर भारत की पहली शर्त होती है- अपने देश की चीजों पर गर्व होना, अपने देश के लोगों द्वारा बनाई वस्तुओं पर गर्व होना.'

यह भी पढ़ें: पीएम ने मन की बात कार्यक्रम में ओडिशा की रहने वाली भाग्यश्री साहू को सराहा

हर मंदिर के पास तालाब
उन्होंने कहा कि जब प्रत्येक देशवासी गर्व करता है, प्रत्येक देशवासी जुड़ता है, तो आत्मनिर्भर भारत सिर्फ एक आर्थिक अभियान न रहकर एक राष्ट्रीय भावनी बन जाती है. पीएम मोदी ने कहा, 'आप हमारे मंदिरों को देखेंगे तो पाएंगे कि हर मंदिर के पास तालाब होता है.'

कछुओं की प्रजाति का संरक्षण
बकौल पीएम मोदी, 'हजो में हयाग्रीव मधेब मंदिर, सोनितपुर के नागशंकर मंदिर और गुवाहाटी में उग्रतारा मंदिर के पास इस प्रकार के तालाब हैं. उन्होंने कहा कि इनका उपयोग विलुप्त होते कछुओं की प्रजातियों को बचाने के लिए किया जा रहा है.

जल पक्षियों की संख्या का गणना
असम के काजीरंगा नेशनल पार्क एंड टाइगर रिजर्व अथॉरिटी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यहां कुछ समय से Annual Waterfowls Census किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस जनगणना (Census) से जल पक्षियों की संख्या का पता चलता है और उनके पसंदीदा Habitat की जानकारी मिलती है.

युवाओं को सेना का प्रशिक्षण
पीएम मोदी ने कहा, 'ओडिशा में अराखुड़ा में एक सज्जन हैं- नायक सर. वैसे तो इनका नाम सिलू नायक है पर सब उन्हें नायक सर ही बुलाते हैं.' उन्होंने कहा कि नायक असल में एक लक्ष्य के साथ (Man on a Mission) जी रहे हैं. नायक के योगदान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह उन युवाओं को मुफ्त में प्रशिक्षित करते हैं जो सेना में शामिल होना चाहते हैं.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों के साथ अपने मन की बात साझा किए. यह 'मन की बात' का 74वां संस्करण था.पीएम मोदी ने मन की बात को संबोधित करते हुए कहा कि कल माघ पूर्णिमा का पर्व था. माघ महीना विशेष रूप से नदियों, सरोवरों और जलस्रोत्रों से जुड़ा हुआ माना जाता है. माघ महीने में किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान को पवित्र माना जाता है.

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बकौल पीएम मोदी, पानी एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. कहा जाता है पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है. वैसे ही पानी का स्पर्श जीवन के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि जब भी माघ महीने और इसके आध्यात्मिक सामाजिक महत्त्व की चर्चा होती है तो ये चर्चा एक नाम के बिना पूरी नहीं होती. ये नाम है संत रविदास जी का. माघ पूर्णिमा के दिन ही संत रविदास जी की जयंती भी होती है.

पीएम ने कहा कि रविदास जी कहते थे

करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस.

कर्म मानुष का धम्र है, सत् भाखै रविदास..

पीएम ने रविदास के उद्धरण का अर्थ बताया और कहा कि हमें निरंतर अपना कर्म करते रहना चाहिए, फिर फल तो मिलेगा ही मिलेगा, कर्म से सिद्धि तो होती ही होती है.

उन्होंने कहा कि संत रविदास जी ने समाज में व्याप्त विकृतियों पर हमेशा खुलकर अपनी बात कही. उन्होंने इन विकृतियों को समाज के सामने रखा. उसे सुधारने की राह दिखाई. तभी तो मीरा जी ने कहा था-

'गुरु मिलिया रैदास, दीन्हीं ज्ञान की गुटकी'

पीएम मोदी ने कहा कि हम अपने सपनों के लिए किसी दूसरे पर निर्भर रहें, ये बिलकुल ठीक नहीं है. जो जैसा है वो वैसा चलता रहे, रविदास जी कभी भी इसके पक्ष में नहीं थे. आज हम देखते हैं कि देश का युवा भी इस सोच के पक्ष में बिलकुल नहीं है

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक, डॉक्टर सी.वी. रमन जी द्वारा की गई 'रमन इफेक्ट' खोज को समर्पित है.

