चेन्नई : वी सेंथिल बालाजी को मंत्री पद से बर्खास्त करने को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ( Tamil Nadu Chief Minister M K Stalin) और तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि (Tamil Nadu Governor R N Ravi ) के बीच चल रही खींचतान के बीच, राज्यपाल आरएन रवि ने पीएम मोदी के दृष्टिकोण की प्रशंसा की है. यहां एक सभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यदि आप कमजोर हैं तो आप दुश्मनों से घिरे हुए हैं, यदि आप मजबूत हैं तो आपके पास दोस्त हैं, यही भारत की नियति है.
उन्होंने कहा कि पीएम ने जो निर्धारित किया है...फिर से एक दिव्य आदेश उनकी उपस्थिति है, वह ऐसे व्यक्ति हैं जो समझते हैं कि भारत क्या है और यहां के लोगों की शक्ति क्या है. उन्होंने एक दिशा निर्धारित की है जिसे वे 'अमृत काल' कहते हैं. अगले 25 वर्षों में यह देश पूरे विश्व में सनातन धर्म का प्रकाश फैलाने में सक्षम हो जाएगा. बता दें कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को बालाजी को मंत्री पद से बर्खास्त करने पर राज्यपाल आरएन रवि को पत्र लिखा और कहा कि (राज्यपाल) के पास 'मेरे मंत्रियों को बर्खास्त करने की कोई शक्ति नहीं है.' 'मैं दोहराता हूं कि आपके पास मेरे मंत्रियों को बर्खास्त करने की कोई शक्ति नहीं है. यह एक निर्वाचित मुख्यमंत्री का एकमात्र विशेषाधिकार है. मेरी सलाह के बिना मेरे मंत्री को बर्खास्त करने वाला आपका असंवैधानिक संचार कानून की दृष्टि से शुरू और गैर-कानूनी रूप से शून्य है और इसलिए इसे नजरअंदाज कर दिया गया है.' सीएम एमके स्टालिन ने पत्र में राज्यपाल की संवैधानिक मशीनरी के टूटने वाली टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि यह एक संकेतित टिप्पणी थी. उन्होंने लिखा, 'केवल दोषी व्यक्ति को ही अयोग्य ठहराया जा सकता है.'
बता दें कि सेंथिल बालाजी को 14 जून को नौकरी के बदले नकदी घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था. वहीं गुरुवार को तमिलनाडु के राज्यपाल ने मंत्री सेंथिल बालाजी को उनके खिलाफ आपराधिक आरोपों के कारण बर्खास्त कर दिया था. हालांकि, बाद में निर्णय पर यू टर्न लेते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्हें अटॉर्नी जनरल से सलाह लेनी होगी. इस मसले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने जेल में बंद मंत्री की बर्खास्तगी की आलोचना करते हुए ट्वीट किया, संविधान के अनुच्छेद 164 के मुताबिक मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाएगी और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की सलाह पर की जाएगी. चूंकि मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह पर की जाती है इसलिए उन्हें केवल मुख्यमंत्री की सलाह पर ही हटाया जा सकता है, यह असंवैधानिक सरकार है.' वहीं आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा ने गुरुवार को बालाजी को हटाए जाने को पूरी तरह से असंवैधानिक करार दिया था.
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(एएनआई)