नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश की खेल परंपरा को आगे बढ़ाने में योगदान के लिए पूर्वोत्तर के राज्यों की सराहना की है. साथ ही सरकारों के मंत्रालयों को 'खेल टूर्नामेंटों के बारे में अलग दृष्टिकोण' के साथ काम करने का आह्वान किया है. प्रधानमंत्री ने खेल मंत्रियों और विभागों से खेल के बुनियादी ढांचे और टूर्नामेंट के आधार पर प्रशिक्षण पर ध्यान देने की भी अपील की.
पीएम मोदी की यह टिप्पणी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मणिपुर के इंफाल में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के युवा मामलों और खेल मंत्रियों के 'चिंतन शिविर' को संबोधित करने के दौरान आई है. उन्होंने कहा कि मणिपुर ने देश की खेल परंपरा को आगे बढ़ाने में अहम योगदान दिया है. पिछले साल भारत के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में कमाल का प्रदर्शन किया. ऐसे में हमें यह भी सोचना चाहिए कि हम उनकी मदद कैसे कर सकते हैं.
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले समय में स्क्वैश वर्ल्ड कप, हॉकी एशियन चैंपियंस ट्रॉफी और एशियन यूथ एंड जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप जैसे आयोजनों में खेल मंत्रालय और उसके विभागों की तैयारियों को परखा जाएगा. उन्होंने कहा कि खिलाड़ी खुद को तैयार कर रहे हैं, अब मंत्रालयों के लिए खेल टूर्नामेंटों के बारे में एक अलग दृष्टिकोण के साथ काम करने का समय है.
प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म के लिए लक्ष्य तैयार करने का भी सुझाव दिया. फुटबॉल और हॉकी जैसे खेलों में मैन-टू-मैन मार्किंग की समानता को चित्रित करते हुए पीएम ने कहा कि मंत्रियों को प्रत्येक टूर्नामेंट के लिए अलग-अलग रणनीतियों को लागू करने और मैच-टू-मैच मार्किंग के दृष्टिकोण का पालन करने की आवश्यकता होती है. खेल के बुनियादी ढांचे पर ध्यान देना होगा. पीएम मोदी ने केंद्र और राज्य सरकारों को एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला.
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खेलो इंडिया योजना के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना ने जिला स्तर पर खेल के बुनियादी ढांचे में सुधार किया है और सुधारों को ब्लॉक स्तर तक ले जाने का आग्रह किया है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत खुद को एक अग्रणी खेल देश के रूप में तभी स्थापित कर पाएगा, जब इस तरह के प्रयास चौतरफा किए जाएंगे.
चिंतन शिविर का व्यापक उद्देश्य राष्ट्र को फिट बनाने और भारत को दुनिया की सबसे बड़ी खेल शक्तियों में से एक बनाने के लिए सचिवालय कर्मियों के बीच रचनात्मक और नवीन सोच को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करना है.
(एएनआई)