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वाराणसी में काशी-तमिल समागम का उद्घाटन थोड़ी देर में, वाराणसी पहुंचे पीएम मोदी

वाराणसी में काशी-तमिल समागम (Kashi Tamil Samagam in Varanasi) का पीएम नरेंद्र मोदी आज उद्घाटन करेंगे. पीएम मोदी वाराणसी पहुंच गये हैं.

pm modi in varanasi
Kashi Tamil Samagam in Varanasi
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Published : Nov 19, 2022, 7:16 AM IST

Updated : Nov 19, 2022, 2:13 PM IST

वाराणसी: वाराणसी में काशी-तमिल समागम (Kashi Tamil Samagam in Varanasi) का पीएम नरेंद्र मोदी आज उद्घाटन करेंगे. भारतीय सनातन संस्कृति के दो अहम प्राचीन पौराणिक केंद्रों के मिलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आज अनूठा आयोजन होगा. काशी तमिल संगमम के उद्घाटन समारोह में तमिलनाडु के 12 प्रमुख मठ मंदिर के आदिनम (महंत) को काशी की धरा पर पहली बार सम्मानित किया जाएगा. महामना की बगिया में होने वााले भव्य समारोह में सम्मान समारोह के बाद पीएम मोदी भगवान शिव के ज्योर्तिलिंग काशी विश्वनाथ और रामेश्वरम के एकाकार पर आधीनम से संवाद भी करेंगे. पीएम मोदी वाराणसी पहुंच गये हैं.

काशी और तमिलनाड़ु के बीच आध्यात्मिक संबंधों पर संवाद के साथ ही काशी व काशी विश्वनाथ से वहां के जुड़ाव पर परिचर्चा करेंगे. इसके जरिए दक्षिण और उत्तर के उत्तरेत्तर संबंधों के साथ ही दोनों स्थानों की समानता को भी दर्शाया जाएगा. भगवान राम के हाथों स्थापित रामेश्वरम ज्योर्तिलिंग के साथ ही स्वयंभू काशी विश्वनाथ की महिमा भी बखान किया जाएगा.

तमिलनाडु के तेनकासी शहर में स्थित काशी विश्वनाथर मंदिर है. तमिलनाडु के जानकारों के अनुसार भगवान शिव को समर्पित काशी विश्वनाथर मंदिर को उल्गाम्मन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इसे पांड्यन शासन ने बनवाया था और तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा गोपुरा भी है. द्रविड शैली में बने इस मंदिर का गोपुरा 150 फीट का है. ऐसे ही काशी और तमिलनाडु के मठ मंदिरों की पंरपराओं पर भी चर्चा होगी.

काशी में दिखेगा मिनी तमिलनाडु: काशी तमिल समागमम में आने वाले आदिनाम को काशी में बसे मिनी तमिलनाडु का भ्रमण भी कराया जाएगा. हनुमान घाट और उसके आसपास स्थित शंकर मठ सहित अन्य मंदिरों को भी दिखाया जाएगा. इसके अलावा तमिलनाडु के परिवारों के बीच भी वहां से आने वाले लोगों को ले जाया जाएगा. इसके जरिए काशी में तमिल परंपरा के जीवंत उदाहरण को भी प्रस्तुत किया जाएगा.

सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम: इसको लेकर के प्रशासनिक अमला पूरी तरीके तरीके से अलर्ट पर है. पीएम की सुरक्षा में 16, आईपीएस, 24 एसएसपी,40 डीएसपी समेत 4000 पुलिसकर्मी, आरएएफ की छह कंपनियां और पांच पीएससी की कंपनियां तैनात की गई हैं. यही नहीं कोई आपत्तिजनक गतिविधि न हो इसके लिए बीएचयू के छात्र संगठनों पर भी एलआईयू व पुलिस प्रशासन के द्वारा विशेष रूप से नजर भी रखी जा रही है.

BHU छात्र संगठन और नेताओं पर विशेष नज़र: गौरतलब हो कि, बीते लगभग 2 महीने से लगातार बीएचयू में विभिन्न मुद्दों को लेकर के विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं और तमाम छात्रसंघ इकाइयां सक्रिय है. पीएम मोदी के आगमन के दौरान किसी तरीके का कोई विरोध ना हो और सुरक्षा में किसी प्रकार की चूक ना हो इसको लेकर के प्रशासनिक अमला पूरी तरीके से अलर्ट है. इसके मद्देनजर बीएचयू के छात्र संगठन पर एल आई और पुलिस की पैनी नजर भी है पुलिस ने बकायदा छात्र संगठन व छात्र नेताओं पर निगरानी बढ़ा दी है. इसके साथ ही छात्र संगठनों को विशेष रुप से हिदायत भी दी गई है.यही नहीं बीते दिनों परिसर के आसपास के निजी छात्रावासों और लॉज की चेकिंग भी की गई थी.

