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कोरोना का प्रसार रोकने के लिए तेजी से निर्णायक कदम उठाएं : प्रधानमंत्री

देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई. प्रधानमंत्री ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से डिजिटल माध्यम से संवाद करते हुए तेजी से निर्णायक कदम उठाने को कहा. प्रधानमंत्री ने जांच का दायरा बढ़ाने के साथ टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री
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Published : Mar 17, 2021, 10:23 PM IST

Updated : Mar 17, 2021, 10:33 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर बुधवार को चिंता जताई. पीएम ने इसे फिर से फैलने से रोकने के लिए 'तीव्र और निर्णायक' कदम उठाने का आह्वान किया.

कोविड-19 महामारी की वर्तमान स्थिति और देश भर में कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण के सिलसिले में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से डिजिटल माध्यम से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कोरोना के मामले बढ़े हैं.

उन्होंने कहा कि देश के 70 जिलों में पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना मामलों की दर में 150 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है.

उन्होंने कहा, 'अगर हम इस बढ़ती हुई महामारी को यहीं नहीं रोकेंगे तो देशव्यापी संक्रमण की स्थिति बन सकती है. हमें कोरोना की इस उभरती हुई 'सेकंड पीक (दूसरी शीर्ष स्थिति)' को तुरंत रोकना ही होगा. इसके लिए हमें तीव्र ओर निर्णायक कदम उठाने होंगे.'

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्रियों ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की और पूरे देश में टीकाकरण अभियान के सुचारु कार्यान्वयन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.

बैठक में मुख्यमंत्रियों ने टीकाकरण के दायरे को बढ़ाने के लिए कई सुझाव भी दिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसकी (टीकाकरण की) पहुंच सुनिश्चित हो सके. बयान में कहा गया, 'ऐसी स्थिति में जब हाल ही में कुछ राज्यों में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, राज्य के मुख्यमंत्रियों ने स्थिति को अधिक सतर्कता और निगरानी से हल करने की जरूरत पर भी सहमति जताई.'

इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन जिलों की सूची भी प्रस्तुत की जहां पर वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मुख्यमंत्रियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है. बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में मौजूदा कोविड-19 की स्थिति और टीकाकरण के लिए उठाए जा रहे कदमों पर एक प्रस्तुति भी दी.

टीकाकरण पर दिया जोर

मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि ये मंथन का विषय है कि आखिर कुछ क्षेत्रों में ही जांच कम क्यों हो रही है और क्यों ऐसे ही क्षेत्रों में टीकाकरण भी कम हो रहा है. उन्होंने कहा कि ये सुशासन की परीक्षा का भी समय है. उन्होंने कहा, 'कोरोना की लड़ाई में हम आज जहां तक पहुंचे हैं, और उससे जो आत्मविश्वास आया है, वह अति आत्‍मविश्‍वास में नहीं बदलना चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'हमारी ये सफलता लापरवाही में भी नहीं बदलनी चाहिए. हमें जनता को 'पैनिक मोड' (भयभीत अवस्था) में भी नहीं लाना है. एक भय का साम्राज्‍य फैल जाए, ये भी स्थिति नहीं लानी है और कुछ सावधानियां बरत करके, कुछ कदम उठा करके हमें जनता को परेशानी से मुक्ति भी दिलानी है.'

प्रधानमंत्री ने वायरस का फैलाव रोकने के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से जांच का दायरा बढ़ाने, बचाव के उपायों को लागू करने और टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाने सहित अन्य कदम उठाने को कहा.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही 'टेस्ट (जांच), ट्रैक (निगरानी) और ट्रीट (उपचार)' को लेकर भी उतनी ही गंभीरता की जरूरत है जैसे कि पिछले एक साल से होता आ रहा है.
उन्होंने कहा, 'हर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क को कम से कम समय में पता लगाना और आरटी पीसीआर टेस्ट दर 70 प्रतिशत से ऊपर रखना बहुत अहम है.'

'आरटी पीसीआर जांच बढ़ाएं'
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भी देखा जा रहा है कि कई राज्यों में रेपिड एंटीजेन टेस्टिंग पर ही ज्यादा बल दिया जा रहा है और उसी भरोसे गाड़ी चल रही है. इस क्रम में उन्होंने केरल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश का उदाहरण दिया.

उन्होंने कहा कि सिर्फ इन्हीं राज्यों में ही नहीं बल्कि देश के सभी राज्‍यों में आरटी पीसीआर जांच और बढ़ाने पर जोर देना होगा. प्रधानमंत्री ने टीकों की बर्बादी का मुद्दा भी उठाया. मोदी ने अधिक से अधिक टीकाकरण केंद्र बनाए जाने को कहा.

