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एजीआर संबंधित बकाया की गणना में गड़बड़ी के आरोप संबंधी दूरसंचार कंपनियों की याचिका खारिज

उच्चतम न्यायालय ने वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल समेत दूरसंचार क्षेत्र की बड़ी कंपनियों द्वारा समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) संबंधी बकाया की गणना में गलितयों का आरोप लगाते हुए दायर की गई याचिकाओं को खारिज कर दिया.

दूरसंचार कंपनियों की याचिका खारिज
दूरसंचार कंपनियों की याचिका खारिज
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Published : Jul 23, 2021, 11:57 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल समेत दूरसंचार क्षेत्र की बड़ी कंपनियों द्वारा समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) संबंधी बकाया की गणना में गलितयों का आरोप लगाते हुए दायर की गई याचिकाओं को शुक्रवार को खारिज कर दिया.

  • Supreme Court dismisses all the applications filed by Bharti Airtel and Vodafone Idea seeking a direction for correction of errors in AGR (Adjusted Gross Revenue) calculation. pic.twitter.com/1sLORvvka1

    — ANI (@ANI) July 23, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा सभी अर्जियां खारिज की जाती हैं. दूरसंचार कंपनियों ने शीर्ष अदालत में दलील दी कि गणना में अंकगणितीय त्रुटियों को ठीक किया जाए और प्रविष्टियों में दोहराव के मामले भी हैं. शीर्ष अदालत ने 19 जुलाई को कहा था कि वह दूरसंचार क्षेत्र की बड़ी कंपनियों द्वारा दायर आवेदनों पर आदेश पारित करेगी.

पढ़ें :दूरसंचार कंपनियों को राहत, सरकार ने स्पेक्ट्रम भुगतान दो साल के लिए टाला

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में सरकार को अपनी बकाया राशि का भुगतान करने के लिए एजीआर से संबंधित 93,520 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहे दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 10 साल का समय दिया था.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल समेत दूरसंचार क्षेत्र की बड़ी कंपनियों द्वारा समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) संबंधी बकाया की गणना में गलितयों का आरोप लगाते हुए दायर की गई याचिकाओं को शुक्रवार को खारिज कर दिया.

  • Supreme Court dismisses all the applications filed by Bharti Airtel and Vodafone Idea seeking a direction for correction of errors in AGR (Adjusted Gross Revenue) calculation. pic.twitter.com/1sLORvvka1

    — ANI (@ANI) July 23, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा सभी अर्जियां खारिज की जाती हैं. दूरसंचार कंपनियों ने शीर्ष अदालत में दलील दी कि गणना में अंकगणितीय त्रुटियों को ठीक किया जाए और प्रविष्टियों में दोहराव के मामले भी हैं. शीर्ष अदालत ने 19 जुलाई को कहा था कि वह दूरसंचार क्षेत्र की बड़ी कंपनियों द्वारा दायर आवेदनों पर आदेश पारित करेगी.

पढ़ें :दूरसंचार कंपनियों को राहत, सरकार ने स्पेक्ट्रम भुगतान दो साल के लिए टाला

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में सरकार को अपनी बकाया राशि का भुगतान करने के लिए एजीआर से संबंधित 93,520 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहे दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 10 साल का समय दिया था.

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