नई दिल्ली : विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्विटर कर बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान को उनकी जन्म शताब्दी पर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि बंगबंधु मुजीबुर रहमान के विचार दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं. भारत को 'मुजीब बोरशो' के ऐतिहासिक समय में बांग्लादेश के साथ संयुक्त रूप से इस विरासत का जश्न मनाने पर गर्व है.
भारत की पड़ोस प्रथम की नीति के हिस्से के रूप में इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी बांग्लादेश की यात्रा के लिए विदेश मंत्री जयशंकर ने ढाका का दौरा किया था. अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए अपने बांग्लादेशी समकक्ष एके अब्दुल मोमिन से मुलाकात की.
मुजीब बोरशो (वर्ष) का महत्व
मुजीब बोरशो बांग्लादेश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती को मनाने का वर्ष है. बांग्लादेश सरकार ने वर्ष 2020-21 को मुजीब वर्ष घोषित किया है. यह वर्ष 17 मार्च, 2020 से 16 दिसंबर, 2021 तक मनाया जाएगा. मुजीब का जन्म 17 मार्च, 1920 को पूर्वी बंगाल में हुआ था. 26 मार्च, 2021 को फिर से बांग्लादेश अपनी स्वतंत्रता की आधी शताब्दी को चिह्नित करेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेख मुजीबुर रहमान को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें सभी भारतीयों के लिए हीरो बताया. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें बंगबंधु के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित करना सम्मान की बात है. प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि ऐतिहासिक मुजीब बोरशो उत्सव के लिए इस महीने के अंत में बांग्लादेश का दौरा करना मेरे लिए सम्मान की बात है.
पीएम ने कहा कि जयंती पर मानवाधिकार और स्वतंत्रता के चैंपियन, बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि. वो सभी भारतीयों के लिए भी एक हीरो हैं.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी इस महीने 26 और 27 मार्च को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के निमंत्रण पर बांग्लादेश जाने वाले हैं. रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने बांग्लादेश को विकास के लिए सहायता प्रदान की है. भारत ने लगभग 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर की रियायती सहायता की पेशकश की है, जो किसी भी देश के लिए दी गई सहायता में सबसे बड़ी है.
भारत ने हमेशा की सहायता
इसके अलावा अनुदान सहायता बांग्लादेश में भारत की विकास सहायता का महत्वपूर्ण हिस्सा है. हालांकि यह विशेष उल्लेख के योग्य है कि भू-राजनीति के बीच महामारी ने एक बड़ा मानवीय संकट खड़ा किया है. बांग्लादेश के संकट के समय भारत ने भी हमेशा सहायता की है. कोविड-19 बांग्लादेश में फैला तो भारत ने परीक्षण, पीपीई किट और दवाओं के साथ-साथ पेशेवर चिकित्सकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण व चिकित्सा सहायता प्रदान की.
यह भी पढ़ें- कोरोना संकट : मुख्यमंत्रियों संग बैठक के बाद बोले पीएम, लापरवाही न करें
भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय संबंध वर्षों से दोनों देशों के बीच कायम हैं. निस्संदेह भारत-बांग्लादेश मजबूत सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध साझा करते हैं.