ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड के इस क्षेत्र में गैस सिलेंडर ‌₹2000 तो टमाटर ₹100 किलो पहुंचा...जानें क्यों?

नैनीताल की काठगोदाम-हैड़ाखान रोड पिछले 10 दिनों से बाधित (Kathgodam Haidakhan road blocked) है. इस कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं. मार्ग बंद होने के कारण गांवों तक रसद और अन्य जरूरी सामान पहुंचाना मुश्किल हो गया है. इस मामले पर जब विधायक राम सिंह कैड़ा से बात की गई तो उनका कहना है कि उन्होंने इस स्थान का स्थलीय निरीक्षण किया है. भू विज्ञानिकों की टीम सही आंकलन कर बताएगी. अगर दूसरा मार्ग बनाना पड़ेगा तो वो भी किया जाएगा. इसके लिए वो एक साल की विधायक निधि भी यहां खर्च करने को तैयार हैं.

Etv Bharat
काठगोदाम हैड़ाखान रोड पिछले 10 दिनों से बाधित
author img

By

Published : Nov 24, 2022, 3:34 PM IST

Updated : Nov 24, 2022, 4:15 PM IST

हल्द्वानी (उत्तराखंड): नैनीताल जिले में रोड बंद (Kathgodam Haidakhan road blocked) होने की वजह से ग्रामीणों की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. यह मार्ग 14 नवंबर की सुबह से भारी भूस्खलन की वजह से बंद है. इस मार्ग के बंद होने से हैड़ाखान और उसके आसपास के कई गांवों से संपर्क कट गया है. जिसके कारण खाद्यान्न, गैस और स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई हैं. वहीं, विधायक राम सिंह कैड़ा भी इस स्थिति ने वाकिफ हैं. उनका कहना है कि इस जगह का सही परीक्षण होने के बाद पूरी स्थिति का पता चलेगा. वो एक साल की विधायक निधि भी अपनी यहां खर्च करने के लिए तैयार हैं.

दरअसल, काठगोदाम थाने से दो किलोमीटर आगे सड़क पर 14 नवंबर से भूस्खलन हो रहा है. लोक निर्माण विभाग ने पोकलैंड मशीन लगाकर मलबा हटाने का काम शुरू किया था लेकिन पहाड़ी लगातार दरक रही है जिससे मलबा फिर सड़क पर आ रहा है. फिलहाल लोनिवि ने मलबा हटाने के काम रोका है. स्थिति को परखने के लिए लोक निर्माण विभाग ने भू विज्ञानिकों को भी सर्वे के लिए बुलाया था. टीम ने स्थलीय निरीक्षण कर मिट्टी के सैंपल लिए हैं.

काठगोदाम हैड़ाखान रोड पिछले 10 दिनों से बाधित

लोनिवि के अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता ने बताया कि अभी लैब में परीक्षण के बाद असल स्थिति का पता चलेगा. अभी फिलहाल सुरक्षा के मद्देनजर इस मार्ग को नहीं खोला जा रहा है. बताया जा रहा है कि ये पहाड़ी कमजोर हो चुकी है और मलबा हटाने पर पूरा पहाड़ दरक सकता है जो खतरे से खाली नहीं है. करीब 120 गांव के लोग इस मार्ग बंद होने से परेशान हैं.
पढ़ें- सेफ्टी ऑडिट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, उत्तराखंड में 36 पुलों पर चलना खतरनाक!

