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PM मोदी ने की इक्विटी एवं उद्यम पूंजी निवेशकों के साथ बजट-पूर्व बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अगले वित्त वर्ष के बजट को लेकर जारी तैयारियों के बीच उद्योग जगत के शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. पीएम ने देश में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को दिए गए बढ़ावा पर प्रकाश डाला. 'ईटीवी भारत' के वरिष्ठ संवाददाता कृष्णानंद त्रिपाठी की रिपोर्ट.

PM hosts venture capitalists, private equity funds ahead of budget
इक्विटी एवं उद्यम पूंजी कंपनियों के शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ पीएम
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Published : Dec 18, 2021, 4:51 AM IST

नई दिल्ली : अगले वित्त वर्ष के बजट को लेकर जारी तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रमुख निजी इक्विटी एवं उद्यम पूंजी कंपनियों के शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ बैठक की (venture capitalists and private equity fund managers) .

इस बैठक में भारत को एक आकर्षक निवेश स्थल बनाने के बारे में सुझाव मांगे गए. अधिक पूंजी आकर्षित करने से जुड़े कदमों के अलावा भारत में कारोबार को अधिक सुगम बनाने से जुड़े उपायों पर भी चर्चा की गई. इसके अलावा सुधारों की प्रक्रिया तेज करने के बारे में भी इस बैठक में विचार-विमर्श हुआ. प्रधानमंत्री ने इस बैठक में निवेशकों से मिले व्यावहारिक सुझावों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार इन मुद्दों और चुनौतियों के समाधान के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है.

शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करते प्रधानमंत्री मोदी
कंपनियों के शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करते प्रधानमंत्री मोदी

इस बैठक में मोदी ने सुधारों की दिशा में अपनी सरकार के प्रयासों का भी जिक्र किया. पीएम गतिशक्ति जैसी योजनाओं की शुरुआत और गैरजरूरी अनुपालन बोझ को कम करने के लिए उठाए गए कदमों की भी चर्चा की गई.

बैठक का विवरण साझा करते हुए एक अधिकारी ने कहा कि सरकार ने पिछले सात वर्षों में देश में व्यापार के क्षेत्र में नियमों को सरल बनाने के लिए कई पहल की हैं. आज की बैठक का उद्देश्य भी यही था. बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने देश में जमीनी स्तर पर हो रहे नवाचार और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दिए जाने पर प्रकाश डाला.

सुनिए कंपनियों के शीर्ष प्रतिनिधियों ने क्या बताया

उन्होंने प्रधानमंत्री गतिशक्ति जैसी प्रमुख योजनाओं पर भी चर्चा की, जो एक मंच में केंद्र और राज्य एजेंसियों द्वारा नियोजित परियोजनाओं की सभी सूचनाओं को एकत्रित करके देश में बुनियादी ढांचे का स्वरूप बदल देगी.

देश में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में स्टार्टअप इंडिया योजना की घोषणा की थी और इस योजना को औपचारिक रूप से अगले साल जनवरी में लॉन्च किया गया था. तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट में टैक्स ब्रेक सहित कई राहत उपायों की घोषणा की थी. फरवरी 2016 में स्टार्टअप क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री ने उद्यम पूंजीपतियों और निजी इक्विटी फंड प्रबंधकों से बातचीत कर देश की स्टार्टअप क्षमता के बारे में बात की थी.

बजट पूर्व बैठक में शामिल हुए शीर्ष निवेशक

आज की बैठक में एक्सेल के प्रशांत प्रकाश ने देश में कृषि-स्टार्टअप के लिए उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला, वहीं सिकोइया कैपिटल के राजन आनंदन ने इस बारे में बात की कि कैसे प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर भारत शिक्षा क्षेत्र में वैश्विक केंद्र बन सकता है. भारत का एडटेक स्टार्टअप बायजू, जिसे 2011 में स्थापित किया गया था, पहले से ही 21 अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन के साथ एक वैश्विक शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बन गया है. पिरामल समूह के शांतनु नलवाडी ने व्यापार माहौल और आर्थिक सुधार प्रक्रिया के बारे में बात की.

ब्लैकस्टोन के अमित डालमिया ने कहा कि भारत विश्व स्तर पर फंड के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले भौगोलिक क्षेत्रों में से एक है. एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स के विपुल रूंगटा ने आवास क्षेत्र, विशेष रूप से किफायती आवास क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा की गई नीतिगत पहलों पर चर्चा की. अधिकारियों ने कहा कि उद्योग के प्रतिनिधि ने भी ऊर्जा क्षेत्र में अवसरों पर चर्चा की क्योंकि भारत जीवाश्म ईंधन से अक्षय और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ रहा है. बैठक में टीवीएस कैपिटल्स के गोपाल श्रीनिवासन, सॉफ्टबैंक के मुनीश वर्मा, जनरल अटलांटिक के संदीप नाइक, कोटक अल्टरनेट एसेट्स के श्रीनिवासन, इंडिया रिसर्जेंट के शांतनु नलवाड़ी और आविष्कार ग्रुप के विनीत राय सहित अन्य शामिल थे.

पढ़ें- Multibagger stocks: इन शेयर्स ने सिर्फ एक साल में निवेशकों को किया मालामाल, मुनाफा जानकर उड़ जाएंगे होश

प्रधानमंत्री ने इसके पहले नवंबर में भी 20 बड़ी परिसंपत्ति प्रबंधन फर्मों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. निवेशकों के साथ हुई बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं. वह एक फरवरी 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करेंगी. इसके लिए सरकार ने संबंधित उद्योगों एवं क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श का सिलसिला शुरू कर दिया है.

