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PM Modi Bhopal Booth Sammelan: बीजेपी के बूथ एजेंट्स को जीत का मंत्र देंगे PM मोदी, सम्मेलन में पहुंचे

'बूथ जीतो चुनाव जीतो' अभियान के तहत बीजेपी ने अपना अभियान शुरू कर दिया है. मंगलवार को बूथ कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देने के लिए प्रधानमंत्री भोपाल पहुंचे हैं. यहां वह बूथ कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में पहुंचे.

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Published : Jun 27, 2023, 12:13 PM IST

Updated : Jun 27, 2023, 12:32 PM IST

PM Modi Bhopal Booth Sammelan
बीजेपी के बूथ एजेंट्स को जीत का मंत्र देंगे पीएम मोदी

भोपाल। मध्यप्रदेश सहित देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने कमर कस ली. एक प्रकार से चुनाव प्रचार का आगाज मंगलवार से पीएम मोदी ने कर दिया है. बूथ जीतो चुनाव जीतो अभियान के तहत बीजेपी ने अपनी मुहिम शुरू कर दी है. मंगलवार को बूथ कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देने के लिए प्रधानमंत्री भोपाल पहुंचे हैं. यहां वह बूथ कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में पहुंचे.

मोदी मंत्र दिलाता है बीजेपी को जीत : बीजेपी के माइक्रो मैनेजमेंट और मोदी मंत्र बीजेपी के संगठनात्मक ढांचे की खासियत है. बीजेपी की वर्किंग चुनाव के आखिरी छोर बूथ से शुरू होती है. पार्टी में अंतिम छोर पर खड़े कार्यकर्ता को भी महत्व देकर ये बताया जाता है कि बीजेपी की जीत की प्रस्तावना तुम्हारे हाथों ही लिखी जानी है. मध्यप्रदेश से 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' का कैम्पेन और पीएम मोदी का जीत का मंत्र एक तरीके से कार्यकर्ताओं को उनकी अहमियत समझाने के साथ चुनाव में जुट जाने के लिए उनका वार्म अप सेशन भी है.

बीजेपी के लिए एमपी में चुनौतियां : मध्यप्रदेश जैसे राज्य में तो ये यूं भी बहुत जरूरी है, क्योंकि यहां 2020 में सिंधिया की एंट्री के साथ नाराज और महाराज बीजेपी की खाई को पाटना सबसे ज्यादा जरूरी है. पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता को ये अहसास कराना सबसे बड़ी चुनौती है कि एमपी में सत्ता का सिरमौर पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता ही हैं. भले 2020 में सत्ता की पृष्ठभूमि अलग रही हो.बता दें कि पीएम मोदी ने ही 1998 के विधानसभा चुनाव में ऐसे कार्यकर्ता गढ़े थे, जो पार्टी के लिए पूरी तरह समर्पित हैं. इन्हे पूर्णकालिक नाम दिया गया था. पीएम मोदी ने उस समय संगठन में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री की जवाबदारी संभालते हुए इन्हें नाम दिया विजयव्रती.

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हर कार्यकर्ता तक सीधी पहुंच : देश की हर विधानसभा सीट से चयनित किए गए वो कार्यकर्ता जो मोदी सरकार की योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाने के साथ बूथ की मजबूती व वोट शेयर बढ़ाने के लिए जरूरी रणनीति पर एक साथ काम करेंगे. एमपी और गुजरात दो ऐसे राज्य रहें हैं, जहां बूथ तक मजबूती का चुनावी प्रयोग सफल रहा है. एमपी इस मामले में आगे है. यहां बूथ पर संगठन ने मजबूती से काम चुनाव से काफी पहले पूरा कर लिया है. चुनाव प्रबंधन के लिए 64 हजार बूथ तैयार करने के साथ पन्ना प्रमुख तक की नियुक्ति की जा चुकी है. यानि चुनावी रणनीति के हिसाब से आखिरी छोर तक पार्टी अपना नेटवर्क तैयार कर चुकी है.

भोपाल। मध्यप्रदेश सहित देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने कमर कस ली. एक प्रकार से चुनाव प्रचार का आगाज मंगलवार से पीएम मोदी ने कर दिया है. बूथ जीतो चुनाव जीतो अभियान के तहत बीजेपी ने अपनी मुहिम शुरू कर दी है. मंगलवार को बूथ कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देने के लिए प्रधानमंत्री भोपाल पहुंचे हैं. यहां वह बूथ कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में पहुंचे.

मोदी मंत्र दिलाता है बीजेपी को जीत : बीजेपी के माइक्रो मैनेजमेंट और मोदी मंत्र बीजेपी के संगठनात्मक ढांचे की खासियत है. बीजेपी की वर्किंग चुनाव के आखिरी छोर बूथ से शुरू होती है. पार्टी में अंतिम छोर पर खड़े कार्यकर्ता को भी महत्व देकर ये बताया जाता है कि बीजेपी की जीत की प्रस्तावना तुम्हारे हाथों ही लिखी जानी है. मध्यप्रदेश से 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' का कैम्पेन और पीएम मोदी का जीत का मंत्र एक तरीके से कार्यकर्ताओं को उनकी अहमियत समझाने के साथ चुनाव में जुट जाने के लिए उनका वार्म अप सेशन भी है.

बीजेपी के लिए एमपी में चुनौतियां : मध्यप्रदेश जैसे राज्य में तो ये यूं भी बहुत जरूरी है, क्योंकि यहां 2020 में सिंधिया की एंट्री के साथ नाराज और महाराज बीजेपी की खाई को पाटना सबसे ज्यादा जरूरी है. पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता को ये अहसास कराना सबसे बड़ी चुनौती है कि एमपी में सत्ता का सिरमौर पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता ही हैं. भले 2020 में सत्ता की पृष्ठभूमि अलग रही हो.बता दें कि पीएम मोदी ने ही 1998 के विधानसभा चुनाव में ऐसे कार्यकर्ता गढ़े थे, जो पार्टी के लिए पूरी तरह समर्पित हैं. इन्हे पूर्णकालिक नाम दिया गया था. पीएम मोदी ने उस समय संगठन में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री की जवाबदारी संभालते हुए इन्हें नाम दिया विजयव्रती.

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हर कार्यकर्ता तक सीधी पहुंच : देश की हर विधानसभा सीट से चयनित किए गए वो कार्यकर्ता जो मोदी सरकार की योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाने के साथ बूथ की मजबूती व वोट शेयर बढ़ाने के लिए जरूरी रणनीति पर एक साथ काम करेंगे. एमपी और गुजरात दो ऐसे राज्य रहें हैं, जहां बूथ तक मजबूती का चुनावी प्रयोग सफल रहा है. एमपी इस मामले में आगे है. यहां बूथ पर संगठन ने मजबूती से काम चुनाव से काफी पहले पूरा कर लिया है. चुनाव प्रबंधन के लिए 64 हजार बूथ तैयार करने के साथ पन्ना प्रमुख तक की नियुक्ति की जा चुकी है. यानि चुनावी रणनीति के हिसाब से आखिरी छोर तक पार्टी अपना नेटवर्क तैयार कर चुकी है.

Last Updated : Jun 27, 2023, 12:32 PM IST
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