नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह इस दशक का पहला सत्र है. सत्र भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सदन में भारत के भविष्य को ध्यान में रखते हुए चर्चा होनी चाहिए. मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे उन सपनों को, उन संकल्पों को तेज गति से सिद्ध करने का ये स्वर्णिम अवसर अब देश के पास आया है. इस दशक का भरपूर उपयोग हो और इसलिए इस सत्र में इस पूरे दशक को ध्यान में रखते हुए चर्चाएं हों, सभी प्रकार के विचारों की प्रस्तुति हो और उत्तम मंथन से उत्तम अमृत प्राप्त हो, ये देश की अपेक्षाएं हैं.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'मुझे विश्वास है कि जिस आशा और अपेक्षा के साथ देश के कोटि-कोटि जनों ने हम सबको संसद में भेजा है, हम संसद के इस पवित्र स्थान का भरपूर उपयोग करते हुए, लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए, जन-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए अपने योगदान में पीछे नहीं रहेंगे, ये मुझे पूरा विश्वास है. सभी सांसद इस सत्र को और अधिक उत्तम बनाएंगे, ये मेरा पूरा विश्वास है.'
उन्होंने कहा कि ये बजट का भी सत्र है. वैसे शायद भारत के इतिहास में पहली बार हुआ कि 2020 में एक नहीं हमें, वित्तमंत्री जी को अलग-अलग पैकेज के रूप में एक प्रकार से चार-पांच मिनी बजट देने पड़े. यानी 2020, एक प्रकार से लगातार मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा. और इसलिए ये बजट भी उन चार-पांच बजट की श्रृंखला में ही देखा जाएगा, ये मुझे पूरा विश्वास है.
पीएम ने कहा कि फिर एक बार आज आदरणीय राष्ट्रपति जी के मार्गदर्शन में दोनों सदन के सभी सांसद मिल करके उनके संदेश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, प्रयासरत हैं.
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