नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय की, उसके फैसलों के मुख्य अंशों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने के लिए सराहना की. भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने हाथ जोड़कर उनकी इस प्रशंसा को स्वीकार किया. स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने मातृभाषा में शिक्षा पर जोर दिया है." उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने वादी द्वारा बोली जाने वाली भाषा में फैसले के मुख्य अंशों का अनुवाद करने का फैसला किया है.
मोदी ने कहा, "मैं उच्चतम न्यायालय का शुक्रिया अदा करता हूं. उसने कहा है कि अब फैसले के मुख्य अंशों का अनुवाद वादी की भाषा में किया जाएगा." लाल किले पर विशेष दीर्घा में मौजूद न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने ‘नमस्ते’ (दोनों हाथ जोड़कर) के इशारे के साथ इसका जवाब दिया. मोदी ने कहा, "मातृभाषा की प्रासंगिकता बढ़ रही है." प्रधान न्यायाधीश ने हाल ही में घोषणा की थी कि उच्चतम न्यायालय अंग्रेजी में लिखे गए फैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम मेधा का उपयोग करेगा.
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न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा था कि फैसले लिखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अंग्रेजी देश के 99.9 प्रतिशत नागरिकों की समझ में नहीं आती है, विशेष रूप से कानूनी शब्दों की जटिलताओं के कारण. उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत शुरू में चार भाषाओं हिंदी, तमिल, गुजराती और ओडिया में फैसलों का अनुवाद करने पर ध्यान केंद्रित करेगी और धीरे-धीरे फैसले सभी अनुसूचित भाषाओं में उपलब्ध कराए जाएंगे. कुछ उच्च न्यायालयों ने अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में भी निर्णय देना शुरू कर दिया है. इससे पहले, शीर्ष अदालत ने 2019 में नौ क्षेत्रीय भाषाओं में अपने फैसले प्रदान करने का फैसला किया था. इस कदम की तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भी सराहना की थी.
(पीटीआई-भाषा)