नई दिल्ली : मालाबार 2020 का दूसरा चरण 17 से 20 नवंबर 2020 तक उत्तरी अरब सागर में आयोजित किया जाएगा. भारत, अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया की नौसेना अभ्यास करेंगी.
पहला चरण बंगाल की खाड़ी में 3 से 6 नवंबर को हुआ था. दूसरे चरण में नौसेना के विक्रमादित्य कैरियर बैटल ग्रुप और यूएस नेवी के निमित्ज कैरियर स्ट्राइक ग्रुप आकर्षण का केंद्र होंगे. दोनों पोत, अन्य जहाजों, पनडुब्बी और भाग लेने वाले नौसेना के विमानों के साथ चार दिनों तक अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे.
इस बार विक्रमादित्य से एमआईजी 29के विमान, निमित्ज से एफ 2-हॉके और एमआईजी 29 के क्रॉस-डेक उड़ान का अभ्यास शामिल है. इसके अलावा उन्नत सतह और पनडुब्बी रोधी युद्ध अभ्यास, सीमांसशिप के विकास और हथियार फेरिंग भी चार मित्र राष्ट्रों के बीच अंतर-संचालन और तालमेल को बढ़ाने के लिए किए जाएंगे.
स्वदेशी पनडुब्बी खंडेरी भी दिखेगी
विक्रमादित्य और इसके लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर एयर-विंग्स, स्वदेशी विध्वंसक कोलकाता और चेन्नई के अलावा, स्टील्थ फ्रिगेट तलवार, फ्लीट सपोर्ट शिप दीपक और इंटीग्रल हेलिकॉप्टर भी अभ्यास में भाग लेंगे, जिसकी अगुवाई पश्चिमी एडमिरल के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल कृष्ण स्वामीनाथन करेंगे. भारतीय नौसेना के स्वदेशी निर्मित पनडुब्बी खंडेरी और P8I समुद्री टोही विमान भी अभ्यास के दौरान अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे.
अमेरिकी नेवी के स्ट्राइक कैरियर निमित्ज में पी 8 ए समुद्री टोही विमान के अलावा क्रूजर प्रिंसटन और विध्वंसक स्टेरेट होंगे. रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी को अभिन्न हेलिकॉप्टर के साथ-साथ बैलरेट का प्रतिनिधित्व दिया जाएगा.
1992 से चल रहा नौसैना अभ्यास का सिलसिला
वर्ष 1992 में मालाबार नौसैन्य अभ्यास श्रृंखला भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के द्विपक्षीय संयुक्त नौसैनिक अभ्यास से शुरू हुई थी. वर्ष 2015 में इस नौसेना के अभ्यास में जापान को भी शामिल किया गया. यह एक वार्षिक नौसैन्य अभ्यास है. वर्ष 2018 में यह नौसैन्य अभ्यास फिलीपीन सागर में गुआम तट पर आयोजित किया गया था, जबकि वर्ष 2019 में यह जापान के तट पर. इस बार अभ्यास का 24वां संस्करण है.
पहली बार ऑस्ट्रेलियाई नौसेना शामिल
भारत समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा क्षेत्र में सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रयासरत है, इसलिए इस बार मालाबार नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना को भी शामिल किया गया है. ऑस्ट्रेलिया 2016 से ही इस नौसैनिक अभ्यास में शामिल होना चाहता था, लेकिन भारत अभी तक ऑस्ट्रेलिया को इसमें शामिल करने से बच रहा था.
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