भोपाल। विपक्षी दलों पर भ्रष्टाचार के बाद राजनीतिक दलों के परिवारवाद पर पीएम मोदी ने एक-एक पार्टी को घेरा है. उन्होंने बूथ कार्यकर्ताओं को मंत्र दिया कि "जनता के बीच जाएं और लोगों को बताएं कि आपने अपने बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए जिनको वोट दिया था उसका हश्र क्या हुआ." मोदी ने कहा कि "परिवार के नाम पर वोट मांगती रही पार्टियां अपने और अपने परिवार से आगे नहीं सोच पाई." उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि "अगर आप केवल गांधी परिवार के बेटे और बेटी का विकास चाहते हैं तो कांग्रेस को वोट दीजिए. अगर मुलायम के बेटे का भला करना हो तो समाजवादी पार्टी को वोट दीजिए. शरद पवार की बेटी का भला करना चाहते हों तो NCP को वोट कीजिए." फिर उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि "देशवासियों अगर आप अपने परिवार, अपने बच्चों, अपने पोता-पोती का भला करना है तो वोट भाजपा को दीजिए."
विपक्षी दलों ने मारा जनता का हक: पीएम मोदी ने पेट्रोल की कीमतों को भी अपने भाषण में शामिल किया और कहा कि "विपक्षी दल पेट्रोल की कीमतों पर हाय तौबा करते हैं. बीजेपी सरकार ने देश के लोगों को राहत देने के लिए 2 साल में 2 बार एक्साईज ड्यूटी कम की. लेकिन जिन राज्यों में बीजेपी सरकार नहीं है, वहाॆ सरकारो ने ये कटौती जनता को नहीं दी. वहां वैट बढ़ाकर जनता से वसूली का अभियान जारी रखा है." उन्होंने बीजेपी शासित और कांग्रेस शासित राज्यों में पेट्रोल के दामों का फर्क करके बताया कि "कैसे कांग्रेस शासित राज्यों में जनता से छालावा हो रहा है." उन्होंने बूथ कार्यकर्तों से कहा कि "ये सच्चाई आपको पेट्रोल स्टेशन पर पर्चे बांटकर बताना चाहिए."
एमपी की किसान से कर्जमाफी का भी जिक्र: पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश जैसे राज्य के सबसे बड़े वोट बैंक किसानों का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि "पहले का अनुभव याद कीजिए किसानों के साथ क्या होता था. कांग्रेस की सरकारों में सूखा पड़ता था, किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं, किसान की मदद को बिचौलिया खा जाते थे." उन्होंने कर्जमाफी का जिक्र करते हए कहा कि "कर्जमाफी के लिए कहा कि... 10 दिन में करेंगे 100 दिन में करेंगे... कभी नहीं किया. छोटे किसानों का बैंक में खाता ही नहीं होता. कर्जमाफी के नाम पर राजनीति करते थे. लेकिन हमारी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि से सीधा पैसा किसान के खाते में पहुंचाया. छोटे से छोटा किसान लाभान्वित हो रहा है. आपको आंकड़ा याद रखना चाहिए, सवा 2 लाख रुपए करोड़ रुपए किसानों के खाते में जमा हो चुके हैं. वो भी करीब 11 करोड़ किसान इस स्कीम के लाभार्थी हैं."