उन्होंने जनता से मिली प्रतिक्रियाओं का जिक्र करते हुए कहा कि केरल से योगेश्वरन जी ने नमो एप पर लिखा है कि रमन इफेक्ट की खोज ने पूरी विज्ञान की दिशा को बदल दिया था.

पीएम मोदी ने कहा कि जब हम विज्ञान की बात करते हैं तो कई बार इसे लोग भौतिकी-रसायन या फिर प्रयोगशालाओं तक ही सीमित कर देते हैं, लेकिन विज्ञान का विस्तार इससे कहीं ज्यादा है और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' में विज्ञान की शक्ति का बहुत योगदान है.

चावल की प्रजाति का जिक्र
उन्होंने कहा कि हैदराबाद के चिंतला वेंकट रेड्डी जी के एक डॉक्टर मित्र ने उन्हें एक बार विटामिन-डी की कमी होने वाली बीमारीयां और इसके खतरे के बारे में बताया. रेड्डी जी किसान हैं, उन्होंने मेहनत की और गेहूं-चावल की ऐसी प्रजातियां विकसित की जो खास तौर पर विटामिन-डी से युक्त है

गर्व से ऊंचा हो जाता है सिर
पीएम मोदी ने कहा कि जब आसमान में हम अपने देश में बने लड़ाकू विमान तेजस को कलाबाजिंयां खाते देखते हैं, तब भारत में बने टैंक, मिसाइलें हमारा गौरव बढ़ाते हैं. उन्होंने कहा कि जब हम दर्जनों देशों तक मेड इन इंडिया वैक्सीन को पहुंचाते हुए देखते हैं तो हमारा माथा और ऊंचा हो जाता है.

सहजन के बीज का विकास
स्थानीय स्तर पर बदलाव ला रहे लोगों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात के पाटन जिले में कामराज भाई चौधरी ने घर में ही सहजन के अच्छे बीज विकसित किए हैं. सहजन को कुछ लोग सर्गवा बोलते हैं, इसे मोंगिया या ड्रम स्टीक भी कहते हैं

आत्मनिर्भर भारत की पहली शर्त
उन्होंने कहा कि कोलकाता के रंजन जी ने अपने पत्र में बहुत ही दिलचस्प और बुनियादी सवाल पूछा है और साथ ही, बेहतरीन तरीके से उसका जवाब भी देने की कोशिश की है. बकौल पीएम मोदी, 'आत्म निर्भर भारत की पहली शर्त होती है- अपने देश की चीजों पर गर्व होना, अपने देश के लोगों द्वारा बनाई वस्तुओं पर गर्व होना.'

यह भी पढ़ें: पीएम ने मन की बात कार्यक्रम में ओडिशा की रहने वाली भाग्यश्री साहू को सराहा

हर मंदिर के पास तालाब
उन्होंने कहा कि जब प्रत्येक देशवासी गर्व करता है, प्रत्येक देशवासी जुड़ता है, तो आत्मनिर्भर भारत सिर्फ एक आर्थिक अभियान न रहकर एक राष्ट्रीय भावनी बन जाती है. पीएम मोदी ने कहा, 'आप हमारे मंदिरों को देखेंगे तो पाएंगे कि हर मंदिर के पास तालाब होता है.'

कछुओं की प्रजाति का संरक्षण
बकौल पीएम मोदी, 'हजो में हयाग्रीव मधेब मंदिर, सोनितपुर के नागशंकर मंदिर और गुवाहाटी में उग्रतारा मंदिर के पास इस प्रकार के तालाब हैं. उन्होंने कहा कि इनका उपयोग विलुप्त होते कछुओं की प्रजातियों को बचाने के लिए किया जा रहा है.

जल पक्षियों की संख्या का गणना
असम के काजीरंगा नेशनल पार्क एंड टाइगर रिजर्व अथॉरिटी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यहां कुछ समय से Annual Waterfowls Census किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस जनगणना (Census) से जल पक्षियों की संख्या का पता चलता है और उनके पसंदीदा Habitat की जानकारी मिलती है.

युवाओं को सेना का प्रशिक्षण
पीएम मोदी ने कहा, 'ओडिशा में अराखुड़ा में एक सज्जन हैं- नायक सर. वैसे तो इनका नाम सिलू नायक है पर सब उन्हें नायक सर ही बुलाते हैं.' उन्होंने कहा कि नायक असल में एक लक्ष्य के साथ (Man on a Mission) जी रहे हैं. नायक के योगदान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह उन युवाओं को मुफ्त में प्रशिक्षित करते हैं जो सेना में शामिल होना चाहते हैं.

Last Updated : Feb 28, 2021, 11:49 AM IST
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