जिले में धारा 144 लागू: सुरक्षा के मद्देनजर वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट द्वारा जिले में धारा 144 लागू की गई है. इसके तहत बिना किसी अनुमति के जिले में जुलूस, धरना या किसी तरीके का आयोजन पूरी तरीके से प्रतिबंधित होगा. यदि किसी के द्वारा इस तरीके का कोई कृत्य किया जाता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- मौलाना ने महिला के साथ झाड़-फूंक के नाम पर 6 माह तक किया दुष्कर्म, बेटे को लटकाया फांसी पर

वाराणसी: वाराणसी में काशी-तमिल समागम (Kashi Tamil Samagam in Varanasi) का पीएम नरेंद्र मोदी आज उद्घाटन करेंगे. भारतीय सनातन संस्कृति के दो अहम प्राचीन पौराणिक केंद्रों के मिलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आज अनूठा आयोजन होगा. काशी तमिल संगमम के उद्घाटन समारोह में तमिलनाडु के 12 प्रमुख मठ मंदिर के आदिनम (महंत) को काशी की धरा पर पहली बार सम्मानित किया जाएगा. महामना की बगिया में होने वााले भव्य समारोह में सम्मान समारोह के बाद पीएम मोदी भगवान शिव के ज्योर्तिलिंग काशी विश्वनाथ और रामेश्वरम के एकाकार पर आधीनम से संवाद भी करेंगे. पीएम मोदी वाराणसी पहुंच गये हैं.

काशी और तमिलनाड़ु के बीच आध्यात्मिक संबंधों पर संवाद के साथ ही काशी व काशी विश्वनाथ से वहां के जुड़ाव पर परिचर्चा करेंगे. इसके जरिए दक्षिण और उत्तर के उत्तरेत्तर संबंधों के साथ ही दोनों स्थानों की समानता को भी दर्शाया जाएगा. भगवान राम के हाथों स्थापित रामेश्वरम ज्योर्तिलिंग के साथ ही स्वयंभू काशी विश्वनाथ की महिमा भी बखान किया जाएगा.

तमिलनाडु के तेनकासी शहर में स्थित काशी विश्वनाथर मंदिर है. तमिलनाडु के जानकारों के अनुसार भगवान शिव को समर्पित काशी विश्वनाथर मंदिर को उल्गाम्मन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इसे पांड्यन शासन ने बनवाया था और तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा गोपुरा भी है. द्रविड शैली में बने इस मंदिर का गोपुरा 150 फीट का है. ऐसे ही काशी और तमिलनाडु के मठ मंदिरों की पंरपराओं पर भी चर्चा होगी.

काशी में दिखेगा मिनी तमिलनाडु: काशी तमिल समागमम में आने वाले आदिनाम को काशी में बसे मिनी तमिलनाडु का भ्रमण भी कराया जाएगा. हनुमान घाट और उसके आसपास स्थित शंकर मठ सहित अन्य मंदिरों को भी दिखाया जाएगा. इसके अलावा तमिलनाडु के परिवारों के बीच भी वहां से आने वाले लोगों को ले जाया जाएगा. इसके जरिए काशी में तमिल परंपरा के जीवंत उदाहरण को भी प्रस्तुत किया जाएगा.

सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम: इसको लेकर के प्रशासनिक अमला पूरी तरीके तरीके से अलर्ट पर है. पीएम की सुरक्षा में 16, आईपीएस, 24 एसएसपी,40 डीएसपी समेत 4000 पुलिसकर्मी, आरएएफ की छह कंपनियां और पांच पीएससी की कंपनियां तैनात की गई हैं. यही नहीं कोई आपत्तिजनक गतिविधि न हो इसके लिए बीएचयू के छात्र संगठनों पर भी एलआईयू व पुलिस प्रशासन के द्वारा विशेष रूप से नजर भी रखी जा रही है.

BHU छात्र संगठन और नेताओं पर विशेष नज़र: गौरतलब हो कि, बीते लगभग 2 महीने से लगातार बीएचयू में विभिन्न मुद्दों को लेकर के विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं और तमाम छात्रसंघ इकाइयां सक्रिय है. पीएम मोदी के आगमन के दौरान किसी तरीके का कोई विरोध ना हो और सुरक्षा में किसी प्रकार की चूक ना हो इसको लेकर के प्रशासनिक अमला पूरी तरीके से अलर्ट है. इसके मद्देनजर बीएचयू के छात्र संगठन पर एल आई और पुलिस की पैनी नजर भी है पुलिस ने बकायदा छात्र संगठन व छात्र नेताओं पर निगरानी बढ़ा दी है. इसके साथ ही छात्र संगठनों को विशेष रुप से हिदायत भी दी गई है.यही नहीं बीते दिनों परिसर के आसपास के निजी छात्रावासों और लॉज की चेकिंग भी की गई थी.

जिले में धारा 144 लागू: सुरक्षा के मद्देनजर वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट द्वारा जिले में धारा 144 लागू की गई है. इसके तहत बिना किसी अनुमति के जिले में जुलूस, धरना या किसी तरीके का आयोजन पूरी तरीके से प्रतिबंधित होगा. यदि किसी के द्वारा इस तरीके का कोई कृत्य किया जाता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- मौलाना ने महिला के साथ झाड़-फूंक के नाम पर 6 माह तक किया दुष्कर्म, बेटे को लटकाया फांसी पर

Last Updated : Nov 19, 2022, 2:13 PM IST
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