नई दिल्ली : पीएम मोदी की इस बैठक को मंत्रिपरिषद विस्तार से जुड़े ब्यौरे को अंतिम रूप देने से जोड़कर देखा जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि जल्द ही मंत्रिपरिषद में फेरबदल होने की प्रबल संभावना के बीच शाह और संतोष ने प्रधानमंत्री के निवास पर उनके साथ कई घंटों तक चर्चा की. कुछ सूत्रों ने बताया कि शपथ ग्रहण बुधवार तक हो सकता है. सूत्रों के अनुसार बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा आज देश शाम गठबंधन पार्टी के नेताओं के साथ कैबिनेट विस्तार पर चर्चा करेंगे.
हालांकि केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने इस विषय पर कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया. मीडिया ने जब उनसे इस मसले पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मैं इस पर कोई कमेंट नहीं करना चाहता.
बहरहाल, इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. अगर प्रधानमंत्री फेरबदल करते हैं तो मई 2019 में प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरी पारी शुरू करने के बाद मंत्रिपरिषद का यह पहला विस्तार होगा. असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुशील मोदी उन संभावित लोगों में शामिल माने जा रहे हैं, जिन्हें मोदी मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है.
इस फेरबदल में उत्तर प्रदेश को खास तवज्जो मिल सकती है क्योंकि अगले साल की शुरुआत में वहां विधानसभा चुनाव है और राजनीतिक रूप से यह देश का सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश माना जाता है. सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व भी इस विस्तार में बढ़ सकता है. माना जा रहा है कि भाजपा की सहयोगियों जदयू और अपना दल (एस) को भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है.
आरपीआई नेता राम दास आठवले इकलौते ऐसे गैर भाजपाई नेता हैं जो नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल हैं. लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान का पिछले साल निधन हो गया था और ऐसे में सबकी नजरें इस ओर हैं कि उनके भाई पशुपति कुमार पारस को मंत्री बनाया जाता है या नहीं.
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उल्लेखनीय है कि लोजपा इन दिनों पारस और उनके भतीजे चिराग पासवान की अगुवाई वाले दो गुटों में बंटी हुई है. मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 53 मंत्री हैं और नियमानुसार अधिकतम मंत्रियों की संख्या 81 हो सकती है.
(पीटीआई-भाषा)