टीके की बर्बादी की समस्या गंभीर

उन्होंने कहा, 'हमें टीके की बर्बादी की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 10 प्रतिशत से ज्यादा टीके बर्बाद हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश में भी टीके की बर्बादी करीब-करीब वैसी ही है. टीके क्यों बर्बाद हो रहे हैं, इसकी भी राज्यों में समीक्षा होनी चाहिए.'

उन्होंने कहा कि टीके की बर्बादी से एक प्रकार से किसी के अधिकार को बर्बाद किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'हमें किसी के अधिकार को बर्बाद करने का हक नहीं है.'

दवाई भी और कड़ाई भी

उन्होंने कहा, 'एक मुद्दा है, टीके के इस्तेमाल की अवधि समाप्त होने का. हमें ध्‍यान रखना चाहिए कि जो पहले आया है उसका पहले उपयोग हो और जो बाद में आया है उसका बाद में उपयोग हो. अगर बाद में आया हुआ हम पहले उपयोग कर लेंगे तो फिर एक्‍सपायरी डेट (उपयोग की अंतिम तिथि) और वेस्‍टेज (बर्बादी) की स्थिति बन जाएगी.'

पढ़ें- 24 हजार से ज्यादा कोरोना केस की रिपोर्ट, मृतकों की संख्या 1.58 लाख के पार

उन्होंने कहा कि संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जो मूलभूत कदम हैं उनका पालन करना ही होगा. उन्होंने कहा, 'दवाई भी और कड़ाई भी' के साथ ही मास्क पहनना है तथा दो गज की दूरी बनाए रखनी है. साथ ही साफ-सफाई का ध्यान रखना है.'

उन्होंने कहा कि ऐसे कई कदम जो पिछले एक साल से उठाते आए हैं, एक बार फिर से उन पर बल देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'हमें कड़ाई करनी पड़े तो करनी चाहिए. इस विषय में हिम्‍मत के साथ काम करना पड़ेगा.'

पढ़ें- वैश्विक तंत्रों का लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए सहयोग जरूरी: मोदी

उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई को देश अब तक जीतता आया है और इसकी वजह सभी का सहयोग और एक-एक कोरोना योद्धा का सहयोग है.

उन्होंने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस का डटकर मुकाबला किया है और इस मामले में आज विश्व के देश भारत की नजीर देते हैं. उन्होंने दावा किया कि देश में कोरोना से ठीक होने की दर 96 प्रतिशत है जबकि इससे होने वाली मौतों की दर विश्व में सबसे कम है.

मोदी ने कहा कि टीकाकरण की गति लगातार बढ़ रही है और अब एक दिन में 30 लाख लोगों के टीकाकरण के आंकड़े को भी एक बार पार किया जा चुका है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर बुधवार को चिंता जताई. पीएम ने इसे फिर से फैलने से रोकने के लिए 'तीव्र और निर्णायक' कदम उठाने का आह्वान किया.

कोविड-19 महामारी की वर्तमान स्थिति और देश भर में कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण के सिलसिले में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से डिजिटल माध्यम से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कोरोना के मामले बढ़े हैं.

उन्होंने कहा कि देश के 70 जिलों में पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना मामलों की दर में 150 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है.

उन्होंने कहा, 'अगर हम इस बढ़ती हुई महामारी को यहीं नहीं रोकेंगे तो देशव्यापी संक्रमण की स्थिति बन सकती है. हमें कोरोना की इस उभरती हुई 'सेकंड पीक (दूसरी शीर्ष स्थिति)' को तुरंत रोकना ही होगा. इसके लिए हमें तीव्र ओर निर्णायक कदम उठाने होंगे.'

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्रियों ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की और पूरे देश में टीकाकरण अभियान के सुचारु कार्यान्वयन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.

बैठक में मुख्यमंत्रियों ने टीकाकरण के दायरे को बढ़ाने के लिए कई सुझाव भी दिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसकी (टीकाकरण की) पहुंच सुनिश्चित हो सके. बयान में कहा गया, 'ऐसी स्थिति में जब हाल ही में कुछ राज्यों में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, राज्य के मुख्यमंत्रियों ने स्थिति को अधिक सतर्कता और निगरानी से हल करने की जरूरत पर भी सहमति जताई.'

इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन जिलों की सूची भी प्रस्तुत की जहां पर वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मुख्यमंत्रियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है. बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में मौजूदा कोविड-19 की स्थिति और टीकाकरण के लिए उठाए जा रहे कदमों पर एक प्रस्तुति भी दी.

