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गुरुग्राम नमाज़ विवाद: हरियाणा के मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

गुरुग्राम में खुले में नमाज विवाद अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. इस मामले में हरियाणा के मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. आखिर क्या है पूरा मामला, जानने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Dec 16, 2021, 8:42 PM IST

Updated : Dec 16, 2021, 11:52 PM IST

नई दिल्ली : हरियाणा के गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने को लेकर विवाद (Gurgram namaz controversy) जारी है. इस बीच पूर्व राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब (Former Member of Rajya Sabha Mohammad Adeeb) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर हरियाणा के मुख्य सचिव (chief Secretary of Haryana) और डीजीपी (DGP of Haryana) के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की है. अदीब गुरुग्राम निवासी हैं.

उनके इस कदम पर एक दक्षिणपंथी संगठन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया और शुक्रवार को खुले में नमाज अदा किए जाने के खिलाफ चेतावनी दी.

मोहम्मद अदीब (Mohammad Adeeb) ने आरोप लगाया है कि लोग शुक्रवार की नमाज पढ़ने के लिए तय साइट पर पहुंचते हैं जहां कुछ लोग उनके खिलाफ घृणित अभियान चला रहे हैं. याचिकाकर्ता के मुताबिक गुरुग्राम में इसे लेकर कई शिकायतें दर्ज की गई हैं लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही. हर शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज के दौरान इस तरह के मामले बढ़ रहे हैं, जहां लोगों का समूह नमाज वाले तय स्थानों पर पहुंचकर धार्मिक नारे लगाकर माहौल बिगाड़ने में लगे हुए हैं.

याचिकाकर्ता ने बताया कि ऐसा भारी पुलिस बल की तैनाती के बावजूद होता है. मौके पर बनाए गए कुछ वीडियो से साफ पता चलता है कि ऐसा करने वाले लोगों को कानून का कोई डर नहीं है. पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में तो लिए लेकिन उन्हें उसी दिन छोड़ दिया गया.

मोहम्मद अदीब का कहना है कि इस तरह की हरकत से धार्मिक उन्माद पैदा होता है और ये मामला सोशल मीडिया पर भी एक घृणास्पद सामग्री के तौर पर फैलाया जा रहा है. झूठी और गलत अफवाहें भी फैलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि नमाज पढ़ने के स्थान तय किए गए हैं, जहां शुक्रवार की नमाज पढ़ने की इजाजत प्रशासन की तरफ से दी गई है.

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया जिसमें कोर्ट ने सांप्रदायिक घृणा अपराधों को रोकने के लिए राज्य मशीनरी के प्रभावी नहीं होने के बारे में टिप्पणी की थी. याचिकाकर्ता ने कहा कि हरियाणा के अधिकारी उस फैसले की अवमानना ​​कर रहे हैं और इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम में नहीं थम रहा खुले में नमाज का विवाद, अब मुस्लिम संगठनों में दो फाड़

इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति ने उन पर और एक वृत्तचित्र निर्माता पर लोगों को गुमराह करने तथा उकसाने का आरोप लगाया. संगठन ने शुक्रवार को खुले में नमाज अदा करने के खिलाफ चेतावनी भी दी. समिति के अध्यक्ष महावीर भारद्वाज ने कहा कि एक सौहार्द्रपूर्ण स्थिति में पहुंचने तक नमाज सिर्फ मस्जिदों और घरों में अदा की जाए.

उन्होंने कहा, 'हम धर्म पर नहीं बल्कि भूमि जिहाद पर हमला कर रहे हैं, जहां कुछ तत्व सार्वजनिक भूमि का अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे हैं.' पुलिस आयुक्त और उपायुक्त, दोनों ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

नई दिल्ली : हरियाणा के गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने को लेकर विवाद (Gurgram namaz controversy) जारी है. इस बीच पूर्व राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब (Former Member of Rajya Sabha Mohammad Adeeb) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर हरियाणा के मुख्य सचिव (chief Secretary of Haryana) और डीजीपी (DGP of Haryana) के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की है. अदीब गुरुग्राम निवासी हैं.

उनके इस कदम पर एक दक्षिणपंथी संगठन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया और शुक्रवार को खुले में नमाज अदा किए जाने के खिलाफ चेतावनी दी.

मोहम्मद अदीब (Mohammad Adeeb) ने आरोप लगाया है कि लोग शुक्रवार की नमाज पढ़ने के लिए तय साइट पर पहुंचते हैं जहां कुछ लोग उनके खिलाफ घृणित अभियान चला रहे हैं. याचिकाकर्ता के मुताबिक गुरुग्राम में इसे लेकर कई शिकायतें दर्ज की गई हैं लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही. हर शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज के दौरान इस तरह के मामले बढ़ रहे हैं, जहां लोगों का समूह नमाज वाले तय स्थानों पर पहुंचकर धार्मिक नारे लगाकर माहौल बिगाड़ने में लगे हुए हैं.

याचिकाकर्ता ने बताया कि ऐसा भारी पुलिस बल की तैनाती के बावजूद होता है. मौके पर बनाए गए कुछ वीडियो से साफ पता चलता है कि ऐसा करने वाले लोगों को कानून का कोई डर नहीं है. पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में तो लिए लेकिन उन्हें उसी दिन छोड़ दिया गया.

मोहम्मद अदीब का कहना है कि इस तरह की हरकत से धार्मिक उन्माद पैदा होता है और ये मामला सोशल मीडिया पर भी एक घृणास्पद सामग्री के तौर पर फैलाया जा रहा है. झूठी और गलत अफवाहें भी फैलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि नमाज पढ़ने के स्थान तय किए गए हैं, जहां शुक्रवार की नमाज पढ़ने की इजाजत प्रशासन की तरफ से दी गई है.

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया जिसमें कोर्ट ने सांप्रदायिक घृणा अपराधों को रोकने के लिए राज्य मशीनरी के प्रभावी नहीं होने के बारे में टिप्पणी की थी. याचिकाकर्ता ने कहा कि हरियाणा के अधिकारी उस फैसले की अवमानना ​​कर रहे हैं और इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम में नहीं थम रहा खुले में नमाज का विवाद, अब मुस्लिम संगठनों में दो फाड़

इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति ने उन पर और एक वृत्तचित्र निर्माता पर लोगों को गुमराह करने तथा उकसाने का आरोप लगाया. संगठन ने शुक्रवार को खुले में नमाज अदा करने के खिलाफ चेतावनी भी दी. समिति के अध्यक्ष महावीर भारद्वाज ने कहा कि एक सौहार्द्रपूर्ण स्थिति में पहुंचने तक नमाज सिर्फ मस्जिदों और घरों में अदा की जाए.

उन्होंने कहा, 'हम धर्म पर नहीं बल्कि भूमि जिहाद पर हमला कर रहे हैं, जहां कुछ तत्व सार्वजनिक भूमि का अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे हैं.' पुलिस आयुक्त और उपायुक्त, दोनों ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

Last Updated : Dec 16, 2021, 11:52 PM IST
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