लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदिपुरुष फिल्म के विरुद्ध दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड/भारतीय सेंसर बोर्ड को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी.
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने कुलदीप तिवारी और एक अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया. याची की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि बोर्ड द्वारा बिना प्रमाण पत्र प्राप्त किए, निर्माताओं ने फिल्म का प्रोमो (टीजर) जारी कर दिया जोकि स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है. अधिवक्ता के अनुसार याचिका में सीता का रोल करने वाली अभिनेत्री को अमर्यादित वस्त्रों में दिखाए जाने को लेकर भी आपत्ति की गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि भगवान राम और सीता के प्रति लोगों मे आस्था है. लेकिन उक्त फिल्म में उनका सौम्य रूप न प्रदर्शित कर अलग ही रूप प्रदर्शित किया जा रहा है.
याचिका में रावण के लुक को लेकर भी आपत्ति जताई गई है. कहा गया है कि पौराणिक चरित्रों को इस प्रकार चित्रित करने से हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. याचिका में यह भी कहा गया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में रामायण के मौलिक स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है, रामायण देश की संस्कृति, सभ्यता, आध्यात्म और धर्म का हिस्सा है, भगवान राम की पारम्परिक छवि शांत प्रिय है. जबकि फिल्म के टीजर में उन्हें एक प्रतिशोधी और गुस्सैल व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है. याचिका में राम, सीता और रावण का रोल निभा रहे एक्टर प्रभाष, कृति सेनन, सैफ अली खान के साथ ही हनुमान की भूमिका निभाने वाले देवदत्त नागे और लक्ष्मण की भूमिका कर रहे सनी सिंह को भी प्रतिवादी बनाया गया है. इसके अलावा फिल्म के निर्माताओं और निर्देशक ओम राऊत भी याचिका में प्रतिवादी हैं.
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