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फिर बढ़ सकती हैं बाबा रामदेव की मुश्किलें: बिलासपुर न्यायालय में परिवाद दायर - फिर बढ़ सकती हैं बाबा रामदेव की मुश्किलें

बाबा रामदेव (Guru Baba Ramdev) की मुश्किलें फिर बढ़ सकती है. एलोपैथिक मेडिसिन और डॉक्टरों को लेकर दिए बयान के खिलाफ बिलासपुर जिला कोर्ट में याचिका दायर की गई. जिस पर सात जून को सुनवाई होगी.

बाबा रामदेव
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Published : Jun 3, 2021, 9:13 AM IST

बिलासपुर : योग गुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बीच जारी विवाद के चलते बुधवार को बिलासपुर जिला कोर्ट में रामदेव के खिलाफ याचिका दायर की गई है. बिलासपुर के अधिवक्ता सैय्यद इशहादिल अली के माध्यम से आकाश स्वर्णकार ने रामकिशन यादव उर्फ बाबा स्वामी रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने परिवाद दायर की. याचिका में नफरत फैलाने समेत महामारी अधिनियम के तहत एफआई आर दर्ज कराने की मांग की गई, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है. मामले की सुनवाई सात जून को जुडिशियल मजिस्ट्रेट अभिनव डहरिया की कोर्ट में होगी.

बाबा रामदेव के खिलाफ बिलासपुर जिला कोर्ट में याचिका दायर

महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज
डॉ. अशोक स्वर्णकार के वकील सैय्यद इशहादिल अली ने कहा, स्वामी बाबा रामदेव का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने एलोपैथी इलाज व एलोपैथी में प्रैक्टिस करने वाले डाक्टरों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है. बाबा रामदेव के मुताबिक, कोरोना महामारी में लाखों लोगों की जान एलोपैथी की दवाई खाने से चली गई है. इस तरह के स्टेटमेंट देकर टीकाकरण अभियान को लेकर भी भ्रम की स्थिति पैदा कर कर रहे हैं. रामदेव के खिलाफ धारा 153(A) और महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पढ़ें- रामदेव ने अब ज्योतिष शास्त्र पर साधा निशाना, ज्योतिषाचार्यों ने कहा- बाबा खो बैठे हैं मानसिक संतुलन

क्या है पूरा मामला ?
योग गुरु रामदेव ने हाल ही में एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति को लेकर सवाल उठाए थे. उनके एक बयान को लेकर विवाद बढ़ गया था. रामदेव ने अपने बयान में कहा था कि एलोपैथी एक स्टूपिड और दिवालिया साइंस है. बाबा के इस बयान पर आईएमए ने नाराजगी जताई थी. आईएमए ने रामदेव के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा पत्र भेजे जाने के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था, लेकिन वार-पलटवार का दौर अब भी जारी है. विवाद के बीच रामदेव ने भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और फार्मा कंपनियों से 25 सवाल पूछे थे.

बिलासपुर : योग गुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बीच जारी विवाद के चलते बुधवार को बिलासपुर जिला कोर्ट में रामदेव के खिलाफ याचिका दायर की गई है. बिलासपुर के अधिवक्ता सैय्यद इशहादिल अली के माध्यम से आकाश स्वर्णकार ने रामकिशन यादव उर्फ बाबा स्वामी रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने परिवाद दायर की. याचिका में नफरत फैलाने समेत महामारी अधिनियम के तहत एफआई आर दर्ज कराने की मांग की गई, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है. मामले की सुनवाई सात जून को जुडिशियल मजिस्ट्रेट अभिनव डहरिया की कोर्ट में होगी.

बाबा रामदेव के खिलाफ बिलासपुर जिला कोर्ट में याचिका दायर

महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज
डॉ. अशोक स्वर्णकार के वकील सैय्यद इशहादिल अली ने कहा, स्वामी बाबा रामदेव का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने एलोपैथी इलाज व एलोपैथी में प्रैक्टिस करने वाले डाक्टरों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है. बाबा रामदेव के मुताबिक, कोरोना महामारी में लाखों लोगों की जान एलोपैथी की दवाई खाने से चली गई है. इस तरह के स्टेटमेंट देकर टीकाकरण अभियान को लेकर भी भ्रम की स्थिति पैदा कर कर रहे हैं. रामदेव के खिलाफ धारा 153(A) और महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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क्या है पूरा मामला ?
योग गुरु रामदेव ने हाल ही में एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति को लेकर सवाल उठाए थे. उनके एक बयान को लेकर विवाद बढ़ गया था. रामदेव ने अपने बयान में कहा था कि एलोपैथी एक स्टूपिड और दिवालिया साइंस है. बाबा के इस बयान पर आईएमए ने नाराजगी जताई थी. आईएमए ने रामदेव के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा पत्र भेजे जाने के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था, लेकिन वार-पलटवार का दौर अब भी जारी है. विवाद के बीच रामदेव ने भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और फार्मा कंपनियों से 25 सवाल पूछे थे.

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