15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है: हल्द्वानी और बाहर से आने जाने वाले लोग पैदल ही अपने गंतव्य की ओर जा रहे हैं. काठगोदाम हल्द्वानी से रोसिल, मटेला, खनस्यू हरीशताल जाने वाले लोगों को 10 से 15 किलोमीटर का पैदल सफर जंगल के रास्ते से तय करना पड़ रहा है. सड़क बंद होने के बाद ग्रामीणों को मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. ग्रामीणों का कहना है जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन सब इस मामले में उदासीन हैं. जिसके कारण अगले कई दिनों तक सड़क खुलने की कोई भी उम्मीद नजर नहीं आ रही है. कई लोग ऐसे हैं जिनके घरों में शादियां हैं. कुछ लोगों को गांव से नौकरी के चक्कर में रोज हल्द्वानी आना पड़ता है. सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

सिलेंडर 2000 तो टमाटर 100 रुपये किलो: गांवों तक रसद और अन्य जरूरी सामान पहुंचाना मुश्किल हो गया है. पहले सामान को हल्द्वानी से खरीदकर मलबे वाली जगह तक लाया जाता है. फिर सिलेंडर, सब्जी और अन्य जरूरी सामान सिर पर लादकर लोग बैंड नंबर नौ तक पहुंचते हैं. यहां से फिर दूसरे वाहनों से सामान को गांवों में पहुंचाया जा रहा है. सामान की कमी के चलते दाम बढ़ गए हैं. घरेलू सिलिंडर 2000 रुपये, टमाटर 100 रुपये किलो, आलू 80 रुपये किलो, बंदगोभी 70 रुपये किलो मिल रही है. पेट्रोल और डीजल 150 रुपये लीटर तक बिक रहा है. ग्रामीण पहले हल्द्वानी तक 50 से 70 रुपये में पहुंचते थे. अब दो जगह वाहन बदलने की वजह से हल्द्वानी तक आने में ही ग्रामीणों को 150 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं.
पढ़ें- नैनीताल के आलूखेत में भूस्खलन से खतरा बढ़ा, लोगों ने लगाई विस्थापन की गुहार

क्या कहते हैं विधायक: लोगों को हो रही तमाम दिक्कतों को लेकर ईटीवी भारत ने भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा ने फोन पर बात की. फोन पर बात करते हुए विधायक ने कहा कि वो बीते दिनों स्थलीय निरीक्षण करने गये थे. हालात खराब हैं. अगले 5 से 10 दिनों में वैकल्पिक दो मार्ग बना दिए जाएंगे, जिससे ग्रामीणों की दिक्कतें कम होंगी. उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी इस बारे में उनकी बातचीत हुई है. सीएम ने कहा जल्द ही इस सड़क का निर्माण करवाया जाएगा. उससे पहले भू-वैज्ञानिकों की एक टीम इस सड़क का निरीक्षण करेगी. अगर यह मार्ग दोबारा से खतरे की जद में रहेगा तो कहीं और से इस मार्ग को बनाया जाएगा. विधायक ने कहा वो एक साल की विधायक निधि भी अपनी यहां खर्च करने के लिए तैयार हैं.

हल्द्वानी (उत्तराखंड): नैनीताल जिले में रोड बंद (Kathgodam Haidakhan road blocked) होने की वजह से ग्रामीणों की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. यह मार्ग 14 नवंबर की सुबह से भारी भूस्खलन की वजह से बंद है. इस मार्ग के बंद होने से हैड़ाखान और उसके आसपास के कई गांवों से संपर्क कट गया है. जिसके कारण खाद्यान्न, गैस और स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई हैं. वहीं, विधायक राम सिंह कैड़ा भी इस स्थिति ने वाकिफ हैं. उनका कहना है कि इस जगह का सही परीक्षण होने के बाद पूरी स्थिति का पता चलेगा. वो एक साल की विधायक निधि भी अपनी यहां खर्च करने के लिए तैयार हैं.

दरअसल, काठगोदाम थाने से दो किलोमीटर आगे सड़क पर 14 नवंबर से भूस्खलन हो रहा है. लोक निर्माण विभाग ने पोकलैंड मशीन लगाकर मलबा हटाने का काम शुरू किया था लेकिन पहाड़ी लगातार दरक रही है जिससे मलबा फिर सड़क पर आ रहा है. फिलहाल लोनिवि ने मलबा हटाने के काम रोका है. स्थिति को परखने के लिए लोक निर्माण विभाग ने भू विज्ञानिकों को भी सर्वे के लिए बुलाया था. टीम ने स्थलीय निरीक्षण कर मिट्टी के सैंपल लिए हैं.

