नई दिल्ली : एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर चुनाव आयोग में सदस्यों की नियुक्ति के लिए एक स्वतंत्र चयन समिति गठित करने का निर्देश देने की मांग की है.
याचिका में कहा गया, कार्यपालिका (सरकार) द्वारा विशेष रूप से चुनने की एकमात्र भूमिका चुनाव आयोग गठन के उद्देश्य को प्रभावित कर देती है और इसे केवल कार्यपालिका का हिस्सा बनाती है.
याचिका में कहा गया, लोकतंत्र संविधान की मूल संरचना का एक पहलू है और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने और हमारे देश में स्वस्थ लोकतंत्र बनाए रखने के लिए, चुनाव आयोग को राजनीतिक और कार्यकारी हस्तक्षेप से अलग किया जाना चाहिए.
अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग विभिन्न पक्षों के बीच 17 अर्ध न्यायिक कार्य करता है और ऐसे मामले में कार्यकारी के लिए चुनाव आयोग के सदस्यों की चयन प्रक्रिया का हिस्सा बनना उचित नहीं है क्योंकि ऐसे में पक्षपात होगा.
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संगठन ने 255वें विधि आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग की है, जिसमें सिफारिश की गई है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की समिति के परामर्श से चुनाव आयुक्त बनाया जाना चाहिए.