नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मिस्र दौर के दौरान अल-हकीम मस्जिद का दौरा किया. यह मस्जिद मिस्र की राजधानी काहिरा में स्थित है. इस मस्जिद का महत्व दाऊदी बोहरा समुदाय के लिए बहुत ही खास है. इसे ग्यारहवीं सदी में बनाया गया था.
सालों बाद इस मस्जिद के भवन का रेनोवेशन करवाया गया. दाऊदी बोहरा इस्माइली शिया संप्रदाय ने इस मस्जिद के रेनोवेशन में 85 मिलियन पाउंड का योगदान किया है. भारतीय बोहरा समुदाय के मुफद्दल सैफुद्दीन और उनके नेता अल दाई अल मुतलक ने इसमें विशेष पहल की थी. मुतलक दाऊदी बोहरा समुदाय के आध्यात्मिक नेता हैं. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने इस योगदान के लिए उनकी सराहना की.
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PM Modi visited the 11th century Al-Hakim Mosque on June 25 during his maiden visit to Egypt. The historic mosque in Cairo is named after Al-Hakim bi-Amr Allah. The mosque is an important cultural site for the Dawoodi Bohra community. He will also visit Heliopolis War Grave… pic.twitter.com/44m1mlD8SM
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879 सदी में मिस्र के तुलुनिद साम्राज्य के संस्थापक ने इस मस्जिद के निर्माण कार्य की शुरुआत करवाई थी. उनका नाम अहमद इब्न तुलुन था. वैसे यह कार्य 1013 में जाकर पूरा हुआ. काहिरा की यह दूसरे सबसे बड़ी मस्जिद है. इस मस्जिद को यूनेस्को की धरोहर सूची में भी शामिल किया गया है.
यहां का दौरा करते समय पीएम मोदी ने मस्जिद की दीवारों पर किए गए कार्यों की तारीफ की. यह मस्जिद 13560 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. इसका मैदान 5000 वर्ग मीटर में है. मिस्र में भारत के राजदूत अजीत गुप्ते ने कहा कि बोहरा समुदाय इस मस्जिद की देखभाल 1970 से कर रहा है. भारत के बोहरा समुदाय और मिस्र के फातिमिया समुदाय का आपस में गहरा संबंध है.
इस मस्जिद का नाम 16वें फातिमिद खलीफा अल हकीम द्वि अम्र अल्लाह के नाम पर रखा गया है. भारत के दाऊदी बोहरा समुदाय फातिमी इस्माइली तैयबी विचारधारा को मानते हैं. यह संप्रदाय मिस्र से यमन और फिर भारत आया. वे लोग गुजरात के पाटन में आकर बसे थे. भारत में दाऊदी बोहरा की आबादी पांच लाख है. मुख्य रूप से वे गुजरात के सूरत में रहते हैं. उसके बाद उनकी कुछ संख्या महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भी है. नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यंत्री थे, तब उन्होंने 2011 में दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रमुख सैयदना बुरहानुद्दीन की जन्मशती मनाई थी.
पीएम मोदी ने मस्जिद के अलावा कब्रिस्तान का भी दौरा किया. वह हेलियोपोलिस युद्ध कब्रिस्तान देखने गए. यह कब्रिस्तान भी काहिरा में है. पीएम मोदी ने यहां पर शहीद भारतीय सैनिकों को पुष्प चढ़ाए. ये सैनिक प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए थे.
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