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हाई काेर्ट में गुहार : आज या कल हाे सुनवाई वरना निष्फल हाे जाएगी याचिका - प्रदूषण पर राेक

दिल्ली सरकार द्वारा पटाखों की बिक्री, उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ तत्काल सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता के वकील ने मांग की है कि मामले की सुनवाई आज या कल कर दी जाए वरना यह निष्फल हाे जाएगी.

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Published : Oct 29, 2021, 3:40 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली के दौरान पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में तत्काल सुनवाई के लिए शुक्रवार को एक याचिका दाखिल की गई.

उच्च न्यायालय ने गुरुवार को याचिका को आगे की सुनवाई के लिए 13 दिसंबर को सूचीबद्ध किया था क्योंकि याचिकाकर्ता के मुख्य वकील उपलब्ध नहीं थे. अधिवक्ता ने हालांकि पीठ से शुक्रवार या शनिवार को ही सुनवाई करने का आग्रह किया कि अन्यथा याचिका का काेई महत्व नहीं रह जाएगा.

उच्च न्यायालय दिवाली की छुट्टी के लिए 1 नवंबर से 5 नवंबर तक अवकाश रहेगा और शनिवार को अंतिम कार्य दिवस है. मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने वकील से कोर्ट मास्टर को केस नंबर देने को कहा ताकि यह देखा जाए सके कि इसे कब सूचीबद्ध करना है.

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता गौतम झा ने कहा कि उनकी याचिका दिल्ली में 4 नवंबर को दिवाली के दौरान पटाखों की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ है और अगर त्योहार से पहले मामले की सुनवाई नहीं हुई, तो यह निष्फल हो जाएगा. उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा था कि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए देश भर में पटाख बनाने और बिक्री पर प्रतिबंध से संबंधित एक समान मामला भी सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है.

उच्च न्यायालय दो व्यक्तियों, राहुल सांवरिया और तनवीर की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने दावा किया है कि दिल्ली सरकार का पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय असमान्य था क्योंकि शीर्ष अदालत ने कभी भी राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध का आदेश नहीं दिया था. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वे 15 सितंबर के उस आदेश में संशोधन की मांग कर रहे हैं, जिसमें प्रदूषण संबंधी चिंताओं के कारण दिवाली के त्योहार के दौरान सभी प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था.

वकील ने पहले कहा था कि पूर्ण प्रतिबंध के बजाय, अधिकारियों को ग्रीन पटाखों या अन्य विकल्प चुनना चाहिए. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि प्रतिबंध मनमाना, अनुचित और अत्यधिक था.

प्रतिवादी (दिल्ली सरकार) की कार्रवाई एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक उद्देश्य को पूरा करने के लिए आवश्यक से अधिक दखल देने वाली नहीं होनी चाहिए. इसने दावा किया कि दिल्ली में प्रदूषण वाहनों, बायोमास जलाने आदि के कारण था और दिवाली के त्योहार से डेढ़ महीने पहले पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध ने लाखों लोगों की भावनाओं को आहत किया है.

पढ़ें : दिल्ली में शुरू हुआ 'पटाखे नहीं, दीया जलाओ' अभियान, पर्यावरण मंत्री ने की शुरुआत

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली के दौरान पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में तत्काल सुनवाई के लिए शुक्रवार को एक याचिका दाखिल की गई.

उच्च न्यायालय ने गुरुवार को याचिका को आगे की सुनवाई के लिए 13 दिसंबर को सूचीबद्ध किया था क्योंकि याचिकाकर्ता के मुख्य वकील उपलब्ध नहीं थे. अधिवक्ता ने हालांकि पीठ से शुक्रवार या शनिवार को ही सुनवाई करने का आग्रह किया कि अन्यथा याचिका का काेई महत्व नहीं रह जाएगा.

उच्च न्यायालय दिवाली की छुट्टी के लिए 1 नवंबर से 5 नवंबर तक अवकाश रहेगा और शनिवार को अंतिम कार्य दिवस है. मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने वकील से कोर्ट मास्टर को केस नंबर देने को कहा ताकि यह देखा जाए सके कि इसे कब सूचीबद्ध करना है.

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता गौतम झा ने कहा कि उनकी याचिका दिल्ली में 4 नवंबर को दिवाली के दौरान पटाखों की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ है और अगर त्योहार से पहले मामले की सुनवाई नहीं हुई, तो यह निष्फल हो जाएगा. उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा था कि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए देश भर में पटाख बनाने और बिक्री पर प्रतिबंध से संबंधित एक समान मामला भी सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है.

उच्च न्यायालय दो व्यक्तियों, राहुल सांवरिया और तनवीर की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने दावा किया है कि दिल्ली सरकार का पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय असमान्य था क्योंकि शीर्ष अदालत ने कभी भी राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध का आदेश नहीं दिया था. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वे 15 सितंबर के उस आदेश में संशोधन की मांग कर रहे हैं, जिसमें प्रदूषण संबंधी चिंताओं के कारण दिवाली के त्योहार के दौरान सभी प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था.

वकील ने पहले कहा था कि पूर्ण प्रतिबंध के बजाय, अधिकारियों को ग्रीन पटाखों या अन्य विकल्प चुनना चाहिए. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि प्रतिबंध मनमाना, अनुचित और अत्यधिक था.

प्रतिवादी (दिल्ली सरकार) की कार्रवाई एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक उद्देश्य को पूरा करने के लिए आवश्यक से अधिक दखल देने वाली नहीं होनी चाहिए. इसने दावा किया कि दिल्ली में प्रदूषण वाहनों, बायोमास जलाने आदि के कारण था और दिवाली के त्योहार से डेढ़ महीने पहले पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध ने लाखों लोगों की भावनाओं को आहत किया है.

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