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झारखंड रोपवे हादसे के बचाव दल से पीएम मोदी ने की बात, कहा- वर्दी पर लोगों की गहरी आस्था - Trikoot mountain ropeway accident

झारखंड के देवघर में त्रिकूट पर्वत रोपवे हादसे (Trikoot mountain ropeway accident) में मंगलवार को ही बचाव कार्य पूरा हो गया. इसमें वायुसेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीम के साथ रोपवे मेंटिनेंस का काम देखने वाले पन्ना लाल ने कई लोगों की जान बचाई. ऐसे देवदूतों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बातचीत की और हौसला बढ़ाया. पीएम ने बचाव अभियान के डॉक्युमेंटेशन (Advice on the documentation of the rescue operation) की भी सलाह दी. ताकि इस अनुभव का ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सके.

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Published : Apr 13, 2022, 10:14 PM IST

रांची: झारखंड के देवघर में त्रिकूट पर्वत रोपवे हादसे (Trikoot mountain ropeway accident) में मंगलवार को ही बचाव कार्य पूरा हो गया. वायुसेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीम के साथ रोपवे मेंटिनेंस का काम देखने वाले पन्ना लाल ने कई लोगों की जान बचाई. इनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार रात आठ बजे बातचीत की. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेस्क्यू टीम में शामिल जवानों और पन्नालाल का हौसला बढ़ाया. पहले दिन जब राहत कार्य शुरू भी नहीं हो पाया था, तब ही पन्नालाल ने स्थानीय लोगों की मदद से कई लोगों को बचा लिया था. बाद में रात हो गई और अगले दिन फोर्स ने राहत कार्य शुरू किया.

गृहमंत्री अमित शाह ने आईटीबीपी, वायुसेना समेत बचाव दल के लोगों को बधाई दी और उत्साहवर्धन किया. कहा कि ये साझी सफलता है. 2014 के पहले आपदा प्रबंधन का दृष्टिकोण रिलीफ आधारित था, लेकिन अब मानव का जीवन बचाना लक्ष्य बना. अब टीम समन्वय से काम कर लोगों को बचाने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं. त्रिकूट हादसा इसका उदाहरण है. जिसमें जिला प्रशासन समेत सभी ने अच्छी तालमेल से काम किया और नुकसान कम से कम किया. जो लोग बचकर आएं हैं उनको शुभकामनाएं देता हूं.

पीएम मोदी का संवाद

ट्रेनिंग के लिए बचाव अभियान का डॉक्युमेंटेशनः पीएम मोदी ने कहा कि तीन दिनों तक बचाव दल ने मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन किया. पूरे देश ने आपके साहस को सराहा है. हालांकि हमें दुख है कुछ साथियों का जीवन हम नहीं बचा पाए. पीड़ित परिवारों के साथ हमारी संवेदना है. सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. पीएम मोदी ने कहा कि देश को हमारी थल सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और पुलिस सभी पर गर्व है. ये ऐसी कुशल फोर्स हैं, जो देशवासियों को हर संकट से निकालने का माद्दा रखती हैं. बाद में पीएम मोदी ने एनडीआरएफ टीम से रोपवे ट्रॉली से बचाव की तैयारी के बारे में पूछी और इस रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल दूसरी टीम से भी बात की. पीएम मोदी ने बचाव अभियान के डॉक्युमेंटेशन की सलाह दी. ताकि इसे ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सके.

पन्नालाल ने पीएम को यह बतायाः पीएम मोदी ने रेस्क्यू ऑपरेशन में जवानों से उनके अनुभव भी पूछे. सबसे पहले एनडीआरएफ टीम के नेतृत्वकर्ता ओम प्रकाश से तैयारियों और उनके प्रयासों की जानकारी ली. पीएम नरेंद्र मोदी ने रोपवे में मेंटिनेंस का काम करने वाले पन्नालाल से भी हादसे और बचाव अभियान की जानकारी ली. पन्नालाल ने पीएम को इसकी जानकारी दी कि कैसे घटना की सूचना मिलने के बाद उन्होंने अपने साथियों के साथ लोगों को सुरक्षित निकालने का काम शुरू किया. उन्होंने पन्नालाल से यह भी पूछा की ऐसे काम के लिए बहुत ट्रेनिंग की जरूरत होती है, क्या आपने पहले कहीं ट्रेनिंग लिया था. आईटीबीपी ने पीएम मोदी को बताया कि पन्नालाल ने आईटीबीपी के लिए गाइड का काम किया. उन्होंने ही बताया कि किन ट्रॉलियों में बच्चे हैं. इस पर पीएम मोदी ने कहा कि मुश्किल परिस्थितियों में धैर्य से काम करने से सफलता जरूर मिलती है. आपने जिस धैर्य का परिचय दिया, उसके लिए आप प्रशंसा के पात्र हैं.

