नई दिल्ली: अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बुधवार को कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन को निमंत्रण दिया है. गार्सेटी ने कहा कि यह निमंत्रण जी20 शिखर सम्मेलन से इतर उनकी द्विपक्षीय बैठक के दौरान दिया गया था.
अन्य QUAD सदस्यों के निमंत्रण के बारे में पूछे जाने पर, गार्सेटी ने स्पष्ट किया कि प्रधान मंत्री मोदी ने विशेष रूप से QUAD का उल्लेख नहीं किया. गौरतलब है कि 2018 में, भारत ने तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का निमंत्रण दिया था, जिसे घरेलू प्रतिबद्धताओं के कारण उन्हें अस्वीकार करना पड़ा था. इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी थे.
2015 में, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत में गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष बने थे. दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान, भारत में अमेरिकी राजदूत ने भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक तनाव को भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो संबंधों को सुलझाने में मदद के लिए अमेरिका हस्तक्षेप कर सकता है.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि दो अन्य देशों के बीच अमेरिका की भूमिका बारे में बात करना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन निश्चित रूप से कनाडा और अमेरिका एक दूसरे के प्रति गहरा सम्मान रखते हैं और विस्तृत संबंध साझा करते हैं. हमारे बीच संबंध होना अपने आप में सब कुछ बताता है. हम अपनी सीमा साझा करते हैं. हमारा सारा इतिहास, संस्कृति और मूल्य लगभग एक जैसे हैं.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है, हमें आपराधिक न्याय जांच की अनुमति देने के लिए तीन सिद्धांतों एकता, संप्रभुता, और गैर-हस्तक्षेप पर लौटना चाहिए और जिम्मेदारी से काम करना चाहिए. अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि मुझे लगता है कि अभी सटीक रूप से कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. देखते हैं आगे मामलों में कैसे विकास होता है. भारत में अमेरिकी दूत ने कहा कि जिम्मेदार व्यक्तियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. गार्सेटी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि पारंपरिक मित्र और साझेदार इसकी तह तक जाने में सहयोग करेंगे.