नई दिल्ली : आजादी के 75वें सालगिरह पर तिरंगा फहराने के बाद लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर अपने आठवें सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने एक तरफ जहां विकास को लेकर सरकार की भावी योजनाओं की रुपरेखा प्रस्तुत की,वहीं दूसरी तरफ चीन (China) को उसकी विस्तारवाद और पाकिस्तान (Pakistan) को उसकी आतंकवाद की नीति के लिए आड़े हाथों लिया.
चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, 'आज दुनिया भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है और इस दृष्टि के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं. एक आतंकवाद और दूसरा विस्तारवाद. भारत इन दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा है और सधे हुए तरीके से बड़े हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा है.'
उन्होंने कहा कि भारत आज अपना लड़ाकू विमान, पनडुब्बी और गगनयान भी बना रहा है और यह स्वदेशी उत्पादन में भारत के सामर्थ्य को उजागर करता है.
उन्होंने सैन्य बलों को और मजबूत बनाने का संकल्प दोहराया और वर्ष 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक का उल्लेख करते हुए कहा कि यह देश के शत्रुओं का स्पष्ट संदेश है कि भारत अपनी रक्षा में कठोर फैसले भी ले सकता है.
'हमारी ताकत हमारी जीवटता, हमारी ताकत हमारी एकजुटता'
उन्होंने कहा, '21वीं सदी में भारत के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने से कोई भी बाधा रोक नहीं सकती. हमारी ताकत हमारी जीवटता है, हमारी ताकत हमारी एकजुटता है. हमारी प्राण शक्ति, राष्ट्र प्रथम सदैव प्रथम की भावना है.'
सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देने को लोकतंत्र की असली भावना करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में परिसीमन आयोग का गठन हो चुका है और वहां विधानसभा चुनाव की तैयार चल रही है.
उन्होंने विश्वास जताया कि हिमालयी, तटीय और आदिवासी क्षेत्र भविष्य में भारत के विकास का 'बड़ा आधार' बनेंगे. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत को नयी ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही और पूरा इस्तेमाल जरूरी है और इसके लिए जो वर्ग या क्षेत्र पीछे छूट गए हैं, उन्हें आगे बढ़ाना ही होगा.
उन्होंने कहा, 'आज पूर्वोत्तर में संपर्क का नया इतिहास लिखा जा रहा है. ये संपर्क दिलों का भी है और बुनियादी ढांचों का भी है. बहुत जल्द पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों को रेल सेवा से जोड़ने का काम पूरा होने वाला है.'
उन्होंने कहा, 'हमारा पूर्वी भारत, पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख सहित पूरा हिमालय का क्षेत्र हो या हमारा तटीय क्षेत्र या फिर आदिवासी अंचल हो, यह भविष्य में भारत के विकास का बड़ा आधार बनेंगे.'
नये भारत के विकास की रूपरेखा पेश की साथ ही चीन और पाकिस्तान पर निशाना साधा.
विकास की रूपरेखा
आने वाले 25 वर्षों को 'भारत के सृजन का अमृत काल' बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 लाख करोड़ रुपये की 'गतिशक्ति योजना', देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'ग्रीन हाइड्रोज़न मिशन' और अगले 75 सप्ताह में 75 वंदे भारत रेल गाड़ियां चलाने के साथ ही सभी सैनिक स्कूलों के दरवाजे लड़कियों के लिए खोले जाने की घोषणा की.
नागरिकों से समय के साथ ख़ुद को बदलने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भरोसा भी जताया कि 21वीं सदी में भारत के सपनों को पूरा होने से कोई बाधा नहीं रोक सकती.
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत के 100वें स्वाधीनता दिवस पर देश को आत्मनिर्भर बनाने सहित अन्य तय लक्ष्यों को वह प्राप्त करे.
उन्होंने कहा कि राष्ट्र के सभी स्वप्नों को साकार करने के लिए 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' चाहिए.
प्रधानमंत्री ने लगभग डेढ़ घंटे के अपने संबोधन के दौरान देश के विकास में आधुनिक बुनियादी ढांचा पर जोर देते हुए कहा कि जल्द ही प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना शुरू की जाएगी और इसके तहत 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजनायें रोजगार के अवसर पैदा करेंगी.
प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय योजना औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और यातायात की व्यवस्था को दुरूस्त करने वाली होगी. उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के 100 साल पूरे होने से पहले भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मिनर्भर बनायेंगे.
उन्होंने कहा, 'भारत को आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ ढांचागत क्षेत्र के लिये एक समग्र रुख की जरूरत है. इस दिशा में जल्दी ही गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान योजना शुरू की जाएगी.'
इस अवसर पर उन्होंने अगले 75 सप्ताह के भीतर 75 वंदेभारत रेलगाड़ियां चलाने की घोषणा की, जो देश के हर कोने को आपस में जोड़ेंगी. उन्होंने कहा, 'देश ने संकल्प लिया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में 75 वंदेभारत ट्रेनें देश के हर कोने को आपस में जोड़ रही होंगी.'
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