टीकाकरण पर दिया जोर

मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि ये मंथन का विषय है कि आखिर कुछ क्षेत्रों में ही जांच कम क्यों हो रही है और क्यों ऐसे ही क्षेत्रों में टीकाकरण भी कम हो रहा है. उन्होंने कहा कि ये सुशासन की परीक्षा का भी समय है. उन्होंने कहा, 'कोरोना की लड़ाई में हम आज जहां तक पहुंचे हैं, और उससे जो आत्मविश्वास आया है, वह अति आत्‍मविश्‍वास में नहीं बदलना चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'हमारी ये सफलता लापरवाही में भी नहीं बदलनी चाहिए. हमें जनता को 'पैनिक मोड' (भयभीत अवस्था) में भी नहीं लाना है. एक भय का साम्राज्‍य फैल जाए, ये भी स्थिति नहीं लानी है और कुछ सावधानियां बरत करके, कुछ कदम उठा करके हमें जनता को परेशानी से मुक्ति भी दिलानी है.'

प्रधानमंत्री ने वायरस का फैलाव रोकने के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से जांच का दायरा बढ़ाने, बचाव के उपायों को लागू करने और टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाने सहित अन्य कदम उठाने को कहा.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही 'टेस्ट (जांच), ट्रैक (निगरानी) और ट्रीट (उपचार)' को लेकर भी उतनी ही गंभीरता की जरूरत है जैसे कि पिछले एक साल से होता आ रहा है.
उन्होंने कहा, 'हर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क को कम से कम समय में पता लगाना और आरटी पीसीआर टेस्ट दर 70 प्रतिशत से ऊपर रखना बहुत अहम है.'

'आरटी पीसीआर जांच बढ़ाएं'
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भी देखा जा रहा है कि कई राज्यों में रेपिड एंटीजेन टेस्टिंग पर ही ज्यादा बल दिया जा रहा है और उसी भरोसे गाड़ी चल रही है. इस क्रम में उन्होंने केरल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश का उदाहरण दिया.

उन्होंने कहा कि सिर्फ इन्हीं राज्यों में ही नहीं बल्कि देश के सभी राज्‍यों में आरटी पीसीआर जांच और बढ़ाने पर जोर देना होगा. प्रधानमंत्री ने टीकों की बर्बादी का मुद्दा भी उठाया. मोदी ने अधिक से अधिक टीकाकरण केंद्र बनाए जाने को कहा.

टीके की बर्बादी की समस्या गंभीर

उन्होंने कहा, 'हमें टीके की बर्बादी की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 10 प्रतिशत से ज्यादा टीके बर्बाद हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश में भी टीके की बर्बादी करीब-करीब वैसी ही है. टीके क्यों बर्बाद हो रहे हैं, इसकी भी राज्यों में समीक्षा होनी चाहिए.'

उन्होंने कहा कि टीके की बर्बादी से एक प्रकार से किसी के अधिकार को बर्बाद किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'हमें किसी के अधिकार को बर्बाद करने का हक नहीं है.'

दवाई भी और कड़ाई भी

उन्होंने कहा, 'एक मुद्दा है, टीके के इस्तेमाल की अवधि समाप्त होने का. हमें ध्‍यान रखना चाहिए कि जो पहले आया है उसका पहले उपयोग हो और जो बाद में आया है उसका बाद में उपयोग हो. अगर बाद में आया हुआ हम पहले उपयोग कर लेंगे तो फिर एक्‍सपायरी डेट (उपयोग की अंतिम तिथि) और वेस्‍टेज (बर्बादी) की स्थिति बन जाएगी.'

पढ़ें- 24 हजार से ज्यादा कोरोना केस की रिपोर्ट, मृतकों की संख्या 1.58 लाख के पार

उन्होंने कहा कि संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जो मूलभूत कदम हैं उनका पालन करना ही होगा. उन्होंने कहा, 'दवाई भी और कड़ाई भी' के साथ ही मास्क पहनना है तथा दो गज की दूरी बनाए रखनी है. साथ ही साफ-सफाई का ध्यान रखना है.'

उन्होंने कहा कि ऐसे कई कदम जो पिछले एक साल से उठाते आए हैं, एक बार फिर से उन पर बल देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'हमें कड़ाई करनी पड़े तो करनी चाहिए. इस विषय में हिम्‍मत के साथ काम करना पड़ेगा.'

पढ़ें- वैश्विक तंत्रों का लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए सहयोग जरूरी: मोदी

उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई को देश अब तक जीतता आया है और इसकी वजह सभी का सहयोग और एक-एक कोरोना योद्धा का सहयोग है.

उन्होंने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस का डटकर मुकाबला किया है और इस मामले में आज विश्व के देश भारत की नजीर देते हैं. उन्होंने दावा किया कि देश में कोरोना से ठीक होने की दर 96 प्रतिशत है जबकि इससे होने वाली मौतों की दर विश्व में सबसे कम है.

मोदी ने कहा कि टीकाकरण की गति लगातार बढ़ रही है और अब एक दिन में 30 लाख लोगों के टीकाकरण के आंकड़े को भी एक बार पार किया जा चुका है.

Last Updated : Mar 17, 2021, 10:33 PM IST
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