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एनआईए का खुलासा, ISIS से पीएफआई के लिंक होने के मिले सबूत

एजेंसी ने कहा कि उसे आईएसआईएस के साथ पीएफआई के लिंक को साबित करने के सबूत भी मिले हैं और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के साथ उनके संबंधों को लेकर आगे की जांच की जा रही है. रिमांड बढ़ाने की याचिका पर विचार करते हुए एनआईए कोर्ट ने आरोपी की रिमांड 90 दिन और बढ़ा दी है.

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Published : Dec 20, 2022, 7:24 PM IST

एर्नाकुलम : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अदालत को बताया कि अब प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की एक गुप्त शाखा है, जो आतंकवाद में युवाओं की भर्ती करती है. इसमें अन्य समुदायों के सदस्य भी शामिल हैं. कोर्ट के सामने एनआईए ने गिरफ्तार पीएफआई नेताओं की रिमांड अवधि बढ़ाने की अपील की है. इस अपील में सुरक्षा एजेंसी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि तीन महीने की लंबी जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पीएफआई की यह गुप्त शाखा अन्य धर्मों के लोगों की हिट लिस्ट बनाने के लिए जिम्मेदार थी और यह पीएफआई कार्यालयों के बाहर काम करती थी.

एजेंसी ने कहा कि उसे आईएसआईएस के साथ पीएफआई के लिंक को साबित करने के सबूत भी मिले हैं और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के साथ उनके संबंधों को लेकर आगे की जांच की जा रही है. रिमांड बढ़ाने की याचिका पर विचार करते हुए एनआईए कोर्ट ने आरोपी की रिमांड 90 दिन और बढ़ा दी है. एनआईए की पहली रिमांड याचिका में ही संगठन और उसके नेताओं पर बेहद गंभीर आरोप लगाए गए थे.

बता दें कि एनआईए ने पीएफआई पर समाज में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश करने, कानून व्यवस्था को नष्ट करने और एक समानांतर न्यायिक प्रणाली बनाने का भी आरोप लगाया जहां आपराधिक बल को उचित ठहराया गया था. इस याचिका में यह भी कहा गया है कि पीएफआई ने युवाओं को अल कायदा, लश्कर-ए-तैय्यबा और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था.

एर्नाकुलम : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अदालत को बताया कि अब प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की एक गुप्त शाखा है, जो आतंकवाद में युवाओं की भर्ती करती है. इसमें अन्य समुदायों के सदस्य भी शामिल हैं. कोर्ट के सामने एनआईए ने गिरफ्तार पीएफआई नेताओं की रिमांड अवधि बढ़ाने की अपील की है. इस अपील में सुरक्षा एजेंसी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि तीन महीने की लंबी जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पीएफआई की यह गुप्त शाखा अन्य धर्मों के लोगों की हिट लिस्ट बनाने के लिए जिम्मेदार थी और यह पीएफआई कार्यालयों के बाहर काम करती थी.

एजेंसी ने कहा कि उसे आईएसआईएस के साथ पीएफआई के लिंक को साबित करने के सबूत भी मिले हैं और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के साथ उनके संबंधों को लेकर आगे की जांच की जा रही है. रिमांड बढ़ाने की याचिका पर विचार करते हुए एनआईए कोर्ट ने आरोपी की रिमांड 90 दिन और बढ़ा दी है. एनआईए की पहली रिमांड याचिका में ही संगठन और उसके नेताओं पर बेहद गंभीर आरोप लगाए गए थे.

बता दें कि एनआईए ने पीएफआई पर समाज में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश करने, कानून व्यवस्था को नष्ट करने और एक समानांतर न्यायिक प्रणाली बनाने का भी आरोप लगाया जहां आपराधिक बल को उचित ठहराया गया था. इस याचिका में यह भी कहा गया है कि पीएफआई ने युवाओं को अल कायदा, लश्कर-ए-तैय्यबा और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था.

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