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सरकार को COCOMI की चुनौती, ना हथियार डालेंगे और ना ही सैन्य अभियान की अनुमति देंगे

मणिपुर इंटीग्रिटी समन्वय समिति (COCOMI) ने मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले के पैलेस कंपाउंड, इबोयाइमा शुमंग लीला सांगलेन में आयोजित एक जन सम्मेलन में चिन-कुकी नार्को आतंकवादियों के खिलाफ मणिपुरी राष्ट्रीय युद्ध की घोषणा की है. इसके साथ उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को भी कई सहाल दी है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 8, 2023, 11:40 AM IST

इंफाल : जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में एक महीने से अधिक समय से स्थिति अस्थिर बनी हुई है. घाटी स्थित नागरिक समाज संगठनों के एक शीर्ष निकाय, मणिपुर इंटीग्रिटी समन्वय समिति (COCOMI) ने चिन-कुकी नार्को आतंकवादियों के खिलाफ राष्ट्रीय युद्ध की घोषणा की है. बुधवार को एक दिवसीय सम्मेलन में यह फैसला लिया गया. कन्वेंशन के मॉडरेटर आरके निमाई और समन्वयक जीतेंद्र निंगोंबा ने एक संयुक्त घोषणा में कहा कि भारत सरकार को चिन-कुकी नार्को-आतंकवादियों और मेइती लोगों के बीच मौजूदा संघर्ष की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

  • A day after a massive revelation from Meitei Leepun Chief, Mr Pramot Singh, COCOMI announced 'Manipuri National War' against Chin-Kuki groups yesterday.

    The declaration also went on to state that 'No arms will be submitted/surrendered ' also no operation should be allowed to be… pic.twitter.com/mC5l1SovPX

    — Dr. Lamtinthang Haokip (@DrLamtinthangHk) June 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सम्मेलन के बाद जारी बयान में कहा गया कि समिति स्वदेशी समुदायों के सभी भाइयों से अपील करता है दुश्मन को हराने के लिए सामूहिक युद्ध छेड़ने में अपना हाथ बटाएं. बयान में यह भी कहा गया कि एक 'सार्वजनिक आपातकाल' लागू है, जिसके कारण चिकित्सा आपातकाल, धर्म और अंतिम संस्कार से संबंधित आवश्यक मामलों को छोड़कर किसी भी सार्वजनिक मनोरंजन गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक रहेगी.

सरकार से और हथियार देने की मांग
समिति के बयान में यह भी कहा गया कि जबतक हमारी मातृभूमि मणिपुर की मिट्टी से नार्को-आतंकवादियों और संबंधित बाहरी हमलावरों का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता और शांति बहाल नहीं हो जाती, तब तक हम हथियार नहीं डालेंगे. बयान में कहा गया कि वर्तमान समय हथियारों को हमसे दूर करने का नहीं है बल्कि हमें और अधिक हथियार दिए जाने के लिए है.

घाटी में सैन्य गतिविधियों पर कही बड़ी बात
बयान में कहा गया है कि सरकार को मणिपुर की रक्षा और सुरक्षा के लिए लोगों को हथियार देना चाहिए. इसलिए मणिपुर के लोग हथियार जमा करने के सरकार के आह्वान को स्वीकार नहीं कर सकते. इसके अलावा, हम घाटी में किसी भी सैन्य अभियान की अनुमति नहीं देंगे. COCOMI सम्मेलन में यह फैसला लिया गया कि जबतक सरकार कुकी आतंकवादियों पर लगाम नहीं लगाती है, उनके हथियार नहीं लेती है तब तक उनकी ओर से भी हथियार जमा नहीं किये जायेंगे.

एक समर्पित बल का गठन की मांग
सम्मेलन में मणिपुर सरकार से 'विशेष ग्राम रक्षा बल' जैसे एक समर्पित बल का गठन की मांग की गई. ताकि लोग अपने गांवों के साथ-साथ राज्य की रक्षा कर सकें. कोकोमी ने कहा कि लीकाई स्थानीय क्लब संगठन भी इससे जुड़ेंगे और इसमें मदद करेंगे. एक सक्रिय युद्ध के इस मोड़ पर भी, बाजार खुले रहेंगे ताकि किसी भी आवश्यक आवश्यकता को बिना किसी बाधा के पूरा किया जा सके.

