नई दिल्लीः राजस्थान के बहुचर्चित फोन टैपिंग मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को भी जारी रखी. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 31 मई की तारीख तय की है. तब तक गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी.
सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाने के लिए दायर की गई याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि लोकेश शर्मा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम राहत का दुरुपयोग किया जा रहा है. इस वजह से दिल्ली पुलिस अपनी जांच को आगे नहीं बढ़ा पा रही है और केस में चार्जशीट भी पेश नहीं हो पा रही है. इसलिए गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाई जाए.
जैन की दलीलों के जवाब में लोकेश शर्मा की ओर से पेश वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कोर्ट में कहा कि शर्मा जांच में हर तरह से सहयोग कर रहे हैं. लेकिन मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इसे दिखाना नहीं चाहती. इस दलील के बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 31 मई की तारीख तय कर दी.
ये था पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में राजस्थान के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समूह के 19 विधायकों ने गहलोत सरकार से बगावत की थी. उस समय केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत का एक ऑडियो वायरल हुआ था. इसके आधार पर कांग्रेस पार्टी और गहलोत ने शेखावत व अन्य भाजपा नेताओं पर राजस्थान सरकार गिराने का आरोप लगाया था. इसके बाद शेखावत ने मार्च 2021 में लोकेश शर्मा के खिलाफ फोन टैपिंग का दिल्ली में केस दर्ज कराया था.
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