अमरावती (महाराष्ट्र): अमरावती शहर के दशहरा (Dussehra) मैदान में अमरावती श्री अंबादेवी और श्री एकवीरा देवी के ग्राम देवताओं के सिमोल्लांघन की पूर्व संध्या पर दशहरा मेला आयोजित किया जाता है. यह श्री हनुमान व्यायाम प्रसार मंडल द्वारा पिछले 92 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है. इस मेले में अनुशासित युवा रोमांचकारी अभ्यास करते हैं. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए श्री हनुमान व्यायाम प्रसार मंडल में भारतीय रक्षा बल की स्थापना की थी.
उस समय नवरात्रि महोत्सव के दौरान श्री अंबादेवी और श्री एकवीरा देवी की यात्रा के अवसर पर मंदिर के ठीक पीछे श्री हनुमान व्यायाम शाला (Shri Hanuman Vyayam Prasar Mandal) में अमरावती शहर में भारी भीड़ उमड़ी और इन दस दिनों के दौरान युवाओं को चोरी चुपके सैन्य प्रशिक्षण दिया गया था. इस सैन्य प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से ही 1930 में श्री अंबादेवी और श्री एकवीरा देवी ने शहर की सीमा पार की और श्री हनुमान व्यायाम विद्यालय की ओर से दशहरे के अवसर पर मंदिर लौट आईं.
इसके बाद श्री हनुमान एक्सरसाइज स्कूल के प्रशिक्षित युवाओं द्वारा उस स्थान पर अभ्यास का आयोजन शुरू कर दिया गया. आज यह स्थान अमरावती शहर में दशहरा मैदान के नाम से जाना जाता है. 1930 से अब तक हर साल इस जगह पर दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाता रहा है. 1947 में भारत की आजादी के बाद अमरावती शहर में दशहरा उत्सव का चेहरा बदल गया. इस महोत्सव में भारतीय पारंपरिक खेलों के साथ-साथ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत की गई.
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इसमें श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के डिग्री कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन के तीन से चार हजार छात्र विभिन्न खेलों का प्रदर्शन करते हैं. इनमें समूह कराटे, मल्लखंब, जिमनास्टिक, मार्शल आर्ट, लाजिम, एरोबिक्स, बॉडी बिल्डिंग, रशियन ड्रिल शील्ड्स, स्वॉर्ड्स, स्ट्रैप स्पीयर्स डंबेल्स और ताइक्वांडो का प्रदर्शन किया जाता है. देशभक्ति, राष्ट्रीय निष्ठा और राष्ट्रीय सम्मान के साथ-साथ समाज सेवा के उद्देश्य से यह दशहरा मेला चल रहा है.