राजकोट: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के जरिये देश में पहली बार एक दूरदर्शी एवं भविष्योन्मुखी शिक्षा प्रणाली तैयार की जा रही है. राजकोट में श्री स्वामीनारायण गुरुकुल के 75वें अमृत महोत्सव को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि देश में आईआईटी, आईआईएम और मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2014 के बाद काफी बढ़ी है.
2014 में मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की पहली सरकार बनी थी. प्रधानमंत्री ने कहा, 'आप अच्छी तरह से जानते हैं कि भारत का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने में हमारी मौजूदा शिक्षा नीति और संस्थानों की बड़ी भूमिका है. इसलिए आजादी के इस अमृतकाल में शिक्षा अवसंरचना हो या शिक्षा नीति... हम हर स्तर पर काम कर रहे हैं.'
पीएम मोदी ने कहा, 'देश में आज आईआईटी, आईआईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे बड़े शिक्षण संस्थानों की संख्या बढ़ रही है. 2014 के बाद मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 65 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है. नयी शिक्षा नीति के माध्यम से देश पहली बार एक ऐसी शिक्षा प्रणाली तैयार कर रहा है, जो दूरदर्शी और भविष्योन्मुखी है.'
उन्होंने कहा, 'श्री स्वामीनारायण के नाम स्मरण से ही एक नव चेतना का संचार होता है. आज संतों के सानिध्य में में श्री स्वामीनारायण का नाम स्मरण एक अलग ही सौभाग्य का अवसर है. मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में इस संस्थान का भविष्य और भी यशस्वी होगा.
पीएमओ ने बताया कि श्री स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट संस्थान की स्थापना 1948 में राजकोट में गुरुदेव शास्त्रीजी महाराज श्री धर्मजीवनदासजी स्वामी द्वारा की गई थी. समय के साथ संस्थान का विस्तार हुआ और वर्तमान में दुनियाभर में इसकी 40 से अधिक शाखाएं हैं, जो 25,000 से अधिक छात्रों को स्कूली, स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा की सुविधाएं प्रदान करती हैं.
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(एक्सट्रा इनपुट-भाषा)