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लंबित शस्त्र लाइसेंस आवेदनों को मिले मंजूरी
कोकोमी ने यह भी मांग की कि मणिपुर सरकार को कानून के अनुसार नागरिकों की आत्मरक्षा के लिए सभी लंबित शस्त्र लाइसेंस आवेदनों को मंजूरी देनी चाहिए. COCOMI ने 4 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे एक पत्र में कहा था कि स्थानीय युवा हथियार डालने को तैयार नहीं हैं क्योंकि कुकी उग्रवादियों के हमले तेज हो रहे हैं.

इंफाल : जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में एक महीने से अधिक समय से स्थिति अस्थिर बनी हुई है. घाटी स्थित नागरिक समाज संगठनों के एक शीर्ष निकाय, मणिपुर इंटीग्रिटी समन्वय समिति (COCOMI) ने चिन-कुकी नार्को आतंकवादियों के खिलाफ राष्ट्रीय युद्ध की घोषणा की है. बुधवार को एक दिवसीय सम्मेलन में यह फैसला लिया गया. कन्वेंशन के मॉडरेटर आरके निमाई और समन्वयक जीतेंद्र निंगोंबा ने एक संयुक्त घोषणा में कहा कि भारत सरकार को चिन-कुकी नार्को-आतंकवादियों और मेइती लोगों के बीच मौजूदा संघर्ष की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

  • A day after a massive revelation from Meitei Leepun Chief, Mr Pramot Singh, COCOMI announced 'Manipuri National War' against Chin-Kuki groups yesterday.

    The declaration also went on to state that 'No arms will be submitted/surrendered ' also no operation should be allowed to be… pic.twitter.com/mC5l1SovPX

    — Dr. Lamtinthang Haokip (@DrLamtinthangHk) June 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सम्मेलन के बाद जारी बयान में कहा गया कि समिति स्वदेशी समुदायों के सभी भाइयों से अपील करता है दुश्मन को हराने के लिए सामूहिक युद्ध छेड़ने में अपना हाथ बटाएं. बयान में यह भी कहा गया कि एक 'सार्वजनिक आपातकाल' लागू है, जिसके कारण चिकित्सा आपातकाल, धर्म और अंतिम संस्कार से संबंधित आवश्यक मामलों को छोड़कर किसी भी सार्वजनिक मनोरंजन गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक रहेगी.

सरकार से और हथियार देने की मांग
समिति के बयान में यह भी कहा गया कि जबतक हमारी मातृभूमि मणिपुर की मिट्टी से नार्को-आतंकवादियों और संबंधित बाहरी हमलावरों का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता और शांति बहाल नहीं हो जाती, तब तक हम हथियार नहीं डालेंगे. बयान में कहा गया कि वर्तमान समय हथियारों को हमसे दूर करने का नहीं है बल्कि हमें और अधिक हथियार दिए जाने के लिए है.

घाटी में सैन्य गतिविधियों पर कही बड़ी बात
बयान में कहा गया है कि सरकार को मणिपुर की रक्षा और सुरक्षा के लिए लोगों को हथियार देना चाहिए. इसलिए मणिपुर के लोग हथियार जमा करने के सरकार के आह्वान को स्वीकार नहीं कर सकते. इसके अलावा, हम घाटी में किसी भी सैन्य अभियान की अनुमति नहीं देंगे. COCOMI सम्मेलन में यह फैसला लिया गया कि जबतक सरकार कुकी आतंकवादियों पर लगाम नहीं लगाती है, उनके हथियार नहीं लेती है तब तक उनकी ओर से भी हथियार जमा नहीं किये जायेंगे.

एक समर्पित बल का गठन की मांग
सम्मेलन में मणिपुर सरकार से 'विशेष ग्राम रक्षा बल' जैसे एक समर्पित बल का गठन की मांग की गई. ताकि लोग अपने गांवों के साथ-साथ राज्य की रक्षा कर सकें. कोकोमी ने कहा कि लीकाई स्थानीय क्लब संगठन भी इससे जुड़ेंगे और इसमें मदद करेंगे. एक सक्रिय युद्ध के इस मोड़ पर भी, बाजार खुले रहेंगे ताकि किसी भी आवश्यक आवश्यकता को बिना किसी बाधा के पूरा किया जा सके.

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लंबित शस्त्र लाइसेंस आवेदनों को मिले मंजूरी
कोकोमी ने यह भी मांग की कि मणिपुर सरकार को कानून के अनुसार नागरिकों की आत्मरक्षा के लिए सभी लंबित शस्त्र लाइसेंस आवेदनों को मंजूरी देनी चाहिए. COCOMI ने 4 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे एक पत्र में कहा था कि स्थानीय युवा हथियार डालने को तैयार नहीं हैं क्योंकि कुकी उग्रवादियों के हमले तेज हो रहे हैं.

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