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पीएम मोदी ने की यूपी के चंदौली के काला चावल की तारीफ, कहा-वोकल फॉर लोकल का सटीक उदाहरण

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Published : Mar 28, 2022, 4:20 PM IST

उत्तर प्रदेश के चंदौली का काला चावल यूं तो विश्विख्यात है लेकिन पीएम मोदी ने मन की बात में इसकी तारीफ की तो एक बार फिर से वोकल फॉर लोकल की सोच को बड़ा बल मिला.औषधीय गुणों से भरपूर आज इस काले चावल की विश्व स्तर पर मार्केटिंग की योजना पर काम चल रहा है. अब ये काला चावल ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध है.

Chandauli black rice
चंदौली का काला चावल (फाइल फोटो)

चंदौली: यूं तो उत्तर प्रदेश का चंदौली धान के कटोरे रूप में पहले से ही विख्यात है. लेकिन अब अपनी गुणवत्ता की बदौलत देश-विदेश में धाक जमाने वाले चंदौली के काला चावल के पीएम नरेन्द्र मोदी भी मुरीद हैं. उन्होंने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में चंदौली के काला चावल का जिक्र किया. इसके निर्यात के बारे में चर्चा की. साथ ही किसानों की लीक से हटकर की गई पहल की सराहना की. इससे चंदौली का काला चावल एक बार फिर सुर्खियों में आ गया. वहीं, सीएम योगी ने भी इसके लिए चंदौलीवासियों का हार्दिक अभिनंदन किया है.

किसानों को चार गुना हो रही है आय: प्रधानमंत्री ने मन की बात के दौरान वोकल फॉर लोकल की मुहिम का सटीक उदाहरण चंदौली के काला चावल को बताया. उन्होंने कहा कि किसानों ने इसे अपना उत्पाद बनाया है. जिले में लगभग एक हजार किसानों ने 500 हेक्टेयर में काला चावल की खेती की है. देश की नामी श्रीलाल महल कंपनी ने किसानों का उत्पाद खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. कंपनी ने 20 टन चावल खरीदा है. किसानों को लागत की तुलना में लगभग चार गुना अधिक यानी 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भुगतान किया गया है. शेष स्टॉक की जल्द बिक्री की संभावना है.

कॉमर्शियल वेबसाइट पर बिक रहा काला चावल : चंदौली का काला चावल एक जनपद एक उत्पाद के रूप में भी शामिल किया गया है. इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग का प्रयास किया जा रहा है. चंदौली काला चावल कृषक समिति और उद्यम प्रोत्साहन केंद्र ने काला चावल की ऑनलाइन बिक्री की योजना बनाई है. इसके लिए दुनिया की नामी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी पर पंजीकरण कराया गया है. वहीं ओडीओपी मार्ट पर भी यह उत्पाद उपलब्ध है. लोग घर बैठे इसे खरीद सकते हैं.

ये भी पढ़ें - अडानी गोदाम में नहीं जाएगी किसानों की गेंहू की फसल, सरकार ने वापस लिया फैसला

औषधीय गुणों से भरपूर है काला चावल : बता दें कि चंदौली के काला चावल में एंथ्रोसाइनिन पाया जाता है. इसकी वजह से इसका रंग काला है. राइस रिसर्च इंस्टीच्यूट समेत अन्य संस्थानों ने जांच में इसकी पुष्टि की है. साथ ही इसे औषधीय गुणों से भरपूर बताया है. इसमें विटामिन ई, कैल्शियम और मैग्नीशियमप्रचुर मात्रा में पाया जाता है. जो डायबिटीज, अल्जाइमर, हाइपरटेंशन जैसी गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने में कारगर है.

फिलहाल मार्केटिंग की रफ्तार है धीमी: चंदौली आकांक्षात्मक जिले में चयनित है और कृषि इसके प्रमुख इंडिकेटर्स में शामिल हैं. किसानों की आय बढ़ाने के लिए अभिनव प्रयोग के तौर पर ब्लैक राइस की खेती शुरू की गई थी. धान की फसल के लिए अनुकूल चंदौली में ब्लैक राइस की खेती का प्रयोग काफी हद तक सफल रहा है.

