नई दिल्ली: ताशकंद (Tashkent) के समरकंद (samarkand) में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन 2022 (Shanghai Cooperation Organization Summit 2022) में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रवाना होंगे. वह वहां रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Putin), चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping), ईरानी राष्ट्रपति, पाकिस्तान के पीएम से मिल सकते हैं.
वहां पीएम के अन्य नेताओं से भी मुलाकात की चर्चा है, लेकिन इसे लेकर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. बताया गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी आज दोपहर देश से रवाना होंगे और उनके देर शाम समरकंद पहुंचने की उम्मीद है. पीएम के इस दौरे को लेकर विस्तृत जानकारी देने के लिए विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा की ओर से एक पीसी आयोजित की जाएगी. इसका आयोजन सुबह 11 बजे से होगा.
कल का दिन होगा अहम
इस बैठक का सबसे अहम दिन 16 सितंबर यानी कल होगा. दरअसल, सबसे पहले नेताओं का ग्रुप फ़ोटो होगा. यह पहला मौका होगा जब पीएम नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तानी पीएम शाहबाज़ शरीफ़ समेत अन्य नेता साथ होंगे. इस दौरान इस बात की संभावना जताई जा रही है कि औपचारिक फ़ोटो के बाद नेताओं की अपने सीमित अधिकारियों के साथ रेस्ट्रिक्टेड फ़ॉर्मेट में बैठक होगी. इसके बाद सभी एलसीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल और ऑब्ज़र्वर का दर्जा रखने वाले मुल्कों और संगठनों के प्रतिनिधि भी बैठक में शरीक होंगे. इसी दौरान पीएम मोदी का भी औपचारिक भाषण होगा. इस बैठक के बाद समरकंद मीटिंग के दस्तावेज़ों पर दस्तख़त होंगे. औपचारिक दोपहर भोज के साथ यह बैठक ख़त्म होगी.
क्या है SCO
एससीओ (SCO) मतलब शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन. इसमें सदस्य देशों की संख्या 8 है. इनके नाम भारत, कज़ाख़िस्तान, किर्गीजस्तान, चीन, रूस, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान व उज़बेकिस्तान हैं. अब बात अगर ऑब्ज़र्वर देश की करें तो इसमें अफ़ग़ानिस्तान, बेलारूस, ईरान (समरकंद की बैठक में ईरान सदस्य के तौर पर शामिल हो जाएगा) और मंगोलिया शामिल हैं. इसके पार्टनर देशों में अज़रबैजान, अर्मेनिया, कंबोडिया, नेपाल, तुर्की, नेपाल और श्रीलंका हैं.
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क्या है अहमियत
इस संगठन की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके सदस्यों के पास दुनिया की क़रीब आधी आबादी वाले देश, ऐसे मुल्क जिनके पास दुनिया का 22 प्रतिशत भूभाग और 20 प्रतिशत जीडीपी है.