पहले दिन लोगों का हौसला बढ़ाना था चैलेंजः स्थानीय प्रशासन की ओर से उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री ने पीएम मोदी को बताया कि घटना की सूचना मिलने पर सबसे पहले उन्होंने एसडीओ को भेजा और एनडीआरएफ को सूचना दी. इसके बाद एसपी के साथ खुद घटनास्थल पर पहुंचे. घायलों को अस्पताल में भिजवाया. उपायुक्त ने कहा कि पहले दिन सबसे बड़ा चैलेंज लोगों का हौसला बढ़ाना था. हालात देख हमने आकलन कर लिया था कि हवाई मार्ग से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चल सकता है. देवघर उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि केबल कंपनी के कर्मचारियों और एनडीआरएफ की मदद से रोपवे में फंसे लोगों के लिए बिजली और पानी का इंतजाम किया. लोगों तक पहुंचना मुश्किल था, इसलिए फंसे लोगों से माइक से बात की. स्थिति का आकलन किया, तब पता चला कि ट्रॉली में 48 लोग हैं. एयरफोर्स के आने से पहले ही हेलीपैड तैयार करा दिया गया था. एनडीआरएफ और भारतीय सेना के जवान जब पहुंचे तो उन्होंने भी कहा कि हवाई मार्ग से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चल सकता है.

डीसी को आई ऐसी-ऐसी कॉलः डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि सुबह-सुबह 4 बजे उनके पास एक कॉल आई. एक व्यक्ति ने कहा कि हमें जल्द निकालिए, क्योंकि मेरे बेटे का बोर्ड एग्जाम है. इससे हमारा विश्वास बढ़ा कि लोगों में अभी हौसला है. एक और व्यक्ति ने सुबह 5 बजे फोन कर कहा कि आप बार-बार कह रहे हैं कि हेलीकॉप्टर आ रहा है, अब तक क्यों नहीं आया. क्या नौटंकी हो रही है. हमने फिर उन्हें भरोसा दिलाया. इसके बाद तमाम एजेंसियों से समन्वय स्थापित करने के बाद ऑपरेशन जारी रखा. रात में ड्रोन की मदद से लोगों को भोजन और पानी पहुंचाया गया.

यह भी पढ़ें- त्रिकूट रोपवे हादसे से ठीक पहले का वीडियो सामने आया

वर्दी पर लोगों को भरोसाः इस दौरान पीएम मोदी ने सभी लोगों से कहा कि वर्दी पर लोगों को बहुत आस्था होती है. संकट में फंसे लोग जब भी आपको देखते हैं, तो उनको विश्वास हो जाता है कि उनकी जान अब सुरक्षित है. बचाव दल से संवाद कार्यक्रम में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और चीफ ऑफ एयर स्टाफ भी मौजूद रहे.

रांची: झारखंड के देवघर में त्रिकूट पर्वत रोपवे हादसे (Trikoot mountain ropeway accident) में मंगलवार को ही बचाव कार्य पूरा हो गया. वायुसेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीम के साथ रोपवे मेंटिनेंस का काम देखने वाले पन्ना लाल ने कई लोगों की जान बचाई. इनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार रात आठ बजे बातचीत की. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेस्क्यू टीम में शामिल जवानों और पन्नालाल का हौसला बढ़ाया. पहले दिन जब राहत कार्य शुरू भी नहीं हो पाया था, तब ही पन्नालाल ने स्थानीय लोगों की मदद से कई लोगों को बचा लिया था. बाद में रात हो गई और अगले दिन फोर्स ने राहत कार्य शुरू किया.

गृहमंत्री अमित शाह ने आईटीबीपी, वायुसेना समेत बचाव दल के लोगों को बधाई दी और उत्साहवर्धन किया. कहा कि ये साझी सफलता है. 2014 के पहले आपदा प्रबंधन का दृष्टिकोण रिलीफ आधारित था, लेकिन अब मानव का जीवन बचाना लक्ष्य बना. अब टीम समन्वय से काम कर लोगों को बचाने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं. त्रिकूट हादसा इसका उदाहरण है. जिसमें जिला प्रशासन समेत सभी ने अच्छी तालमेल से काम किया और नुकसान कम से कम किया. जो लोग बचकर आएं हैं उनको शुभकामनाएं देता हूं.

