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पीएम मोदी का अखिलेश पर निशाना, बोले- लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट - पीएम मोदी का गोरखपुर दौरा

गोरखपुर दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाद कारखाना, AIIMS और ICMR के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर का लोकार्पण किया. जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सपा सरकार पर जमकर हमला किया.

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Published : Dec 7, 2021, 2:57 PM IST

गोरखपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गोरखपुर में AIIMS, खाद कारखाना, आईसीएमआर का लोकार्पण किया. इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2017 से पहले की सरकारों ने गोरखपुर एम्स के लिए जमीन देने में आनाकानी की. बहुत दबाव पड़ने पर बेमन से उन्होंने एम्स के लिए जमीन दी. ये लोग इस बात को कभी नहीं समझेंगे कि कोरोना के संकट काल में भी विकास के काम डबल इंजन सरकार ने रुकने नहीं दिया. लोहिया और जयप्रकाश नारायण के संस्कारों को ये लोग कब का छोड़ चुके हैं. आज पूरा यूपी जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है. इन्हें सत्ता से मतलब रहा है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने उन्हें जेल से छुड़ाने के लिए, लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं. यानी खतरे की घंटी हैं.

  • The 'red caps' want to form govt to show leniency towards terrorists, to bring them out of jails. So always remember that the 'red caps' are red alert for UP - they are bells to danger: PM Narendra Modi in Gorakhpur pic.twitter.com/qA8Q7Nr7d5

    — ANI UP (@ANINewsUP) December 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

परियोजनाओं के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले भोजपुरी में लोगों का अभिवादन किया. प्रधानमंत्री ने बड़ी संख्या में पहुंची जनता का धन्यावद किया. प्रधानमंत्री ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि 5 साल पहले वह यहां एम्स और खाद कारखाने का शिलान्यास करने आए थे. आज इन दोनों का एक साथ लोकार्पण करने का सौभाग्य भी आपने मुझे ही दिया है. उन्होंने कहा कि ICMR के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर को भी आज अपनी नई बिल्डिंग मिली है.

पीएम मोदी ने कहा कि जब डबल इंजन की सरकार होती है, तो तेजी से काम भी होता है. जब नेक नीयत से काम होता है, तो आपदाएं भी अवरोध नहीं बन पातीं. जब गरीब-शोषित-वंचित की चिंता करने वाली सरकार होती है, तो वो परिश्रम भी करती है, परिणाम भी लाकर दिखाती है.

पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने यूरिया का गलत इस्तेमाल रोका, यूरिया की 100% नीम कोटिंग की. करोड़ों किसानों को सोएल हेल्थ कार्ड दिए ताकि पता चल सके कि खेत को किस तरह की खाद की जरूरत है. यूरिया के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया. बंद पड़े फर्टीलाइजर प्लांट को फिर से खोलने पर ताकत लगाई.

पीएम मोदी ने कहा कि फर्टिलाइजर प्लांट के शिलान्यास के समय उन्होंने कहा था कि इस कारखाने के कारण, गोरखपुर इस पूरे क्षेत्र में विकास की धुरी बनकर उभरेगा. आज वह इसे सच होते देख रहे हैं. ये कारखाना राज्य के अनेक किसानों को पर्याप्त यूरिया तो देगाा ही, इससे पूर्वांचल में रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे.

गोरखपुर खाद कारखाने की बहुत बड़ी भूमिका देश को यूरिया के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में भी होगी. देश के अलग-अलग हिस्सों में बन रहे 5 फर्टिलाजर प्लांट शुरू होने के बाद 60 लाख टन अतिरिक्त यूरिया देश को मिलेगा. यानी भारत को हजारों करोड़ रुपये विदेश नहीं भेजने होंगे, भारत का पैसा भारत में ही लगेगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आने से पहले यूपी से सिर्फ 20 करोड़ लीटर इथेनॉल तेल कंपनियों को भेजा था. आज करीब 100 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्तर प्रदेश के किसान तेल कंपनियों को भेज रहे हैं. योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए बीते वर्षों में अभूतपूर्व काम किया है. गन्ना किसानों के लिए लाभकारी मूल्य, हाल में साढ़े 300 रुपये तक बढ़ाया है. पहले की 2 सरकारों ने 10 साल में जितना भुगतान गन्ना किसानों को किया था, लगभग उतना योगीजी की सरकार ने साढ़े 4 साल में किया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में एम्स और ICMR रिसर्च सेंटर बनने से अब इंसेफेलाइटिस से मुक्ति के अभियान को और मजबूती मिलेगी. इससे दूसरी संक्रामक बीमारियां, महामारियों के बीच उसके बचाव में भी यूपी को बहुत मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने एम्स का शिलान्यास किया था, तो कहा था कि दिमागी बुखार से इस क्षेत्र को राहत दिलाने के लिए पूरी मेहनत करेंगे. हमारी सरकार ने दिमागी बुखार फैलाने की वजह को दूर करने पर भी काम किया और इसका उपचार भी किया. आज गोरखपुर और बस्ती डिविजन के 7 जिलों में दिमागी बुखार के मामले करीब 90% तक कम हो गए हैं.

प्रधानंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से इस सदी की शुरुआत तक देश में सिर्फ 1 एम्स था. उन्होंने कहा कि अटल जी ने 6 और एम्स स्वीकृत किए थे. बीते 7 वर्षों में 16 नए एम्स बनाने पर देशभर में काम चल रहा है. हमारा लक्ष्य ये है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो.

