नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को शुरू की गई, विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को दिए जाने वाले ऋण पर सरकार आठ प्रतिशत तक सब्सिडी देगी. उन्होंने योजना शुरू करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सरकार 2023-24 के बजट में पहले से ही 13,000 करोड़ रुपये का प्रावधान कर चुकी है.
विश्वकर्मा योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कारीगरों को पांच प्रतिशत की बेहद सस्ती ब्याज दर पर जमानत-मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस योजना में बढ़ई, स्वर्णकार, लोहार, राजमिस्त्री, पत्थर की मूर्ति तराशने वाले मूर्तिकार, नाई और नाविक से जुड़े 18 क्षेत्र शामिल हैं. सरकार इसके तहत तीन लाख रुपये तक का कर्ज देगी.
उन्होंने कहा कि शुरुआत में एक लाख रुपये का कर्ज दिया जाएगा और 18 महीने तक भुगतान करने के बाद लाभार्थी अतिरिक्त दो लाख रुपये का पात्र होगा. योजना के घटकों में ना केवल वित्तीय सहायता बल्कि उन्नत कौशल प्रशिक्षण, आधुनिक डिजिटल तकनीक और कुशल हरित प्रौद्योगिकियों का ज्ञान, ब्रांड प्रचार, स्थानीय और वैश्विक बाजारों के साथ संपर्क, डिजिटल भुगतान और सामाजिक सुरक्षा भी शामिल होगी.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक लाभार्थी को 500 रुपये का दैनिक भत्ता देने के साथ पांच दिनों तक कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रत्येक लाभार्थी की पहचान तीन-स्तरीय तरीके से की जाएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, टूलकिट प्रोत्साहन के रूप में 15,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा.
डिजिटल लेनदेन के लिए महीने में 100 लेनदेन तक करने पर प्रति लेनदेन एक रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा. इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), महिलाओं और कमजोर वर्ग के लोगों को काफी फायदा होगा.