हैदराबाद: भारत के करीब-करीब हर शहर में पेट्रोल के दाम शतक लगा चुके हैं. अगर आपके शहर में पेट्रोल की सेंचुरी नहीं हुई है तो मायूस मत होइये आने वाले दिनों में जल्द हो जाएगी. क्योंकि पेट्रोल-डीजल के दाम 10 पैसे 15 पैसे करके रोज यूं ही धीरे-धीरे आपकी जेब और दिल दोनों जलाते रहेंगे और आपके किचन से लेकर घर का सारा बजट बिगाड़ता रहेगा. ऐसा इसलिये क्योंकि देश की सरकार ने तेल की कीमतों को लेकर फिलहाल अपने हाथ खड़े कर लिए हैं.
संसद में सरकार ने क्या कहा ?
सोमवार को शुरू हुए संसद सत्र के पहले दिन तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर संसद में सवाल पूछा गया था कि क्या पेट्रोल की कीमतों पर काबू पाने के लिए इसे जीएसटी के दायरे में लाने की योजना है. जिस पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने साफ-साफ कहा कि जीएसटी काउंसिल ने तेल और गैस को जीएसटी के दायरे में शामिल करने की सिफारिश नहीं की है. यानि तेल की कीमतों में लगी आग फिलहाल बुझने वाली नहीं है.
इन देशों में मिलता है सबसे सस्ता तेल
भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम आपकी जेब जला रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे सस्ता पेट्रोल कहां मिलता है ? कुछ लोग खाड़ी देशों में से मौजूद किसी तेल उत्पादक देश का नाम सोच रहे होंगे लेकिन दुनिया का सबसे सस्ता पेट्रोल और डीजल दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला में मिलता है. यहां एक लीटर पेट्रोल की कीमत मात्र डेढ रूपये है जबकि डीजल के दाम तो चिल्लर में समझिये.
वेनेजुएला के बाद ईरान, अंगोला, अल्जीरिया, कुवैत, सूडान, कजाकिस्तान, कतर, तुर्कमेनिस्तान, नाइजीरिया में तेल बहुत सस्ता है. वैसे भारतीय रुपये के लिहाज से दुनिया के कई देशों में पेट्रोल-डीजल के दाम भारत से कम ही हैं. सस्ते पेट्रोल की बात आई है तो ये भी जान लीजिये कि दुनिया में सबसे महंगा पेट्रोल हॉन्गकॉन्ग में बिकता है जहां एक लीटर पेट्रोल की कीमत करीब 2.5 डॉलर यानि करीब 200 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है.
पड़ोसी देशों में बिक रहा है सस्ता तेल
भारत के पड़ोसी और खासकर सार्क (SAARC) समूह के देशों की बात करें तो वहां पेट्रोल डीजल की कीमत भारत से बहुत कम है. सार्क देशों में तेल के सबसे कम दाम अफगानिस्तान में हैं. जबकि पड़ोसी पाकिस्तान में 54.70 रुपये प्रतिलीटर की दर से पेट्रोल बिक रहा है. सार्क देशों में भारत के बाद सबसे महंगा पेट्रोल नेपाल में है.
तेल पर टैक्स से सरकार की हो रही बंपर कमाई
लोकसभा में सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल डीजल पर केंद्र सरकार द्वारा वसूले जाने वाले टैक्स में 88 फीसदी का इजाफा हुआ है. पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क यानि एक्साइज ड्यूटी प्रति लीटर 19.98 रुपये से बढ़कर 32.90 रुपये पहुंच गई है जबकि डीजल पर ये शुल्क प्रति लीटर 15.83 रुपये से बढ़कर 31.80 रुपये पहुंच गया. सरकार को इससे बीते वित्त वर्ष में 3.35 लाख करोड़ की कमाई हुई.
कमाई का ये आंकड़ा उस साल का है जिसमें कोरोना के चलते लॉकडाउन भी लगाना पड़ा था और इस दौरान पेट्रोल डीजल की खपत कम हुई थी. ध्यान देने वाली बात ये है कि साल 2014-15 में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के पहले वित्त वर्ष में पेट्रोल की एक्साइज ड्यूटी से सिर्फ 29,279 करोड़ और डीजल से 42,881 करोड़ की कमाई हुई थी.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों से कुछ लेना-देना है या नहीं ?
सब जानते हैं और सरकारें भी रटती रहती है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल महंगा हुआ है तो भारत में भी महंगा मिलेगा. लेकिन सवाल है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल सस्ता हुआ तो भारत में सस्ता क्यों नहीं हो रहा है. भारत अपनी खपत का 80 फीसदी से ज्यादा तेल आयात करता है. तेल की कीमत प्रति बैरल के हिसाब से आंकी जाती है और एक बैरल में 159 लीटर कच्चा तेल होता है. कच्चे तेल की कीमत मौजूदा वक्त में प्रति बैरल 70 से 75 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहती है.
पिछले साल लॉकडाउन के दौरान कच्चे तेल के दाम अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए जब प्रति बैरल कच्चा तेल 20 डॉलर से भी कम में मिल रहा था. लेकिन भारत में तेल की कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ा. दरअसल बीते कुछ सालों से ऐसा लगता है कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों का भारत में तेल की कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ रहा. अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें कम हों या ज्यादा भारत में तेल महंगा ही हो रहा है.
एक लीटर पेट्रोल का तीन गुना दाम चुकाते हैं आप
अंतरराष्ट्रीय बाजार में 75 डॉलर प्रति बैरल कच्चे तेल के दाम में ढुलाई और रिफाइनरी का खर्च भी जोड़ लिया जाए तो प्रतिलीटर कच्चे तेल की करीब 35 रुपये प्रतिलीटर होती है. रिफाइनरी पहुंचने के बाद प्रोसेसिंग के बाद पेट्रोल और डीजल डीलर्स के पास पहुंचता है. इसमें केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी, डीलर अपना कमीशन और राज्य सरकारें वैट लगाती हैं. जिसके बाद फिलहाल आपको पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से मिलता है.
केंद्र सरकार करीब 33 फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाती है और डीलर करीब 3 से 4 रुपये प्रति लीटर कमीशन लेते हैं. वहीं राज्यों में वैट की दर अलग-अलग है. राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर वैट लगाती हैं. यानि जो कच्चा तेल 30 से 35 रुपये का होता है वो रिफाइनरी और डीलर से होता हुआ सरकारी टैक्स और वैट के साथ आपको 100 रुपये प्रति लीटर से भी अधिक का मिल रहा है.
सस्ते पेट्रोल डीजल का सपना भूल जाइये क्योंकि...
भारत में केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार की कमाई का मुख्य जरिया है तेल पर टैक्स. केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी के रूप में राज्य सरकार वैट के रूप में कमाई करते हैं. बीते एक साल से और खासकर बीते कुछ महीनों से तेल के दाम बढ़ रहे हैं उससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपनी कमाई से समझौता ना केंद्र सरकार करने वाली है और ना ही राज्य सरकार. जीएसटी के दायरे में पेट्रोल डीजल लाने पर भी सरकार इनकार कर चुकी है ऐसे में आप फिलहाल पेट्रोल की कीमतों में कमी का सपना देखना छोड़ ही दीजिए.