नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है जिसमें केरल सरकार को शपथ ग्रहण समारोह रद्द करने या उपस्थित लोगों की संख्या 75 त क सीमित करने का निर्देश देने की अपील की गई है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि शपथ ग्रहण में 500 लोग शामिल होंगे.
जनहित याचिका केएम सहजन ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि एक तरफ राज्य ने कोविड महामारी के कारण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है लोग अपनी आजीविका छोड़ने के लिए मजबूर हैं और दूसरी ओर राज्य एक 'सुपर स्प्रेडर पब्लिक इवेंट' आयोजित कर अपनी जीत दिखाने के लिए अच्छी-खासी रकम खर्च कर रहा है.
उनका कहना है चुनाव वायरस के फैलने का कारण था और शारीरिक समारोह आयोजित करना उन कानूनों और प्रोटोकॉल का उल्लंघन होगा जो यह अपने लोगों पर लागू करता है.
याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत के लिए इस मामले में हस्तक्षेप करना आवश्यक है क्योंकि 'केरल सरकार द्वारा सत्ता के पूर्ण दुरुपयोग पर सवाल उठाने वाला कोई नहीं है.'
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गौरतलब है कि शपथ ग्रहण समारोह के खिलाफ केरल के वकीलों ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार और न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन को भी पत्र लिखा है.
कोविड की स्थिति को देखते हुए उनसे अनुरोध किया है कि शासन को राजभवन में शपथ लेने का निर्देश दें. दरअसल मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि एक स्टेडियम में जिसमें 50,000 लोग बैठ सकते हैं 500 बड़ी संख्या नहीं है.