मोदी सरकार ने कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं

मोदी सरकार ने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं. सरकार भारत को विनिर्माण का केंद्र बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने की कोशिश कर रही है जिससे देश की बड़ी आबादी को रोजगार मुहैया कराने में भी मदद मिलेगी.

नई दिल्ली : अगले वित्त वर्ष के बजट को लेकर जारी तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रमुख निजी इक्विटी एवं उद्यम पूंजी कंपनियों के शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ बैठक की (venture capitalists and private equity fund managers) .

इस बैठक में भारत को एक आकर्षक निवेश स्थल बनाने के बारे में सुझाव मांगे गए. अधिक पूंजी आकर्षित करने से जुड़े कदमों के अलावा भारत में कारोबार को अधिक सुगम बनाने से जुड़े उपायों पर भी चर्चा की गई. इसके अलावा सुधारों की प्रक्रिया तेज करने के बारे में भी इस बैठक में विचार-विमर्श हुआ. प्रधानमंत्री ने इस बैठक में निवेशकों से मिले व्यावहारिक सुझावों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार इन मुद्दों और चुनौतियों के समाधान के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है.

शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करते प्रधानमंत्री मोदी
कंपनियों के शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करते प्रधानमंत्री मोदी

इस बैठक में मोदी ने सुधारों की दिशा में अपनी सरकार के प्रयासों का भी जिक्र किया. पीएम गतिशक्ति जैसी योजनाओं की शुरुआत और गैरजरूरी अनुपालन बोझ को कम करने के लिए उठाए गए कदमों की भी चर्चा की गई.

बैठक का विवरण साझा करते हुए एक अधिकारी ने कहा कि सरकार ने पिछले सात वर्षों में देश में व्यापार के क्षेत्र में नियमों को सरल बनाने के लिए कई पहल की हैं. आज की बैठक का उद्देश्य भी यही था. बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने देश में जमीनी स्तर पर हो रहे नवाचार और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दिए जाने पर प्रकाश डाला.

सुनिए कंपनियों के शीर्ष प्रतिनिधियों ने क्या बताया

उन्होंने प्रधानमंत्री गतिशक्ति जैसी प्रमुख योजनाओं पर भी चर्चा की, जो एक मंच में केंद्र और राज्य एजेंसियों द्वारा नियोजित परियोजनाओं की सभी सूचनाओं को एकत्रित करके देश में बुनियादी ढांचे का स्वरूप बदल देगी.

देश में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में स्टार्टअप इंडिया योजना की घोषणा की थी और इस योजना को औपचारिक रूप से अगले साल जनवरी में लॉन्च किया गया था. तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट में टैक्स ब्रेक सहित कई राहत उपायों की घोषणा की थी. फरवरी 2016 में स्टार्टअप क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री ने उद्यम पूंजीपतियों और निजी इक्विटी फंड प्रबंधकों से बातचीत कर देश की स्टार्टअप क्षमता के बारे में बात की थी.

बजट पूर्व बैठक में शामिल हुए शीर्ष निवेशक

आज की बैठक में एक्सेल के प्रशांत प्रकाश ने देश में कृषि-स्टार्टअप के लिए उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला, वहीं सिकोइया कैपिटल के राजन आनंदन ने इस बारे में बात की कि कैसे प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर भारत शिक्षा क्षेत्र में वैश्विक केंद्र बन सकता है. भारत का एडटेक स्टार्टअप बायजू, जिसे 2011 में स्थापित किया गया था, पहले से ही 21 अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन के साथ एक वैश्विक शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बन गया है. पिरामल समूह के शांतनु नलवाडी ने व्यापार माहौल और आर्थिक सुधार प्रक्रिया के बारे में बात की.

ब्लैकस्टोन के अमित डालमिया ने कहा कि भारत विश्व स्तर पर फंड के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले भौगोलिक क्षेत्रों में से एक है. एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स के विपुल रूंगटा ने आवास क्षेत्र, विशेष रूप से किफायती आवास क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा की गई नीतिगत पहलों पर चर्चा की. अधिकारियों ने कहा कि उद्योग के प्रतिनिधि ने भी ऊर्जा क्षेत्र में अवसरों पर चर्चा की क्योंकि भारत जीवाश्म ईंधन से अक्षय और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ रहा है. बैठक में टीवीएस कैपिटल्स के गोपाल श्रीनिवासन, सॉफ्टबैंक के मुनीश वर्मा, जनरल अटलांटिक के संदीप नाइक, कोटक अल्टरनेट एसेट्स के श्रीनिवासन, इंडिया रिसर्जेंट के शांतनु नलवाड़ी और आविष्कार ग्रुप के विनीत राय सहित अन्य शामिल थे.

पढ़ें- Multibagger stocks: इन शेयर्स ने सिर्फ एक साल में निवेशकों को किया मालामाल, मुनाफा जानकर उड़ जाएंगे होश

प्रधानमंत्री ने इसके पहले नवंबर में भी 20 बड़ी परिसंपत्ति प्रबंधन फर्मों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. निवेशकों के साथ हुई बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं. वह एक फरवरी 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करेंगी. इसके लिए सरकार ने संबंधित उद्योगों एवं क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श का सिलसिला शुरू कर दिया है.

मोदी सरकार ने कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं

मोदी सरकार ने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं. सरकार भारत को विनिर्माण का केंद्र बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने की कोशिश कर रही है जिससे देश की बड़ी आबादी को रोजगार मुहैया कराने में भी मदद मिलेगी.

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