पढ़ेंः पूर्वांचलवालों को इलाज के लिए अब नहीं जाना होगा दिल्ली, जानें गोरखपुर AIIMS की खासियतें

गोरखपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गोरखपुर में AIIMS, खाद कारखाना, आईसीएमआर का लोकार्पण किया. इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2017 से पहले की सरकारों ने गोरखपुर एम्स के लिए जमीन देने में आनाकानी की. बहुत दबाव पड़ने पर बेमन से उन्होंने एम्स के लिए जमीन दी. ये लोग इस बात को कभी नहीं समझेंगे कि कोरोना के संकट काल में भी विकास के काम डबल इंजन सरकार ने रुकने नहीं दिया. लोहिया और जयप्रकाश नारायण के संस्कारों को ये लोग कब का छोड़ चुके हैं. आज पूरा यूपी जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है. इन्हें सत्ता से मतलब रहा है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने उन्हें जेल से छुड़ाने के लिए, लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं. यानी खतरे की घंटी हैं.

  • The 'red caps' want to form govt to show leniency towards terrorists, to bring them out of jails. So always remember that the 'red caps' are red alert for UP - they are bells to danger: PM Narendra Modi in Gorakhpur pic.twitter.com/qA8Q7Nr7d5

    — ANI UP (@ANINewsUP) December 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

परियोजनाओं के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले भोजपुरी में लोगों का अभिवादन किया. प्रधानमंत्री ने बड़ी संख्या में पहुंची जनता का धन्यावद किया. प्रधानमंत्री ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि 5 साल पहले वह यहां एम्स और खाद कारखाने का शिलान्यास करने आए थे. आज इन दोनों का एक साथ लोकार्पण करने का सौभाग्य भी आपने मुझे ही दिया है. उन्होंने कहा कि ICMR के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर को भी आज अपनी नई बिल्डिंग मिली है.

पीएम मोदी ने कहा कि जब डबल इंजन की सरकार होती है, तो तेजी से काम भी होता है. जब नेक नीयत से काम होता है, तो आपदाएं भी अवरोध नहीं बन पातीं. जब गरीब-शोषित-वंचित की चिंता करने वाली सरकार होती है, तो वो परिश्रम भी करती है, परिणाम भी लाकर दिखाती है.

पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने यूरिया का गलत इस्तेमाल रोका, यूरिया की 100% नीम कोटिंग की. करोड़ों किसानों को सोएल हेल्थ कार्ड दिए ताकि पता चल सके कि खेत को किस तरह की खाद की जरूरत है. यूरिया के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया. बंद पड़े फर्टीलाइजर प्लांट को फिर से खोलने पर ताकत लगाई.

पीएम मोदी ने कहा कि फर्टिलाइजर प्लांट के शिलान्यास के समय उन्होंने कहा था कि इस कारखाने के कारण, गोरखपुर इस पूरे क्षेत्र में विकास की धुरी बनकर उभरेगा. आज वह इसे सच होते देख रहे हैं. ये कारखाना राज्य के अनेक किसानों को पर्याप्त यूरिया तो देगाा ही, इससे पूर्वांचल में रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे.

गोरखपुर खाद कारखाने की बहुत बड़ी भूमिका देश को यूरिया के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में भी होगी. देश के अलग-अलग हिस्सों में बन रहे 5 फर्टिलाजर प्लांट शुरू होने के बाद 60 लाख टन अतिरिक्त यूरिया देश को मिलेगा. यानी भारत को हजारों करोड़ रुपये विदेश नहीं भेजने होंगे, भारत का पैसा भारत में ही लगेगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आने से पहले यूपी से सिर्फ 20 करोड़ लीटर इथेनॉल तेल कंपनियों को भेजा था. आज करीब 100 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्तर प्रदेश के किसान तेल कंपनियों को भेज रहे हैं. योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए बीते वर्षों में अभूतपूर्व काम किया है. गन्ना किसानों के लिए लाभकारी मूल्य, हाल में साढ़े 300 रुपये तक बढ़ाया है. पहले की 2 सरकारों ने 10 साल में जितना भुगतान गन्ना किसानों को किया था, लगभग उतना योगीजी की सरकार ने साढ़े 4 साल में किया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में एम्स और ICMR रिसर्च सेंटर बनने से अब इंसेफेलाइटिस से मुक्ति के अभियान को और मजबूती मिलेगी. इससे दूसरी संक्रामक बीमारियां, महामारियों के बीच उसके बचाव में भी यूपी को बहुत मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने एम्स का शिलान्यास किया था, तो कहा था कि दिमागी बुखार से इस क्षेत्र को राहत दिलाने के लिए पूरी मेहनत करेंगे. हमारी सरकार ने दिमागी बुखार फैलाने की वजह को दूर करने पर भी काम किया और इसका उपचार भी किया. आज गोरखपुर और बस्ती डिविजन के 7 जिलों में दिमागी बुखार के मामले करीब 90% तक कम हो गए हैं.

प्रधानंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से इस सदी की शुरुआत तक देश में सिर्फ 1 एम्स था. उन्होंने कहा कि अटल जी ने 6 और एम्स स्वीकृत किए थे. बीते 7 वर्षों में 16 नए एम्स बनाने पर देशभर में काम चल रहा है. हमारा लक्ष्य ये है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो.

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