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भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा करने के लिए UNHRC का इस्तेमाल कर रहा पाकिस्तान

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के पहले सचिव पवन कुमार बाधे संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान इस बात को नजर अंदाज करता है कि आतंकवादियों द्वारा मानव आधिकारों का सबसे ज्यादा उल्लंघन किया जाता है. उन्होंने कहा कि निरंतर मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघनों से ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान यूएनएचआरसी का इस्तेमाल कर रहा है.

पवन कुमार बाधे
पवन कुमार बाधे
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Published : Mar 2, 2021, 4:13 PM IST

Updated : Mar 2, 2021, 8:22 PM IST

नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के पहले सचिव पवन कुमार बाधे संयुक्त राष्ट्र के मानव अधिकार परिषद (UNHRC) ने कहा है कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने के लिए इस मंच का जानबूझकर दुरुपयोग किया जा रहा है, ताकि वह अपने द्वारा किए रहे निरंतर मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघनों की ओर से परिषद का ध्यान हटा सके.

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तानी नेताओं ने इस बात को माना है कि पाकिस्तान आतंकियों का अड्डा बन गया है. हालांकि पाकिस्तान इस बात को नजर अंदाज करता है कि आतंकवादियों द्वारा मानव आधिकारों का सबसे ज्यादा उल्लंघन किया जाता है और आतंकवाद समर्थक मानव अधिकारों का सबसे बुरी तरह हनन करते हैं.

पवनकुमार बाधे ने आगे कहा कि राज्य की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इसे असाधारण हत्याएं और पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों के खिलाफ आवाज उठाने वालों की जबरन गिरफ्तारी की जाती है. इतना ही नहीं पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर इन लोगों का उत्पीड़न किया जाता है.

जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवनकुमार बधे ने कहा, 'खराब आर्थिक स्थिति वाला देश पाकिस्तान को एक अच्छी सलाह दी जाती है कि वह परिषद और उसके तंत्र का समय बर्बाद करना बंद करे, सरकार प्रायोजित सीमापार आतंकवाद पर रोक लगाये और मानव अधिकारों का संस्थागत उल्लंघन रोके.'

बधे ने कहा, 'इस परिषद के सदस्यों को अच्छी तरह से पता है कि पाकिस्तान ने खूंखार और सूचीबद्ध आतंकवादियों को सरकारी धन से पेंशन प्रदान की है और उसके यहां संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादियों की सबसे बड़ी संख्या है.'

भारतीय राजनयिक ने उल्लेख किया कि पाकिस्तानी नेताओं ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि 'वह आतंकवादी बनाने का अड्डा बन गया है.'

पढ़ें - अमेरिकी राजदूत ने लोकतंत्र बहाली के लिए म्यांमार सेना पर दबाव बढ़ाने की अपील की

भारत ने आर्गेनाइजेशन आफ इस्लामिक कान्फ्रेंस के जम्मू कश्मीर पर बयान को भी खारिज किया और कहा उसे इस तरह के मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है.

भारतीय राजनयिक ने कहा, 'हम ओआईसी के बयान में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के संदर्भ को खारिज करते हैं. जम्मू कश्मीर से संबंधित मामलों पर टिप्पणी करने का उसे कोई अधिकार नहीं है जो कि भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है.'

नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के पहले सचिव पवन कुमार बाधे संयुक्त राष्ट्र के मानव अधिकार परिषद (UNHRC) ने कहा है कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने के लिए इस मंच का जानबूझकर दुरुपयोग किया जा रहा है, ताकि वह अपने द्वारा किए रहे निरंतर मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघनों की ओर से परिषद का ध्यान हटा सके.

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तानी नेताओं ने इस बात को माना है कि पाकिस्तान आतंकियों का अड्डा बन गया है. हालांकि पाकिस्तान इस बात को नजर अंदाज करता है कि आतंकवादियों द्वारा मानव आधिकारों का सबसे ज्यादा उल्लंघन किया जाता है और आतंकवाद समर्थक मानव अधिकारों का सबसे बुरी तरह हनन करते हैं.

पवनकुमार बाधे ने आगे कहा कि राज्य की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इसे असाधारण हत्याएं और पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों के खिलाफ आवाज उठाने वालों की जबरन गिरफ्तारी की जाती है. इतना ही नहीं पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर इन लोगों का उत्पीड़न किया जाता है.

जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवनकुमार बधे ने कहा, 'खराब आर्थिक स्थिति वाला देश पाकिस्तान को एक अच्छी सलाह दी जाती है कि वह परिषद और उसके तंत्र का समय बर्बाद करना बंद करे, सरकार प्रायोजित सीमापार आतंकवाद पर रोक लगाये और मानव अधिकारों का संस्थागत उल्लंघन रोके.'

बधे ने कहा, 'इस परिषद के सदस्यों को अच्छी तरह से पता है कि पाकिस्तान ने खूंखार और सूचीबद्ध आतंकवादियों को सरकारी धन से पेंशन प्रदान की है और उसके यहां संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादियों की सबसे बड़ी संख्या है.'

भारतीय राजनयिक ने उल्लेख किया कि पाकिस्तानी नेताओं ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि 'वह आतंकवादी बनाने का अड्डा बन गया है.'

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भारत ने आर्गेनाइजेशन आफ इस्लामिक कान्फ्रेंस के जम्मू कश्मीर पर बयान को भी खारिज किया और कहा उसे इस तरह के मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है.

भारतीय राजनयिक ने कहा, 'हम ओआईसी के बयान में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के संदर्भ को खारिज करते हैं. जम्मू कश्मीर से संबंधित मामलों पर टिप्पणी करने का उसे कोई अधिकार नहीं है जो कि भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है.'

Last Updated : Mar 2, 2021, 8:22 PM IST
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