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बीआर अंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल के खिलाफ आपराधिक शिकायत दायर - chandrakant patil

महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल के खिलाफ बीआर अंबेडकर और समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर एक अदालत में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई गई. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Dec 17, 2022, 10:42 PM IST

मुंबई : सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल के खिलाफ बीआर अंबेडकर और समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के बारे में की गई विवादित टिप्पणी के संबंध में शनिवार को एक अदालत में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई.

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 153 (ए) (दुश्मनी को बढ़ावा देना), 120 बी (आपराधिक साजिश के लिए सजा), और 504 (जानबूझकर अपमान करना) के तहत शिकायत दर्ज कराई गई. शिकायत में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक शिवाजी कदम, मुंबई के पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर और दो अन्य पुलिस अधिकारियों पर भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने पाटिल को बचाने के लिए समान इरादे से काम किया.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं की और इसलिए फडणवीस (जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं), मुंबई पुलिस आयुक्त और दो अन्य अधिकारियों ने पाटिल को बचाने के लिए एक समान इरादे से काम किया. अधिवक्ता नितिन सतपुते के जरिये अशोक कांबले द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि पाटिल ने आंबेडकर और ज्योतिबा फुले के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए थे.

शिकायत में विधायक कदम पर पाटिल का समर्थन करते हुए भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया गया है. शिकायतकर्ता के मुताबिक, उन्होंने पुलिस को शिकायत दी थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. अदालत इस मामले पर 20 दिसंबर को सुनवाई करेगी.

ये भी पढ़ें - महाराष्ट्र: मंत्री चंद्रकांत पाटिल बोले- मुझ पर स्याही फेंका जाना पूर्व सुनियोजित हमला

मुंबई : सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल के खिलाफ बीआर अंबेडकर और समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के बारे में की गई विवादित टिप्पणी के संबंध में शनिवार को एक अदालत में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई.

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 153 (ए) (दुश्मनी को बढ़ावा देना), 120 बी (आपराधिक साजिश के लिए सजा), और 504 (जानबूझकर अपमान करना) के तहत शिकायत दर्ज कराई गई. शिकायत में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक शिवाजी कदम, मुंबई के पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर और दो अन्य पुलिस अधिकारियों पर भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने पाटिल को बचाने के लिए समान इरादे से काम किया.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं की और इसलिए फडणवीस (जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं), मुंबई पुलिस आयुक्त और दो अन्य अधिकारियों ने पाटिल को बचाने के लिए एक समान इरादे से काम किया. अधिवक्ता नितिन सतपुते के जरिये अशोक कांबले द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि पाटिल ने आंबेडकर और ज्योतिबा फुले के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए थे.

शिकायत में विधायक कदम पर पाटिल का समर्थन करते हुए भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया गया है. शिकायतकर्ता के मुताबिक, उन्होंने पुलिस को शिकायत दी थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. अदालत इस मामले पर 20 दिसंबर को सुनवाई करेगी.

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