पीएम मोदी का संवाद

ट्रेनिंग के लिए बचाव अभियान का डॉक्युमेंटेशनः पीएम मोदी ने कहा कि तीन दिनों तक बचाव दल ने मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन किया. पूरे देश ने आपके साहस को सराहा है. हालांकि हमें दुख है कुछ साथियों का जीवन हम नहीं बचा पाए. पीड़ित परिवारों के साथ हमारी संवेदना है. सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. पीएम मोदी ने कहा कि देश को हमारी थल सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और पुलिस सभी पर गर्व है. ये ऐसी कुशल फोर्स हैं, जो देशवासियों को हर संकट से निकालने का माद्दा रखती हैं. बाद में पीएम मोदी ने एनडीआरएफ टीम से रोपवे ट्रॉली से बचाव की तैयारी के बारे में पूछी और इस रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल दूसरी टीम से भी बात की. पीएम मोदी ने बचाव अभियान के डॉक्युमेंटेशन की सलाह दी. ताकि इसे ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सके.

पन्नालाल ने पीएम को यह बतायाः पीएम मोदी ने रेस्क्यू ऑपरेशन में जवानों से उनके अनुभव भी पूछे. सबसे पहले एनडीआरएफ टीम के नेतृत्वकर्ता ओम प्रकाश से तैयारियों और उनके प्रयासों की जानकारी ली. पीएम नरेंद्र मोदी ने रोपवे में मेंटिनेंस का काम करने वाले पन्नालाल से भी हादसे और बचाव अभियान की जानकारी ली. पन्नालाल ने पीएम को इसकी जानकारी दी कि कैसे घटना की सूचना मिलने के बाद उन्होंने अपने साथियों के साथ लोगों को सुरक्षित निकालने का काम शुरू किया. उन्होंने पन्नालाल से यह भी पूछा की ऐसे काम के लिए बहुत ट्रेनिंग की जरूरत होती है, क्या आपने पहले कहीं ट्रेनिंग लिया था. आईटीबीपी ने पीएम मोदी को बताया कि पन्नालाल ने आईटीबीपी के लिए गाइड का काम किया. उन्होंने ही बताया कि किन ट्रॉलियों में बच्चे हैं. इस पर पीएम मोदी ने कहा कि मुश्किल परिस्थितियों में धैर्य से काम करने से सफलता जरूर मिलती है. आपने जिस धैर्य का परिचय दिया, उसके लिए आप प्रशंसा के पात्र हैं.

पहले दिन लोगों का हौसला बढ़ाना था चैलेंजः स्थानीय प्रशासन की ओर से उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री ने पीएम मोदी को बताया कि घटना की सूचना मिलने पर सबसे पहले उन्होंने एसडीओ को भेजा और एनडीआरएफ को सूचना दी. इसके बाद एसपी के साथ खुद घटनास्थल पर पहुंचे. घायलों को अस्पताल में भिजवाया. उपायुक्त ने कहा कि पहले दिन सबसे बड़ा चैलेंज लोगों का हौसला बढ़ाना था. हालात देख हमने आकलन कर लिया था कि हवाई मार्ग से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चल सकता है. देवघर उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि केबल कंपनी के कर्मचारियों और एनडीआरएफ की मदद से रोपवे में फंसे लोगों के लिए बिजली और पानी का इंतजाम किया. लोगों तक पहुंचना मुश्किल था, इसलिए फंसे लोगों से माइक से बात की. स्थिति का आकलन किया, तब पता चला कि ट्रॉली में 48 लोग हैं. एयरफोर्स के आने से पहले ही हेलीपैड तैयार करा दिया गया था. एनडीआरएफ और भारतीय सेना के जवान जब पहुंचे तो उन्होंने भी कहा कि हवाई मार्ग से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चल सकता है.

डीसी को आई ऐसी-ऐसी कॉलः डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि सुबह-सुबह 4 बजे उनके पास एक कॉल आई. एक व्यक्ति ने कहा कि हमें जल्द निकालिए, क्योंकि मेरे बेटे का बोर्ड एग्जाम है. इससे हमारा विश्वास बढ़ा कि लोगों में अभी हौसला है. एक और व्यक्ति ने सुबह 5 बजे फोन कर कहा कि आप बार-बार कह रहे हैं कि हेलीकॉप्टर आ रहा है, अब तक क्यों नहीं आया. क्या नौटंकी हो रही है. हमने फिर उन्हें भरोसा दिलाया. इसके बाद तमाम एजेंसियों से समन्वय स्थापित करने के बाद ऑपरेशन जारी रखा. रात में ड्रोन की मदद से लोगों को भोजन और पानी पहुंचाया गया.

यह भी पढ़ें- त्रिकूट रोपवे हादसे से ठीक पहले का वीडियो सामने आया

वर्दी पर लोगों को भरोसाः इस दौरान पीएम मोदी ने सभी लोगों से कहा कि वर्दी पर लोगों को बहुत आस्था होती है. संकट में फंसे लोग जब भी आपको देखते हैं, तो उनको विश्वास हो जाता है कि उनकी जान अब सुरक्षित है. बचाव दल से संवाद कार्यक्रम में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और चीफ ऑफ एयर स्टाफ भी मौजूद रहे.

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