नई दिल्ली : राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल (Rajya Sabha MP Kapil Sibal) ने जी20 की एक पुस्तिका में मुगल बादशाह अकबर की प्रशंसा किए जाने पर सरकार पर बुधवार को तंज किया कि उसका एक चेहरा दुनिया को दिखाने के लिए है और दूसरा 'इंडिया के लिए है,जो कि भारत है.' सिब्बल ने 'भारत: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी' शीर्षक वाली जी20 की एक पुस्तिका का जिक्र किया. 38 पन्नों वाली इस पुस्तिका में अकबर के बारे में विवरण है.
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G20 Magazine :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) September 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Government hails Mughal emperor Akbar as proponent of peace and democracy !
One face :
For the world
Another :
For India that is Bharat !
Please inform us about the real mann ki baat !
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Government hails Mughal emperor Akbar as proponent of peace and democracy !
One face :
For the world
Another :
For India that is Bharat !
Please inform us about the real mann ki baat !
इस पुस्तिका में कहा गया है, 'सुशासन में सबका कल्याण समाहित होना चाहिए ,फिर चाहे वह किसी भी धर्म का हो. इस तरह का लोकतंत्र मुगल बादशाह अकबर के वक्त था.' सिब्बल ने इस पर सरकार पर तंज करते हुए सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर अपने पोस्ट में कहा, 'जी20 पुस्तिका: सरकार ने मुगल बादशाह अकबर की शांति और लोकतंत्र के प्रणेता के तौर पर प्रशंसा की है. एक चेहरा: दुनिया के लिए, दूसरा चेहरा: इंडिया के लिए जो कि भारत है. कृपया करके हमें असली मन की बात बताइए.'
इस पुस्तिका में कहा गया कि अकबर ने 'धार्मिक भेदभाव से निपटने के लिए 'सुल्ह-ए-कुली' अर्थात वैश्विक शांति का सिद्धांत पेश किया.' पुस्तिका में कहा गया, 'सौहार्दपूर्ण समाज के निर्माण के लिए उन्होंने एक नए समन्वयपूर्ण धर्म 'दीन-ए-इलाही' की परिकल्पना पेश की. उन्होंने 'इबादतखाना (प्रार्थना का स्थान)' की भी स्थापना की,जहां विभिन्न संप्रदाय के बुद्धिमान लोग मिलते थे और चर्चा करते थे.'
पुस्तिका में कहा गया, 'नौ अति बुद्धिमान लोग जिन्हें नवरत्न कहा जाता था अकबर के परामर्शदाताओं के तौर पर काम करते थे और उनकी जनकेन्द्रित नीतियों के क्रियान्वयन का जिम्मा संभालते थे.' पुस्तिका के अनुसार, 'अकबर की लोकतंत्र की यह सोच असाधारण थी और अपने वक्त से काफी आगे थी.'
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(पीटीआई-भाषा)