किसानों ने गुणवत्तापूर्ण ब्लैक राइस का उत्पादन किया. धीरे-धीरे इसकी मार्केटिंग भी रफ्तार पकड़ रही है. उद्योग उपायुक्त गौरव मिश्रा ने बताया कि काला चावल की बिक्री के लिए आनलाइन प्लेटफार्म काफी कारगर साबित हो रहा है. इससे किसानों को उपज की अधिक कीमत मिलेगी. विभाग की ओर से काला चावल की ब्रांडिंग व मार्केटिंग पर पूरा फोकस किया जा रहा है. किसानों को इसका लाभ मिलेगा.

चंदौली: यूं तो उत्तर प्रदेश का चंदौली धान के कटोरे रूप में पहले से ही विख्यात है. लेकिन अब अपनी गुणवत्ता की बदौलत देश-विदेश में धाक जमाने वाले चंदौली के काला चावल के पीएम नरेन्द्र मोदी भी मुरीद हैं. उन्होंने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में चंदौली के काला चावल का जिक्र किया. इसके निर्यात के बारे में चर्चा की. साथ ही किसानों की लीक से हटकर की गई पहल की सराहना की. इससे चंदौली का काला चावल एक बार फिर सुर्खियों में आ गया. वहीं, सीएम योगी ने भी इसके लिए चंदौलीवासियों का हार्दिक अभिनंदन किया है.

किसानों को चार गुना हो रही है आय: प्रधानमंत्री ने मन की बात के दौरान वोकल फॉर लोकल की मुहिम का सटीक उदाहरण चंदौली के काला चावल को बताया. उन्होंने कहा कि किसानों ने इसे अपना उत्पाद बनाया है. जिले में लगभग एक हजार किसानों ने 500 हेक्टेयर में काला चावल की खेती की है. देश की नामी श्रीलाल महल कंपनी ने किसानों का उत्पाद खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. कंपनी ने 20 टन चावल खरीदा है. किसानों को लागत की तुलना में लगभग चार गुना अधिक यानी 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भुगतान किया गया है. शेष स्टॉक की जल्द बिक्री की संभावना है.

कॉमर्शियल वेबसाइट पर बिक रहा काला चावल : चंदौली का काला चावल एक जनपद एक उत्पाद के रूप में भी शामिल किया गया है. इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग का प्रयास किया जा रहा है. चंदौली काला चावल कृषक समिति और उद्यम प्रोत्साहन केंद्र ने काला चावल की ऑनलाइन बिक्री की योजना बनाई है. इसके लिए दुनिया की नामी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी पर पंजीकरण कराया गया है. वहीं ओडीओपी मार्ट पर भी यह उत्पाद उपलब्ध है. लोग घर बैठे इसे खरीद सकते हैं.

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औषधीय गुणों से भरपूर है काला चावल : बता दें कि चंदौली के काला चावल में एंथ्रोसाइनिन पाया जाता है. इसकी वजह से इसका रंग काला है. राइस रिसर्च इंस्टीच्यूट समेत अन्य संस्थानों ने जांच में इसकी पुष्टि की है. साथ ही इसे औषधीय गुणों से भरपूर बताया है. इसमें विटामिन ई, कैल्शियम और मैग्नीशियमप्रचुर मात्रा में पाया जाता है. जो डायबिटीज, अल्जाइमर, हाइपरटेंशन जैसी गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने में कारगर है.

फिलहाल मार्केटिंग की रफ्तार है धीमी: चंदौली आकांक्षात्मक जिले में चयनित है और कृषि इसके प्रमुख इंडिकेटर्स में शामिल हैं. किसानों की आय बढ़ाने के लिए अभिनव प्रयोग के तौर पर ब्लैक राइस की खेती शुरू की गई थी. धान की फसल के लिए अनुकूल चंदौली में ब्लैक राइस की खेती का प्रयोग काफी हद तक सफल रहा है.

किसानों ने गुणवत्तापूर्ण ब्लैक राइस का उत्पादन किया. धीरे-धीरे इसकी मार्केटिंग भी रफ्तार पकड़ रही है. उद्योग उपायुक्त गौरव मिश्रा ने बताया कि काला चावल की बिक्री के लिए आनलाइन प्लेटफार्म काफी कारगर साबित हो रहा है. इससे किसानों को उपज की अधिक कीमत मिलेगी. विभाग की ओर से काला चावल की ब्रांडिंग व मार्केटिंग पर पूरा फोकस किया जा रहा है. किसानों को इसका लाभ मिलेगा.

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