काठगोदाम हैड़ाखान रोड पिछले 10 दिनों से बाधित

लोनिवि के अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता ने बताया कि अभी लैब में परीक्षण के बाद असल स्थिति का पता चलेगा. अभी फिलहाल सुरक्षा के मद्देनजर इस मार्ग को नहीं खोला जा रहा है. बताया जा रहा है कि ये पहाड़ी कमजोर हो चुकी है और मलबा हटाने पर पूरा पहाड़ दरक सकता है जो खतरे से खाली नहीं है. करीब 120 गांव के लोग इस मार्ग बंद होने से परेशान हैं.
पढ़ें- सेफ्टी ऑडिट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, उत्तराखंड में 36 पुलों पर चलना खतरनाक!

15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है: हल्द्वानी और बाहर से आने जाने वाले लोग पैदल ही अपने गंतव्य की ओर जा रहे हैं. काठगोदाम हल्द्वानी से रोसिल, मटेला, खनस्यू हरीशताल जाने वाले लोगों को 10 से 15 किलोमीटर का पैदल सफर जंगल के रास्ते से तय करना पड़ रहा है. सड़क बंद होने के बाद ग्रामीणों को मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. ग्रामीणों का कहना है जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन सब इस मामले में उदासीन हैं. जिसके कारण अगले कई दिनों तक सड़क खुलने की कोई भी उम्मीद नजर नहीं आ रही है. कई लोग ऐसे हैं जिनके घरों में शादियां हैं. कुछ लोगों को गांव से नौकरी के चक्कर में रोज हल्द्वानी आना पड़ता है. सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

सिलेंडर 2000 तो टमाटर 100 रुपये किलो: गांवों तक रसद और अन्य जरूरी सामान पहुंचाना मुश्किल हो गया है. पहले सामान को हल्द्वानी से खरीदकर मलबे वाली जगह तक लाया जाता है. फिर सिलेंडर, सब्जी और अन्य जरूरी सामान सिर पर लादकर लोग बैंड नंबर नौ तक पहुंचते हैं. यहां से फिर दूसरे वाहनों से सामान को गांवों में पहुंचाया जा रहा है. सामान की कमी के चलते दाम बढ़ गए हैं. घरेलू सिलिंडर 2000 रुपये, टमाटर 100 रुपये किलो, आलू 80 रुपये किलो, बंदगोभी 70 रुपये किलो मिल रही है. पेट्रोल और डीजल 150 रुपये लीटर तक बिक रहा है. ग्रामीण पहले हल्द्वानी तक 50 से 70 रुपये में पहुंचते थे. अब दो जगह वाहन बदलने की वजह से हल्द्वानी तक आने में ही ग्रामीणों को 150 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं.
पढ़ें- नैनीताल के आलूखेत में भूस्खलन से खतरा बढ़ा, लोगों ने लगाई विस्थापन की गुहार

क्या कहते हैं विधायक: लोगों को हो रही तमाम दिक्कतों को लेकर ईटीवी भारत ने भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा ने फोन पर बात की. फोन पर बात करते हुए विधायक ने कहा कि वो बीते दिनों स्थलीय निरीक्षण करने गये थे. हालात खराब हैं. अगले 5 से 10 दिनों में वैकल्पिक दो मार्ग बना दिए जाएंगे, जिससे ग्रामीणों की दिक्कतें कम होंगी. उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी इस बारे में उनकी बातचीत हुई है. सीएम ने कहा जल्द ही इस सड़क का निर्माण करवाया जाएगा. उससे पहले भू-वैज्ञानिकों की एक टीम इस सड़क का निरीक्षण करेगी. अगर यह मार्ग दोबारा से खतरे की जद में रहेगा तो कहीं और से इस मार्ग को बनाया जाएगा. विधायक ने कहा वो एक साल की विधायक निधि भी अपनी यहां खर्च करने के लिए तैयार हैं.

Last Updated : Nov 24, 2022, 4:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.