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पायलट संघ ने अदालत से किया 'ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट' रोकने का अनुरोध

एअर इंडिया के पायलटों के एक संघ ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और डीजीसीए को कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर 'ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट' पर अस्थायी रोक लगाने का निर्देश दिए जाने की अपील की है.

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Published : Apr 27, 2021, 10:32 AM IST

पायलट संघ
पायलट संघ

नई दिल्ली : विमानन कंपनी 'एअर इंडिया' के पायलटों के एक संघ ने दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को याचिका दायर कर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर 'ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट' (बीएटी) पर अस्थायी रोक लगाने का निर्देश दिए जाने की अपील की.

'ब्रेथ एनेलाइजर' की मदद से सांस की जांच करके यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति ने शराब पी रखी है या नहीं.

जब न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिए आया, तो डीजीसीए ने अदालत को बताया कि पिछले साल जून में एक चिकित्सकीय मंडल की सिफारिश में बीएटी की अनुमति दी गई थी, लेकिन भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (आईसीपीए) ने अदालत से कहा कि चिकित्सकीय मंडल ने वायु यातायात नियंत्रकों के बीएटी के संदर्भ में सिफारिश की थी.

अदालत ने डीजीसीए से कहा कि वह उसके समक्ष मंडल की सिफारिशें पेश करे और उसने मामले की आगे की सुनवाई के लिए आज की तारीख तय की है.

आईसीपीए ने संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर बीएटी पर अस्थायी रोक लगाने का अनुरोध किया है.

पढ़ें- कोरोना के खिलाफ जंग में विदेशों ने बढ़ाए हाथ, भारत पहुंचने लगी मदद

अदालत ने कोविड-19 प्रकोप के मद्देनजर हवाई यातायात नियंत्रकों के लिए ट्यूब प्रक्रिया के जरिए 'ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट' (बीएटी) पर रोक लगाने के संबंध में पिछले साल मई में एक अंतरिम आदेश जारी किया था, इसके बाद सितंबर 2020 में उसने अपने अंतरिम आदेश में बदलाव किया और चिकित्सकीय मंडल की सिफारिशों के आधार पर ट्यूब प्रक्रिया के जरिए बीएटी को अनुमति दी थी.

नई दिल्ली : विमानन कंपनी 'एअर इंडिया' के पायलटों के एक संघ ने दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को याचिका दायर कर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर 'ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट' (बीएटी) पर अस्थायी रोक लगाने का निर्देश दिए जाने की अपील की.

'ब्रेथ एनेलाइजर' की मदद से सांस की जांच करके यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति ने शराब पी रखी है या नहीं.

जब न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिए आया, तो डीजीसीए ने अदालत को बताया कि पिछले साल जून में एक चिकित्सकीय मंडल की सिफारिश में बीएटी की अनुमति दी गई थी, लेकिन भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (आईसीपीए) ने अदालत से कहा कि चिकित्सकीय मंडल ने वायु यातायात नियंत्रकों के बीएटी के संदर्भ में सिफारिश की थी.

अदालत ने डीजीसीए से कहा कि वह उसके समक्ष मंडल की सिफारिशें पेश करे और उसने मामले की आगे की सुनवाई के लिए आज की तारीख तय की है.

आईसीपीए ने संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर बीएटी पर अस्थायी रोक लगाने का अनुरोध किया है.

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अदालत ने कोविड-19 प्रकोप के मद्देनजर हवाई यातायात नियंत्रकों के लिए ट्यूब प्रक्रिया के जरिए 'ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट' (बीएटी) पर रोक लगाने के संबंध में पिछले साल मई में एक अंतरिम आदेश जारी किया था, इसके बाद सितंबर 2020 में उसने अपने अंतरिम आदेश में बदलाव किया और चिकित्सकीय मंडल की सिफारिशों के आधार पर ट्यूब प्रक्रिया के जरिए बीएटी को अनुमति दी थी.

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